Posted in भारत का गुप्त इतिहास- Bharat Ka rahasyamay Itihaas

आज मराठा वीर बाजीराव जी का सही इतिहास, शायद ही किसी को मालूम होगा क्योंकि फिल्म में उन्हें देवदास की तरह का दिखा दिया है ।

बाजीराव जी को दूसरा छत्रपति शिवाजी महाराज माना जाता है, संभाजी महाराज के बाद मराठा उतने शक्तिशाली नही रह गए, निजाम का हस्तक्षेप महाराष्ट्र तक बढ़ने लगा था और मराठाओं में भी अंतर्कलह था

तब 20 वर्ष की आयु में पेशवा बने बाजीराव जी ने अपनी चतुर रणनीति से निजाम को कई बार हराया, उन्हे मुगल विध्वंसक माना जाता है।

जितनी कम आयु उनकी रही उतनी ही तेजी से और अधिक महत्वपूर्ण काम करके चले गए

वास्तव में वे चाहते थे कि मुगल दक्कन के क्षेत्रों में उन्हे चौथ दे जिसपर मुगल बादशाह मुहम्मद शाह तैयार नहीं हुए, जिसपर उन्होंने दिल्ली में मुगलों को पराजित कर दिया और 3 दिन तक उन्हे बंधक बनाए रखा

किसी की उस समय हिम्मत नही थी कि कोई दिल्ली में हमला कर दे, जब बाजीराव वापस लौटने लगे तब मुगलों ने अवध के नवाब और हैदराबाद के निजाम से सहायता मांगी और उनकी और अपनी संयुक्त सेना से मिलकर भोपाल में हमला कर दिया

लेकिन प्रयास असफल हो गया बाजीराव जी ने उन्हे फिर से हरा दिया, जिससे उनका वर्चस्व उत्तर भारत तक हो गया

इससे पहले उन्होंने मालवा, गुजरात में भी हमला करके जीत लिया था जो पहले मुगलों के वफादार थे।

इसके बाद उन्होंने पुर्तगालियों पर भी हमला किया और उन्हें संधि करने को मजबूर कर दिया

बाद में उनकी मृत्यु मध्यप्रदेश के खरगोन में हो गई कुछ लोग मृत्यु का कारण दिल का दौरा बताते है तो कुछ लू लगने को ।
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