मेधा पाटकर 80 के दशक से ही सरदार सरोवर बांध का विरोध क्यों कर रही है?
इसके पीछे की सच्चाई यह है कि ऊर्जा की बड़ी जरूरत को पूरा करने वाली इस पूरे परियोजना को रोकने में अमेरिका और वर्ल्ड बैंक की जबरदस्त भूमिका है।
इंटरनेशनल इन्वॉरमेंटर कम्युनिटी ने 1987 व 1989 में मेधा पाटकर के दो अमेरिकी यात्रा को फंड किया था।
इनवॉरमेंटर डिफेंस फंड (EDF) के लोरी उडाल ने मेधा पाटकर और वर्ल्ड बैंक अधिकारियों के बीच बैठक का आयोजन किया था।
#उडाल ने ही भारत के गुजरात में निर्मित होने वाली इस बांध को रोकने के लिए उत्तरी अमेरिका, यूरोप, जापान और आस्ट्रेलिया में नर्मदा एक्शन कमेटी का निर्माण व विस्तार किया था, जिसका कुल मकसद पर्यावरण व पुनर्वास के नाम पर इस पूरे परियोजना को बंद कराने का था ताकि भारत ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर न बन सके।
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