भारत में कुल 6 स्थान ऐसे है जहा रावण को जलाया नहीं बल्कि पूजा जाता है।
आइए समझते है क्यों।
राजस्थान (जोधपुर)
राजस्थान के जोधपुर में रावण का मंदिर है। यहां एक खास समाज के लोग रावण की पूजा करते हैं और खुद को उसका वंशज मानते हैं। ये लोग दशहरे के लदिन रावण का पुतला जलाने की बजाय उसकी पूजा करते हैं।
मध्यप्रदेश (मंदसौर)
मध्यप्रदेश के मंदसौर में रावण को पूजा जाता है। दरअसल, ऐसी मान्यता है कि मंदसौर का असली नाम दशपुर था और रावण की पत्नी मंदोदरी यहीं की थी यानी यह रावण का ससुराल हुआ। इसलिए यहां के लोग रावण को दामाद की तरह इज्ज़त देते हैं और उसकी पूजा करते हैं।
कनार्टक (कोलार)
कनार्टक के कोलार जिले में भी रावण को पूजा जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार ऐसा इसलिए किया जाता है क्योंकि रावण भगवान शिव का भक्त था, यही वजह है कि लोग रावण की पूजा करते हैं। कर्नाटक के मंडया जिले के मालवली नामक स्थान पर रावण का मंदिर भी है जहां महान शिव भक्त के रूप में उसकी पूजा की जाती है।
आंध्रप्रदेश (काकिनाड)
आंध्रप्रदेश के काकिनाड में रावण का मंदिर बना हुआ है। यहां आने वाले लोग भगवान राम की शक्तियों को मानने से इनकार नहीं करते, लेकिन वे रावण को ही शक्ति सम्राट मानते हैं। इस मंदिर में भगवान शिव के साथ रावण की भी पूजा की जाती है।
हिमाचल_प्रदेश (बैजनाथ)
हिमाचल के कांगड़ा जिले के बैजनाथ नामक कस्बे में भी रावण की पूजा की जाती है। ऐसा कहा जाता है कि इसी जगह पर रावण ने भगवान शिव की तपस्या की थी, जिससे प्रसन्न होकर भगवान शिव ने उसे मोक्ष का वरदान दिया था। इसके अलावा यहां के लोगों का यह भी मानना है कि रावण का पुतला जलाने पर उनकी मौत हो सकती है, इस डर से भी यहां रावण दहन नहीं होता है।
उत्तर_प्रदेश (बिसरख)
उत्तर प्रदेश के बिसरख गांव में भी रावण का एक मंदिर बना हुआ है और यहां उसकी पूजा की जाती है। ऐसी मान्यता है कि बिसरख गांव रावण का ननिहाल है।
वैसे भी आपको एक ज्ञान की बात बताऊं कि आप उस समय ही रावण दहन देखे जब आप मद, मोह, अहंकार, लालच आदि दुर्गुणों से मुक्त हो। जानते हो रावण प्रखंड विद्वान था। सारे ग्रह उसकी मुट्ठी में थे।
लेकिन हम उससे भी बढ़े रावण होकर हर वर्ष दहन करते। यदि करना ही है तो हम अपनी बुराई का दहन करे। हर वर्ष एक बुराई त्याग करे।
ये मेरे अपने मत है। कृपया अन्यथा न ले।
हंस जैन रामनगर खंडवा
9827214427