Posted in गौ माता - Gau maata

Gau mata


कृप्या बिना पूरी post पढ़ें ऐसी कोई प्रतिक्रिया ना दें ! कि अरे तुमने गाय मे भी स्वदेशी -विदेशी कर दिया ! अरे गाय तो माँ होती है तुमने माँ को भी अच्छी बुरी कर दिया !! लेकिन मित्रो सच यही है की ये जर्सी गाय नहीं ये पूतना है ! पूतना की कहानी तो आपने सुनी होगी भगवान कृष्ण को दूध पिलाकर मारने आई थी वही है ये जर्सी गाय !!

पूरी post नहीं पढ़ सकते तो यहाँ click करें !
https://www.youtube.com/watch?v=AclsCffns1c

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Posted in हिन्दू पतन

जिसको संस्कृत पढना है वह पढ़ रहा है


जिसको संस्कृत पढना है वह पढ़ रहा है और पढ़ेगा.ये कुलटा जयललिता कौन होती है विरोध करने वाली.
इस देश में विदेशी भाषाएँ अंग्रेजी,उर्दू,जर्मन,फ़्रांसीसी,जापानी,चीनी आदि भाषाए भी पढाई जाती है.तब इस कुलटा का मुंह नहीं खुलता है..वैसे इसका हिन्दुओ के साथ तथा हिन्दू धर्म के साथ पुरानी दुश्मनी है..कुछ साल पहले इसी ने पूज्य शंकराचार्य जी को जेल में डाल चुकी है..
इसका बस चले तो ये दक्षिण भारत के जो हीरो हेरोइन हिंदी फिल्मो में काम करते है उनको भी रोक दे…और दक्षिण भारत के बहुत से साधू संत और IAS.IPS तथा व्यापारी,छात्र जो अपनी प्रतिभा पुरे देश में निखार रहे है.उन लोगो को भी तमिलनाडु तक में ही सीमित कर दे.
इसलिए ऐसे देश के गद्दारों और गद्दारिनो को पहचान कर उनको चुनाव में हराओ.सडको पर विरोध करो,डस्टबिन में फेक दो–
TP Shukla

जिसको संस्कृत पढना है वह पढ़ रहा है और पढ़ेगा.ये कुलटा जयललिता कौन होती है विरोध करने वाली.
इस देश में विदेशी भाषाएँ अंग्रेजी,उर्दू,जर्मन,फ़्रांसीसी,जापानी,चीनी आदि भाषाए भी पढाई जाती है.तब इस कुलटा का मुंह नहीं खुलता है..वैसे इसका हिन्दुओ के साथ तथा हिन्दू धर्म के साथ पुरानी दुश्मनी है..कुछ साल पहले इसी ने पूज्य शंकराचार्य जी को जेल में डाल चुकी है..
इसका बस चले तो ये दक्षिण भारत के जो हीरो हेरोइन हिंदी फिल्मो में काम करते है उनको भी रोक दे...और दक्षिण भारत के बहुत से साधू संत और IAS.IPS तथा व्यापारी,छात्र जो अपनी प्रतिभा पुरे देश में निखार रहे है.उन लोगो को भी तमिलनाडु तक में ही सीमित कर दे.
इसलिए ऐसे देश के गद्दारों और गद्दारिनो को पहचान कर उनको चुनाव में हराओ.सडको पर विरोध करो,डस्टबिन में फेक दो--
TP Shukla
 
Posted in भारत गौरव - Mera Bharat Mahan

लक्ष्य :- अयोध्या मेँ राम मंदिर र्निमाण।


गुरुत्वाकर्षण की खोज का श्रेय न्यूटन को दिया जाता है। माना जाता है की सन 1666 में गुरुत्वाकर्षण की खोज न्यूटन ने की | तो क्या गरूत्वाकर्षण जैसी मामूली चीज़ की खोज मात्र 350 साल पहले ही हुई है? …नहीं।

हम सभी विद्यालयों में पढ़ते हैं की न्यूटन ने गुरुत्वाकर्षण की खोज की थी परन्तु मह्रिषी भाष्कराचार्य ने न्यूटन से लगभग 500 वर्ष पूर्व ही पृथ्वी की गुरुत्वाकर्षण शक्ति पर एक पूरा ग्रन्थ रच डाला था |

भास्कराचार्य प्राचीन भारत के एक प्रसिद्ध गणितज्ञ एवं खगोलशास्त्री थे। इनका जन्म 1114 ई0 में हुआ था। भास्कराचार्य उज्जैन में स्थित वेधशाला के प्रमुख थे। यह वेधशाला प्राचीन भारत में गणित और खगोल शास्त्र का अग्रणी केंद्र था।

जब इन्होंने “सिद्धान्त शिरोमणि” नामक ग्रन्थ लिखा तब वें मात्र 36 वर्ष के थे। “सिद्धान्त शिरोमणि” एक विशाल ग्रन्थ है।
जिसके चार भाग हैं

(1) लीलावती 
(2) बीजगणित 
(3) गोलाध्याय और 
(4) ग्रह गणिताध्याय।

लीलावती भास्कराचार्य की पुत्री का नाम था। अपनी पुत्री के नाम पर ही उन्होंने पुस्तक का नाम लीलावती रखा। यह पुस्तक पिता-पुत्री संवाद के रूप में लिखी गयी है। लीलावती में बड़े ही सरल और काव्यात्मक तरीके से गणित और खगोल शास्त्र के सूत्रों को समझाया गया है।

भास्कराचार्य सिद्धान्त की बात कहते हैं कि वस्तुओं की शक्ति बड़ी विचित्र है।

“मरुच्लो भूरचला स्वभावतो यतो,
विचित्रावतवस्तु शक्त्य:।।”

सिद्धांतशिरोमणि गोलाध्याय – भुवनकोश

आगे कहते हैं-
“आकृष्टिशक्तिश्च मही तया यत् खस्थं,
गुरुस्वाभिमुखं स्वशक्तत्या।
आकृष्यते तत्पततीव भाति,
समेसमन्तात् क्व पतत्वियं खे।।”

– सिद्धांतशिरोमणि गोलाध्याय – भुवनकोश

अर्थात् पृथ्वी में आकर्षण शक्ति है। पृथ्वी अपनी आकर्षण शक्ति से भारी पदार्थों को अपनी ओर खींचती है और आकर्षण के कारण वह जमीन पर गिरते हैं। पर जब आकाश में समान ताकत चारों ओर से लगे, तो कोई कैसे गिरे? अर्थात् आकाश में ग्रह निरावलम्ब रहते हैं क्योंकि विविध ग्रहों की गुरुत्व शक्तियाँ संतुलन बनाए रखती हैं।

ऐसे ही अगर यह कहा जाय की विज्ञान के सारे आधारभूत अविष्कार भारत भूमि पर हमारे विशेषज्ञ ऋषि मुनियों द्वारा हुए तो इसमें कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी ! सबके प्रमाण भी उपलब्ध हैं !

तथा इसके अतिरिक एक और बात मैं जोड़ना चाहूँगा की निश्चित रूप से गुरुत्वाकर्षण की खोज हजारों वर्षों पूर्व ही की जा चुकी थी जैसा की महर्षि भारद्वाज रचित ‘विमान शास्त्र ‘ के बारे में बताया था ।

विमान शास्त्र की रचना करने वाले वैज्ञानिक को गुरुत्वाकर्षण के सिद्धांत के बारे में पता न हो ये हो ही नही सकता क्योंकि किसी भी वस्तु को उड़ाने के लिए पृथ्वी की गुरुत्वाकर्षण शक्ति का विरोध करना अनिवार्य है। जब तक कोई व्यक्ति गुरुत्वाकर्षण को पूरी तरह नही जान ले उसके लिए विमान शास्त्र जैसे ग्रन्थ का निर्माण करना संभव ही नही |

अतएव गुरुत्वाकर्षण की खोज कई हजारों वर्षो पूर्व ही की जा चुकी थी।
हमे गर्व है भारत के गौरवशाली ज्ञान और विज्ञान पर। अब आवश्यकता है इसको विश्व मंच पर स्थापित करने की।

गुरुत्वाकर्षण की खोज का श्रेय न्यूटन को दिया जाता है। माना जाता है की सन 1666 में गुरुत्वाकर्षण की खोज न्यूटन ने की | तो क्या गरूत्वाकर्षण जैसी मामूली चीज़ की खोज मात्र 350 साल पहले ही हुई है? ...नहीं।

हम सभी विद्यालयों में पढ़ते हैं की न्यूटन ने गुरुत्वाकर्षण की खोज की थी परन्तु मह्रिषी भाष्कराचार्य ने न्यूटन से लगभग 500 वर्ष पूर्व ही पृथ्वी की गुरुत्वाकर्षण शक्ति पर एक पूरा ग्रन्थ रच डाला था |

भास्कराचार्य प्राचीन भारत के एक प्रसिद्ध गणितज्ञ एवं खगोलशास्त्री थे। इनका जन्म 1114 ई0 में हुआ था। भास्कराचार्य उज्जैन में स्थित वेधशाला के प्रमुख थे। यह वेधशाला प्राचीन भारत में गणित और खगोल शास्त्र का अग्रणी केंद्र था। 

जब इन्होंने "सिद्धान्त शिरोमणि" नामक ग्रन्थ लिखा तब वें मात्र 36 वर्ष के थे। "सिद्धान्त शिरोमणि" एक विशाल ग्रन्थ है।
जिसके चार भाग हैं 

(1) लीलावती 
(2) बीजगणित 
(3) गोलाध्याय और 
(4) ग्रह गणिताध्याय।

लीलावती भास्कराचार्य की पुत्री का नाम था। अपनी पुत्री के नाम पर ही उन्होंने पुस्तक का नाम लीलावती रखा। यह पुस्तक पिता-पुत्री संवाद के रूप में लिखी गयी है। लीलावती में बड़े ही सरल और काव्यात्मक तरीके से गणित और खगोल शास्त्र के सूत्रों को समझाया गया है।

भास्कराचार्य सिद्धान्त की बात कहते हैं कि वस्तुओं की शक्ति बड़ी विचित्र है।

"मरुच्लो भूरचला स्वभावतो यतो,
विचित्रावतवस्तु शक्त्य:।।"

सिद्धांतशिरोमणि गोलाध्याय - भुवनकोश

आगे कहते हैं-
"आकृष्टिशक्तिश्च मही तया यत् खस्थं,
गुरुस्वाभिमुखं स्वशक्तत्या।
आकृष्यते तत्पततीव भाति,
समेसमन्तात् क्व पतत्वियं खे।।"

- सिद्धांतशिरोमणि गोलाध्याय - भुवनकोश

अर्थात् पृथ्वी में आकर्षण शक्ति है। पृथ्वी अपनी आकर्षण शक्ति से भारी पदार्थों को अपनी ओर खींचती है और आकर्षण के कारण वह जमीन पर गिरते हैं। पर जब आकाश में समान ताकत चारों ओर से लगे, तो कोई कैसे गिरे? अर्थात् आकाश में ग्रह निरावलम्ब रहते हैं क्योंकि विविध ग्रहों की गुरुत्व शक्तियाँ संतुलन बनाए रखती हैं। 

ऐसे ही अगर यह कहा जाय की विज्ञान के सारे आधारभूत अविष्कार भारत भूमि पर हमारे विशेषज्ञ ऋषि मुनियों द्वारा हुए तो इसमें कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी ! सबके प्रमाण भी उपलब्ध हैं !

तथा इसके अतिरिक एक और बात मैं जोड़ना चाहूँगा की निश्चित रूप से गुरुत्वाकर्षण की खोज हजारों वर्षों पूर्व ही की जा चुकी थी जैसा की महर्षि भारद्वाज रचित 'विमान शास्त्र ' के बारे में बताया था । 

विमान शास्त्र की रचना करने वाले वैज्ञानिक को गुरुत्वाकर्षण के सिद्धांत के बारे में पता न हो ये हो ही नही सकता क्योंकि किसी भी वस्तु को उड़ाने के लिए पृथ्वी की गुरुत्वाकर्षण शक्ति का विरोध करना अनिवार्य है। जब तक कोई व्यक्ति गुरुत्वाकर्षण को पूरी तरह नही जान ले उसके लिए विमान शास्त्र जैसे ग्रन्थ का निर्माण करना संभव ही नही | 

अतएव गुरुत्वाकर्षण की खोज कई हजारों वर्षो पूर्व ही की जा चुकी थी।
हमे गर्व है भारत के गौरवशाली ज्ञान और विज्ञान पर। अब आवश्यकता है इसको विश्व मंच पर स्थापित करने की।
 
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Nasha Rajputana Ka


१.मुग़ल अकबर की जुबान से :-
राजपूत को दोस्ती कर के धोके से
हराया जा सकता हे लेकिन लड़ कर नहीं..
.
.
२. सिकंदर की जुबान से:-
जंग में उतर जाने के बाद राजपूत
को रोकना उतना ही मुश्किल हे जैसे शेर के
मुह में हाथ देने जैसा..
.
.
३. मोहम्मद गोरी:-
अगर राजपूत से कोई चीज़ चाहिए
तो मांग लो. धोखे से छीन लेने पे
नामो निशान
मिट जाता हैं

……Kunwar Dev Raj Saa

१.मुग़ल अकबर की जुबान से :-
राजपूत को दोस्ती कर के धोके से
हराया जा सकता हे लेकिन लड़ कर नहीं..
.
.
२. सिकंदर की जुबान से:-
जंग में उतर जाने के बाद राजपूत
को रोकना उतना ही मुश्किल हे जैसे शेर के
मुह में हाथ देने जैसा..
.
.
३. मोहम्मद गोरी:-
अगर राजपूत से कोई चीज़ चाहिए
तो मांग लो. धोखे से छीन लेने पे
नामो निशान
मिट जाता हैं

......Kunwar Dev Raj Saa
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sachhar


In order to appease the minorities in our country and secure the political future of Congress, the gutter-mentality communists and the erstwhile Congress government in collusion with Jihadi forces of the country formed a Committee headed by Rajinder Sachar.

The work of this committee (called Sachar Committee) was to spin the government reports on human development indices to show Minorities (Muslims) as grossly underdeveloped and poor.
This was done in order to dole out more and more freebies for them. at the cost of tax payers of this country.

It’s besides the point that in ‪#‎LS2014‬, the minority deserted the sinking ship of congress and the Sachar Committee could not serve its real Purpose as yet. Nevertheless the evil stays in form of its recommendations. This report by Sachar Committee and the recommendations that follow are a hogwash and in fact a robbery on this nation and it’s majority community. Read this report for vital information on evils of Sachar Committee.

http://indiatomorrow.co/index.php/columns/1183-the-fraud-of-the-sachar-report-exposed

In order to appease the minorities in our country and secure the political future of Congress, the gutter-mentality communists and the erstwhile Congress government in collusion with Jihadi forces of the country formed a Committee headed by Rajinder Sachar.

The work of this committee (called Sachar Committee) was to spin the government reports on human development indices to show Minorities (Muslims) as grossly underdeveloped and poor.
This was done in order to dole out more and more freebies for them. at the cost of tax payers of this country.

It's besides the point that in #LS2014, the minority deserted the sinking ship of congress and the Sachar Committee could not serve its real Purpose as yet. Nevertheless the evil stays in form of its recommendations. This report by Sachar Committee and the recommendations that follow are a hogwash and in fact a robbery on this nation and it's majority community. Read this report for vital information on evils of Sachar Committee.

http://indiatomorrow.co/index.php/columns/1183-the-fraud-of-the-sachar-report-exposed