Posted in Harshad Ashodiya

सब लोग भगवान से मांगते है .


सब लोग भगवान से मांगते है . बुरा नहीं है . लेकिन हम को भगवान से हमारी हेसियत के अनुसार मिलता है। रिस्ता बना के भगवान से मांगोगे तो उसमे सुगंध रहेगी। जैसे गाड़ी मे सेठ बैठा है और बाहर भिखारी कुछ पैसा मांगता है तो सेठ गाड़ी का काँच तोडा नीचे करके उनको एक रुपिया दे देता है।… वही सेठ के पास उसका लड़का पैसे मांगता है तो कहना नहीं पड़ता मुनीम से कह कर ले लेता है। दोनो मे फर्क देखो. आप भगवान से कौन सा रिस्ता बना के मांगोगे ?
कृष्णा ने गीता मे कहा है आप किनसे भी मांगोगे तो सब विनंती मेरे पास ही आती है। आप की पत्नी आप से साडी मांगती है सायद उसको अगले महीने देना चाहते है तो वो पड़ोसी के भाई से मांगती है तो आपको कैसा लगेगा ? आप भगवान को छौड कर दरगाह और साई के पास मांगोगे मतलब पत्नी का पड़ोसी के पास मांगना. एक बार दरगाह का इतिहास तो पढ़ो …साई का इतिहास तो पढ़ो।…..फिर माथा टेकना. मेरा ये कहना है आज लोग भगवान राम और कृष्णा से मांगना चाहिये रिस्ता बनाके। पति होते हुए पड़ोसी से मॅग्ना मतलब। कोई दरगाह मे जाके माथा टेकना। साई के पास मांगना…

सब लोग भगवान से मांगते है . बुरा नहीं है . लेकिन हम को भगवान से हमारी हेसियत के अनुसार मिलता है। रिस्ता बना के भगवान से मांगोगे तो उसमे सुगंध रहेगी। जैसे गाड़ी मे सेठ बैठा है और बाहर भिखारी कुछ पैसा मांगता है तो सेठ गाड़ी का काँच तोडा नीचे करके उनको एक रुपिया दे देता है।... वही सेठ के पास उसका लड़का पैसे मांगता है तो कहना नहीं पड़ता मुनीम से कह कर ले लेता है। दोनो मे फर्क देखो. आप भगवान से कौन सा रिस्ता बना के मांगोगे ? 
कृष्णा ने गीता मे कहा है आप किनसे भी मांगोगे तो सब विनंती मेरे पास ही आती है। आप की पत्नी आप से साडी मांगती है सायद उसको अगले महीने देना चाहते है तो वो पड़ोसी के भाई से मांगती है तो आपको कैसा लगेगा ? आप भगवान को छौड कर दरगाह और साई के पास मांगोगे मतलब पत्नी का पड़ोसी के पास मांगना. एक बार दरगाह का इतिहास तो पढ़ो ...साई का इतिहास तो पढ़ो।.....फिर माथा टेकना.  मेरा ये कहना है आज लोग भगवान राम और कृष्णा से मांगना चाहिये रिस्ता बनाके। पति होते हुए पड़ोसी से मॅग्ना मतलब। कोई दरगाह मे जाके माथा टेकना। साई के पास मांगना...
Posted in Harshad Ashodiya

भगवान के विचार हमारे जीवन मे , घर घर , समाज मे और विस्व मे जाने चाहिये


मई जब लंडन गया था . तब देखा १००० मेसे एक आदमी होगा जिसको बाइबल ना आती हो . सब को बाइबल पता और पढ़ाई के साथ . वहा सादी भी पादरी उनको ही करवाता है जो सनडे रेग्युलर चर्च मे जाता हो . हमारे यहा भी आइसा ही था . जो जनेऊ धारण करते उनको ही सादी का हक मिलता था। मई आज यहा कह रहा हु . भारत मे लोग कितना पासा दान देते है ? सिर्फ बम्बई मे गणेश पंडाल मे १२ किलो सोना !!!!! लेकिन ज्ञान के बारे मे सून्‍य …!! किसीको रामायण , महाभारत, गीता वेद और गणेश के बारे मे कुछ नहीं पता. और जो मदिरो मे पैसा चढ़ावा दिया जाता है वो तो हज के सब सीडी और माड्रेसा मे चला जाता है .
ये ज्ञान विस्तार की बात कौन करेगा ? हम भगवान को जब पैसा देते है तो वो भगवान का बन जाता है . उनका अधिकार बन जाता है . भगवान को कभी पूछा की आपके पैसो का हम क्या करे ? गीता मे कहा है …जरा पढ़ो तो सही।
आज भगवान का सारा पैसा उनके विचारो के प्रसार मे लगाना चाहिये . रामायण , गीता , महाभारत और वेद मानव मात्रा के लिये है वो समाज मे जाने चाहिये . मई पूछता हु आप अपने लड़को मे तेजस्विता , साहसिकता, निडरता, सत्यप्रियता, मातृभक्त , पितृ भक्त देखना चाहते हैकि नहीं ? ये सब गुण कहा मिलेंगे ? बुजुर्गो से अलग रह कर पति कमाने जाता है पत्नी कमाने जाती है समय कब मिलेगा ?
लोग मानते है वेद भक्ति विसायक है ….लेकिन सत्य यह है वेद जीवन विसायक है. वस्तु शास्त्रा ( घर बनाने के लिये ), आयुर्वेद ( दवा के लिये ) गान्धर्वा वेद ( संगीत कला ) इत्यादि वेद से ही लिया गया है.
मई एक सत्य उदाहरण देता हु रामायण पढ़ने के बाद स्त्री के पति के लिये फरियाद काम हो जाती है सीता का राम के लिये प्यार देख कर उनको भी आइसा बनाने को जी चाहता है
इतनाही कहता हु . भगवान के विचार हमारे जीवन मे , घर घर , समाज मे और विस्व मे जाने चाहिये

मई जब लंडन गया था . तब देखा १००० मेसे एक आदमी होगा जिसको बाइबल ना आती हो . सब को बाइबल पता और पढ़ाई के साथ . वहा सादी भी पादरी उनको ही करवाता है जो सनडे रेग्युलर चर्च मे जाता हो . हमारे यहा भी आइसा ही था . जो जनेऊ धारण करते उनको ही सादी का हक मिलता था। मई आज यहा कह रहा हु . भारत मे लोग कितना पासा दान देते है ? सिर्फ बम्बई मे गणेश पंडाल मे १२ किलो सोना !!!!! लेकिन ज्ञान के बारे मे सून्‍य ...!! किसीको रामायण , महाभारत, गीता वेद और गणेश के बारे मे कुछ नहीं पता. और जो मदिरो मे पैसा चढ़ावा दिया जाता है वो तो हज के सब सीडी और माड्रेसा मे चला जाता है . 
ये ज्ञान विस्तार की बात कौन करेगा ? हम भगवान को जब पैसा देते है तो वो भगवान का बन जाता है . उनका अधिकार बन जाता है . भगवान को कभी पूछा की आपके पैसो का हम क्या करे ? गीता मे कहा है ...जरा पढ़ो तो सही। 
आज भगवान का सारा पैसा उनके विचारो के प्रसार मे लगाना चाहिये . रामायण , गीता , महाभारत और वेद मानव मात्रा के लिये है वो समाज मे जाने चाहिये . मई पूछता हु आप अपने लड़को मे तेजस्विता , साहसिकता, निडरता, सत्यप्रियता, मातृभक्त , पितृ भक्त देखना चाहते हैकि  नहीं ? ये सब गुण  कहा मिलेंगे ? बुजुर्गो से अलग रह कर पति कमाने जाता है पत्नी कमाने जाती है समय कब मिलेगा ? 
लोग मानते है वेद भक्ति विसायक है ....लेकिन सत्य यह है वेद जीवन विसायक है. वस्तु शास्त्रा  ( घर बनाने के लिये ), आयुर्वेद ( दवा के लिये ) गान्धर्वा वेद ( संगीत कला ) इत्यादि वेद  से ही लिया गया है.
मई एक सत्य  उदाहरण देता हु  रामायण पढ़ने के बाद स्त्री के पति के लिये फरियाद काम हो जाती  है सीता का राम के लिये प्यार देख कर उनको भी आइसा बनाने को जी चाहता है 
इतनाही कहता हु . भगवान के विचार हमारे जीवन मे , घर घर , समाज मे और विस्व मे जाने चाहिये
Posted in Harshad Ashodiya

जो भगवन के साथ है उतने ही हमारे है . जो भगवान के साथ थे वाही बच गए , पांडव, मीराबाई जहर खा के …भक्त प्रह्लाद ..द्रौपदी ….और हम


जिस तरह महाभारत का कर्ण आज सबको महान लगता है उसी प्रकार सेक्युलर कुत्ते आज सब को महान लगते है . (जिस उम्र में बच्चे खेलते थे उस उम्र में मई महाभारत का तार्किक अभ्यास करता था . मुझसे कोई अभ्यास करके ही दलील करे ) कर्ण हमेशा दुर्योधन को प्रोत्शाहित करता था और कर्ण एक ऐसा योद्धा था जिसके सामने समस्त पृत्वी पे कोई सामना नहीं कर सकता . और दुर्योधन को उस बात से पांडवो पे विजय ली अभिलाषा थी . इतनी बात लोगो को समझनी चाहिए .
लोग कहते है रावण महान था. कोई सक नहीं . लईकिन उनके विचार उनके आचार से अलग थे ये लोगो को समझना चाहिए. कित्नाभी महान हो लेकिन वो राक्षशी संस्कृति थी ये मई एक बात में समजाऊगा. सुपर्णखा के नाक कान काट जाने के बाद जब भरी सभा में रावण को फरियाद करने आती है तो ये नहीं कहती के मेरे नाक कण काट दिए पहले ये कहती है के वन में एक सुन्दर कन्या देखि है और सीता माता का वो शारीरिक वर्णन करती है वो भी भरी सभामे. इतनी लोगो के सामने ..वो संस्कृति कैसी होगी ?
मुझे इतनाही कहना है जो भगवन के साथ है उतने ही हमारे है . जो भगवान के साथ थे वाही बच गए , पांडव, मीराबाई जहर खा के …भक्त प्रह्लाद ..द्रौपदी ….और हम

जिस तरह महाभारत का कर्ण आज सबको महान लगता है उसी प्रकार सेक्युलर कुत्ते आज सब को महान लगते है . (जिस उम्र में बच्चे खेलते थे उस उम्र में मई महाभारत का तार्किक अभ्यास करता था . मुझसे कोई अभ्यास करके ही दलील करे ) कर्ण हमेशा दुर्योधन को प्रोत्शाहित करता था और कर्ण एक ऐसा योद्धा था जिसके सामने समस्त पृत्वी पे कोई सामना नहीं कर सकता . और दुर्योधन को उस बात से पांडवो पे विजय ली अभिलाषा थी . इतनी बात लोगो को समझनी  चाहिए .
लोग कहते है रावण महान था.  कोई सक नहीं . लईकिन उनके विचार उनके आचार से अलग थे ये लोगो को समझना चाहिए. कित्नाभी महान हो लेकिन वो राक्षशी संस्कृति थी ये मई एक बात में समजाऊगा. सुपर्णखा के नाक कान काट जाने के बाद जब भरी सभा में रावण को फरियाद करने आती है तो ये नहीं कहती के मेरे नाक कण काट दिए पहले ये कहती है के वन में एक सुन्दर कन्या देखि है और सीता माता का वो शारीरिक  वर्णन करती है वो भी भरी सभामे. इतनी लोगो के सामने ..वो संस्कृति कैसी होगी ? 
मुझे इतनाही कहना है जो भगवन के साथ है उतने ही हमारे है . जो भगवान के साथ थे वाही बच गए , पांडव, मीराबाई जहर खा के ...भक्त प्रह्लाद ..द्रौपदी ....और हम
Posted in Harshad Ashodiya

रामायण और महाभारत (गीता) हमारे जीवन में आणि चाहिए .


मै ग़ांधी के खिलाफ नहीं हु और ग़ांधी के समर्थक भी नहीं हु. आज ग़ांधी जयंती पे इतनाही कहूँगा की कोई महात्मा और साधुवाद देस को चला नहीं सकता उनके लिए सिर्फ कृष्णा की नीति ही चाहिए . आज भारत को १००० साल क्यों मोगलो और अग्रेजो से भुगतना पड़ा ? कभी सोचा आपने ? बस इतनाही कहूँगा हम कृष्णा की नीति को भूल गए तब से .. १८ बार आक्रमण करने के बाद भी हिन्दू राजा उनको छोड़ देता है और दुसमन उनको मार देता है .??? कभी तो इतिहास को समजो .
रामायण और महाभारत एक इतिहास है. रामायण एक परिवार का सूत्र लेके आदमी को मानव बनता है दूसरा महाभारत समाज का सूत्र लेके समाज को आगे बढ़ता है .
images (1)

Posted in Harshad Ashodiya

ग़ांधी जयंती के अवसर पर


कृष्णा ने असुरो को क्यों मारा ? राम ने रावण को क्यों मारा ? कभी सोचा आपने ? वो निसंदेह भगवन ही थे . भगवान थे तो वो ऊपर बैठे बैठे भी रावण और कंश को ऊपर भेज सकते थे उनको अवतार लेने की क्या आवस्यकता थी ? कभी तो सोचो!!!
एक डेमोंस्ट्रेशन के लिए. उन्होंने दिखाया साधु पुरूषों के रक्षण के लिए और दुस्तो के संहार के लिए. समाज में स्थिरता लानी होगी तो यही करना पड़ेगा.
एक आतताई (आतंकवादी) को छोड़ना मतलब हजार बेकसूरो को मारना . सबसे अच्छा आतताई को ही खत्म कर दो . आज अहिशा पे संकल्प लेना रहेगा तो यही की आतंकी को वही खत्म कर दो कोई कोर्ट नहीं . पिस्तौल की गोली उनके सर . यही सच्ची अहीसा है . उन समय ग़ांधी की जगह सुभाष बाबू होते भगत सिंग होते तो आज़ादी ५ साल में आ जाती . ग़ांधी की नीति पे ३०० साल नहीं लगते .
वन्दे मातरम

Posted in Harshad Ashodiya

आज ग़ांधी जयंती है


Gandhi-Jayanti-Celebration . कुछ विदेशी लेखक ने ग़ांधी के कपडे निकल दिए और भारत वासी उनको लाइक पे लाइक करते रही उनकी किताबो की विचारधारा फैलाते रहे . तो कोई गोडसे को हीरो बनाकर वंदन करते रहे . इनसे परे एक बात कहूँगा . हम चाहे ग़ांधी को कितनी ही गाली दे लेकिन बहार का आदमी क्यों गाली दे ? छोड़ो..
इतनाही मै कहता हु कोई भी “महात्मा” को कभी नेता नहीं बनाना चाहिए उनकी दैत्यों तरफी मानवता वादी बाते समाज को नष्ट कर देती है . जो ख़राब चीजो का खून करता है वो सच्चा मानवता वादी है …अहिसक वादी है . न्यायाधीश जब एक मुजरिम को फाशी देता है तो दरअसल में न्यायाधीश के हाथो किसी माँ का एकलौते बेटे का खून ही है . लेकिन उनकी फाशी के बाद दूसरे कुछ मानवी अपराध करने से रुक जाते है . यही अहीसा है. यही मानवता है . समजो मानवता के नाम लादेन को छोड़ दिया तो वो कितने मासूमो की जान लेगा ? उनसे अच्छा है उनको ही मार दे . साप हमें मरने आता है तो उनको ही मार दो छोड़ डोज तो वो बहुत लोगो की जान लेगा !! उनका गर जंगल में है सहर में आता है तो जहर को मार दो.
सच्ची श्रद्धांजैली ग़ांधी को देनी हो तो फाशी का मंच उनकी समाधी पैर बनाओ और सारे देस द्रोही को वहिसे फाशी दो . यही सच्ची अहीसा है . और पितृ तर्पण है .

Posted in Harshad Ashodiya

आज मुर्ख बुद्धिजीवी जूठे तर्कवादी पैदा हो गए


आज मुर्ख बुद्धिजीवी जूठे तर्कवादी पैदा हो गए है. उदहारण इन लिगो को शोले फ़िल्म के गब्बर पे वक्तव्य बोलने कहा जाए तो कहेंगे. गब्बर बड़ा दयालु ठ उसने गब्बर को नहीं मारा सिर्फ दो हाथ काट दिए , उनको जिन्दा छोड़ दिया. वो संगीत प्रेमी था इत्यादि .
कुछ लोग भी ऐसे ही तर्क करके जूठ को सत्य के कपडे पहनाकर राजू करते है. चार्वाक का मतलब चारु वक अर्थात जिसकी वाणी मीठी हो ऐसा . वो भी यही कहता था आप श्राद्ध में ब्राम्हिन को खिलाओगे तो क्या आप के पितृओ को मिलेगा ?
कर्ण को बहुत अन्याय हुआ है वो कहने वाले भी है. कर्ण महान था कोई सक नहीं लेकिन उसने अपनी सामर्थ्यता हरामी लोगो के कदमो में राखी इसलिए उनके बड़े २ गुण भी माटी मोल हो गए.
सीतामाता ने जीवन में एक बार भी नहीं कहा राम ने मेरे लिए अन्याय किया है वनवास जाने का निर्णय सीतामाता का था सुख और दुःख में मई पति के साथ रहूंगी. लेकिन आज के जूठे तर्कवादी कहते है सीता माता को बहुत दुःख पंहुचा !!
बाबरी टूटी तो उस पैर रोने वाले हिन्दू कुतर्क वाड़ी भी बहुत है उन्होंने कभी नहीं रोया की मंदिर बनाकर मस्जिद बनाई . उल्टा कुतर्क करते है बाबरी टूटने पैर दंगे हुए और देस को करोडोका नुकसान हुआ. मई पूछता हु अयोद्या में ४० % मुल्लो की आबादी वाले सहर में क्यों कोई दंगा नहीं हुआ ? कारन ये सब दंगे करवाये गए थे..
कभी कोई मुल्लो की मजाक करते है तो कुतर्क वादी दौड़े चले आकर उनको बचते है !!!
मुल्लो की मजाक करना मतलब उनका गर्वे खंडन करना . गर्व खंडन के बाद उनकी सक्ति खलास हो जाती है. जैसे सैल्य ने करना की कीथी . कर्ण जब तक लड़ता था तब तक कर्ण को वेधक वचन कहकर उनकी मानसिक सक्ति खंडित करता था.
६० साल कॉंग्रेस्स को कोई नहीं पूछा ३७० कश्मीर के बारे में ! कोई जनता था १५ साल पहले ३७० के बारेमे ? और आज पूछने चले मोदी ने आपने वादा पूरा नहीं किया .
मै इतनाही कहूँगा कुतर्क छोड़ कर प्रभु प्रिया बुद्धि चाहिए.

आज मुर्ख बुद्धिजीवी जूठे तर्कवादी पैदा हो गए है. उदहारण इन लिगो को शोले फ़िल्म के गब्बर पे वक्तव्य बोलने कहा जाए तो कहेंगे. गब्बर बड़ा दयालु ठ उसने गब्बर को नहीं मारा सिर्फ दो हाथ काट दिए , उनको जिन्दा छोड़ दिया. वो संगीत प्रेमी था इत्यादि . 
कुछ लोग भी ऐसे ही तर्क करके जूठ को सत्य के कपडे पहनाकर राजू करते है. चार्वाक का मतलब चारु वक अर्थात जिसकी वाणी मीठी हो ऐसा . वो भी यही कहता था आप श्राद्ध में ब्राम्हिन को खिलाओगे तो क्या आप के पितृओ को मिलेगा ?
कर्ण को बहुत अन्याय हुआ है वो कहने वाले भी है. कर्ण महान था कोई सक नहीं लेकिन उसने अपनी सामर्थ्यता हरामी लोगो के कदमो में राखी इसलिए उनके बड़े २ गुण भी माटी मोल हो गए.
सीतामाता ने जीवन में एक बार भी नहीं कहा राम ने मेरे लिए अन्याय किया है वनवास जाने का निर्णय सीतामाता का था सुख और दुःख में मई पति के साथ रहूंगी. लेकिन आज के जूठे तर्कवादी कहते है सीता माता को बहुत दुःख पंहुचा !!
बाबरी टूटी तो उस पैर रोने वाले हिन्दू कुतर्क वाड़ी भी बहुत है उन्होंने कभी नहीं रोया की मंदिर बनाकर मस्जिद बनाई . उल्टा कुतर्क करते है बाबरी टूटने पैर दंगे हुए और देस को करोडोका नुकसान हुआ. मई पूछता हु अयोद्या में ४० % मुल्लो की आबादी वाले सहर में क्यों कोई दंगा नहीं हुआ ? कारन ये सब दंगे करवाये गए थे..
कभी कोई मुल्लो की मजाक करते है तो कुतर्क वादी दौड़े चले आकर उनको बचते है !!!
मुल्लो की मजाक करना मतलब उनका गर्वे खंडन करना . गर्व खंडन के बाद उनकी सक्ति खलास हो जाती है. जैसे सैल्य ने करना की कीथी . कर्ण जब तक लड़ता था तब तक कर्ण को वेधक वचन कहकर उनकी मानसिक सक्ति खंडित करता था.
६० साल कॉंग्रेस्स को कोई नहीं पूछा ३७० कश्मीर के बारे में ! कोई जनता था १५ साल पहले ३७० के बारेमे ? और आज पूछने चले मोदी ने आपने वादा पूरा नहीं किया .
मै इतनाही कहूँगा कुतर्क छोड़ कर प्रभु प्रिया बुद्धि चाहिए.
Posted in Harshad Ashodiya

मै इतनाही कहूँगा कुतर्क छोड़ कर प्रभु प्रिया बुद्धि चाहिए.


आज मुर्ख बुद्धिजीवी जूठे तर्कवादी पैदा हो गए है. उदहारण इन लिगो को शोले फ़िल्म के गब्बर पे वक्तव्य बोलने कहा जाए तो कहेंगे. गब्बर बड़ा दयालु ठ उसने गब्बर को नहीं मारा सिर्फ दो हाथ काट दिए , उनको जिन्दा छोड़ दिया. वो संगीत प्रेमी था इत्यादि .
कुछ लोग भी ऐसे ही तर्क करके जूठ को सत्य के कपडे पहनाकर राजू करते है. चार्वाक का मतलब चारु वक अर्थात जिसकी वाणी मीठी हो ऐसा . वो भी यही कहता था आप श्राद्ध में ब्राम्हिन को खिलाओगे तो क्या आप के पितृओ को मिलेगा ?
कर्ण को बहुत अन्याय हुआ है वो कहने वाले भी है. कर्ण महान था कोई सक नहीं लेकिन उसने अपनी सामर्थ्यता हरामी लोगो के कदमो में राखी इसलिए उनके बड़े २ गुण भी माटी मोल हो गए.
सीतामाता ने जीवन में एक बार भी नहीं कहा राम ने मेरे लिए अन्याय किया है वनवास जाने का निर्णय सीतामाता का था सुख और दुःख में मई पति के साथ रहूंगी. लेकिन आज के जूठे तर्कवादी कहते है सीता माता को बहुत दुःख पंहुचा !!
बाबरी टूटी तो उस पैर रोने वाले हिन्दू कुतर्क वाड़ी भी बहुत है उन्होंने कभी नहीं रोया की मंदिर बनाकर मस्जिद बनाई . उल्टा कुतर्क करते है बाबरी टूटने पैर दंगे हुए और देस को करोडोका नुकसान हुआ. मई पूछता हु अयोद्या में ४० % मुल्लो की आबादी वाले सहर में क्यों कोई दंगा नहीं हुआ ? कारन ये सब दंगे करवाये गए थे..
कभी कोई मुल्लो की मजाक करते है तो कुतर्क वादी दौड़े चले आकर उनको बचते है !!!
मुल्लो की मजाक करना मतलब उनका गर्वे खंडन करना . गर्व खंडन के बाद उनकी सक्ति खलास हो जाती है. जैसे सैल्य ने करना की कीथी . कर्ण जब तक लड़ता था तब तक कर्ण को वेधक वचन कहकर उनकी मानसिक सक्ति खंडित करता था.
६० साल कॉंग्रेस्स को कोई नहीं पूछा ३७० कश्मीर के बारे में ! कोई जनता था १५ साल पहले ३७० के बारेमे ? और आज पूछने चले मोदी ने आपने वादा पूरा नहीं किया .
मै इतनाही कहूँगा कुतर्क छोड़ कर प्रभु प्रिया बुद्धि चाहिए.

आज मुर्ख बुद्धिजीवी जूठे तर्कवादी पैदा हो गए है. उदहारण इन लिगो को शोले फ़िल्म के गब्बर पे वक्तव्य बोलने कहा जाए तो कहेंगे. गब्बर बड़ा दयालु ठ उसने गब्बर को नहीं मारा सिर्फ दो हाथ काट दिए , उनको जिन्दा छोड़ दिया. वो संगीत प्रेमी था इत्यादि . 
कुछ लोग भी ऐसे ही तर्क करके जूठ को सत्य के कपडे पहनाकर राजू करते है. चार्वाक का मतलब चारु वक अर्थात जिसकी वाणी मीठी हो ऐसा . वो भी यही कहता था आप श्राद्ध में ब्राम्हिन को खिलाओगे तो क्या आप के पितृओ को मिलेगा ?
कर्ण को बहुत अन्याय हुआ है वो कहने वाले भी है. कर्ण महान था कोई सक नहीं लेकिन उसने अपनी सामर्थ्यता हरामी लोगो के कदमो में राखी इसलिए उनके बड़े २ गुण भी माटी मोल हो गए.
सीतामाता ने जीवन में एक बार भी नहीं कहा राम ने मेरे लिए अन्याय किया है वनवास जाने का निर्णय सीतामाता का था सुख और दुःख में मई पति के साथ रहूंगी. लेकिन आज के जूठे तर्कवादी कहते है सीता माता को बहुत दुःख पंहुचा !!
बाबरी टूटी तो उस पैर रोने वाले हिन्दू कुतर्क वाड़ी भी बहुत है उन्होंने कभी नहीं रोया की मंदिर बनाकर मस्जिद बनाई . उल्टा कुतर्क करते है बाबरी टूटने पैर दंगे हुए और देस को करोडोका नुकसान हुआ. मई पूछता हु अयोद्या में ४० % मुल्लो की आबादी वाले सहर में क्यों कोई दंगा नहीं हुआ ? कारन ये सब दंगे करवाये गए थे..
कभी कोई मुल्लो की मजाक करते है तो कुतर्क वादी दौड़े चले आकर उनको बचते है !!!
मुल्लो की मजाक करना मतलब उनका गर्वे खंडन करना . गर्व खंडन के बाद उनकी सक्ति खलास हो जाती है. जैसे सैल्य ने करना की कीथी . कर्ण जब तक लड़ता था तब तक कर्ण को वेधक वचन कहकर उनकी मानसिक सक्ति खंडित करता था.
६० साल कॉंग्रेस्स को कोई नहीं पूछा ३७० कश्मीर के बारे में ! कोई जनता था १५ साल पहले ३७० के बारेमे ? और आज पूछने चले मोदी ने आपने वादा पूरा नहीं किया .
मै इतनाही कहूँगा कुतर्क छोड़ कर प्रभु प्रिया बुद्धि चाहिए.
Posted in Harshad Ashodiya

हमारा इतिहास नहीं तो हमारा अस्तित्व नहीं — भाग २


हमारा इतिहास नहीं तो हमारा अस्तित्व नहीं — भाग २
छत्रपति शिवाजी जब छोटे थे तो माता जीजाबाई उनको महाभारत और रामायण के बारेमे कहती थी जो सर्व विदित है. उनकी ही प्रेरणा से उनमे सहस और वीरता जीवन में आई . रानी लक्ष्मीबाई और विवेकानंद की बचपन के जीवन में भी ऐसे ही है .
मान लो आपका कोई भूतकाल ही नहीं तो इस देस को आप को किस्से प्रेरणा मिलेगी ? हम ने सिर्फ कथा करो के मुह से कथा सुनी है कभी ओरिजिनल वाल्मीकि रामायण पढ़ी नहीं…बोलो सच है ने ?
रामायण पढ़ने के बाद बच्चो को लगता है मई भी उनके जैसा बनु. जैसे आज हर बच्चा फिल्म के हीरो के देख उनके जैसा बनना चाहता है . सनी को देख के हर लड़की कहटी है उनमे क्या बुराई है . आप को तय करना है इतिहास पढ़ना है या नहीं ?
आज हमारा इतिहास खत्म तो हम खत्म . इतिहास राम और कृष्णा का है बाबर का नहीं. वीर शिवाजी और महाराणा प्रताप का है और सहिद भगत सिंग का है जीना और ग़ांधी का नहीं .

Posted in Harshad Ashodiya

भारत की पहचान राम और कृष्ण से है .


भारत की पहचान राम और कृष्ण से है . हमें पोपट की तरह यही पढ़ाया गया की आर्य बाहर से आये है. बाबर भी बहार से आया…ये जमीं तो किसी की नहीं फिर ये देस भी किसीका भी हो सकता है ? ये इतिहास है या परिकथा की कहानी ?

रामायण में लिखा है राम अमेरिका से आये और कृष्णा जापान से आये ? रामायण और महाभारत हमारा इतिहास है . कोई दंतकथा नहीं . जो दंतकथा होती है उनके अंदर जगह के नाम आज भी इस भूमि पर नहीं मिलते !!!! जैसे एडन का बगीचा कोई कहता ही श्रीलंका के पास है तो कुछ साल बाद कहते है ग्रीस में इस जगह होना चाहिए. कहा है मालूम नहीं.

रामायण और महाभारत के हर जगह आज भी मौजूद है. सीता माता का जनम स्थान ,भगवन राम और हनुमान जिस जगह पहली बार मिले वो जगह आज भी मौजूद है . १०००० साल के बाद में भी आज हर जगह मौजूद है . दूसरी बात कहानिया हजारो साल तक जिवंत नहीं रहती , मर जाती है लईकिन जो सत्य घटना होती है वो हजारो साल तक जिवंत रहती है .
ब्रिटिश और वामपंथी ने गलत इतिहास पढके वाट लगी दी समाजकी . उसे बदलना चाहिए.
नहीं तो हमारे बच्चे कहेंगे हम भी बहार से आये है . देस में रह कर विदेशी मत बनो . ये भारत हमारा है .