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विष्णु पुराण: इन 4 तरह की स्त्रियों से नहीं करनी चाहिए शादी


विष्णु पुराण: इन 4 तरह की स्त्रियों से नहीं करनी चाहिए शादी— मनुष्य जीवन के सोलह संस्कारों में से एक महत्वपूर्ण संस्कार है विवाह। सुखी वैवाहिक जीवन के लिए आवश्यकता होती है अच्छे जीवन साथी की। शादी के लिए ऐसी लड़की का चयन करना चाहिए, जो कि अपने पति और परिवार दोनों को प्रेम पूर्वक संभाल सके। विष्णु पुराण में स्त्रियों के संबंध में कई बातें बताई गई हैं। इस पुराण में 4 ऐसी स्त्रियां बताई गई हैं, जिनसे विवाह नहीं करना चाहिए, जानिए ये 4 स्त्रियां कौन हैं… 1. बुरा बोलने वाली कहा जाता है कि वाणी में ही मां सरस्वती का निवास होता है। जो स्त्री मधुर वाणी बोलने वाली होती है, उससे मां सरस्वती सदैव प्रसन्न रहती हैं। बुरे या कटु वचन बोलने वाली स्त्री का स्वभाव भी उसकी भाषा की तरह बुरा ही होता है। ऐसी स्त्री की वजह से घर में अशांति का वातावरण बना रहता है। इसीलिए ऐसी स्त्री से विवाह नहीं करना चाहिए। 2. देर तक सोने वाली देर तक सोने के कारण महिलाएं पारिवारिक जिम्मेदारी पूरी नहीं कर पाती है। देर तक सोना आलस की निशानी होती है। आलसी स्त्री घर को साफ नहीं रख सकती। घर में लक्ष्मी की कृपा बनाएं रखने के लिए साफ-सफाई रखना बहुत जरूरी होता है। घर में गंदगी होने से गरीबी बढ़ती है। साथ ही देर तक सोना कई बिमारियों का भी कारण बन सकता हैं। इसलिए ऐसी स्त्री से विवाह नहीं करना चाहिए, जो देर तक सोती हो या आलसी हो। 3. माता या पिता पक्ष की ओर से कोई रिश्ता हो किसी भी व्यक्ति को उस स्त्री से कभी शादी नहीं करना चाहिए, जिसका हमारे पिता या माता की ओर से कोई रिश्ता हो। शास्त्रों में आपसी रिश्तेदारी या एक ही गोत्र में विवाह करना मना किया गया है। इससे जेनेटिक बीमारियां होने की भी संभावनाएं रहती हैं। जिस स्त्री से माता पक्ष से पांचवीं पीढ़ी तक और पिता पक्ष से सातवीं पीढ़ी तक रिश्ता जुड़ा हुआ हो, उससे शादी नहीं करना चाहिए। 4. दुष्ट पुरुष से संबंध रखने वाली स्त्री को दुष्ट पुरुष से मेल-जोल नहीं बढ़ाना चाहिए। ऐसा करने से वह कभी भी किसी मुश्किल में फंस सकती है। दुष्ट पुरुष उस स्त्री का उपयोग अपने निजी हित के लिए कर सकता है। उसकी संगत में रहने से स्त्री का स्वभाव भी वैसा हो सकता है। ऐसा होने से उसके चरित्र में भी दोष आ जाता है। इसलिए ऐसी स्त्री से विवाह नहीं करना चाहिए, जो दुष्ट पुरुष से संबंध रखती हो।

विकाश खुराना

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अपनापन”पिता”बेटी


*”अपनापन”पिता”बेटी”* . पापा मैंने आपके लिए हलवा बनाया है 11साल की बेटी अपने पिता से बोली जो कि अभीofficeसे घर मे घुसा ही था , पिता वाह क्या बात है , ला कर खिलाओ फिर पापा को, बेटी दौड़ती रसोई मे गई और बडा कटोरा भरकर हलवा लेकर आई .. पिता ने खाना शुरू किया और बेटी को देखा .. पिता की आँखों मे आँसू थे… -क्या हुआ पापा हलवा अच्छा नही लगा पिता- नही मेरी बेटी बहुत अच्छा बना है , और देखते देखते पूरा कटोरा खाली कर दिया इतने मे मा बाथरूम से नहाकर बाहर आई , और बोली- ला मुझे भी खिला तेरा हलवा , पिता ने बेटी को 50 रु इनाम मे दिए , बेटी खुशी से मम्मी के लिए रसोई से हलवा लेकर आई मगर ये क्या जैसे ही उसने हलवा की पहली चम्मच मुंह मे डाली तो तुरंत थूक दिया और बोली-ये क्या बनाया है ये कोई हलवा है इसमें तो चीनी नही नमक भरा है , और आप इसे कैसे खा गये ये तो जहर , मेरे बनाये खाने मे तो कभी नमक मिर्च कम है तेज है कहते रहते हो ओर बेटी को बजाय कुछ कहने के इनाम देते हो…. पिता-हंसते हुए-पगली तेरा मेरा तो जीवन भर का साथ है रिश्ता है पति पत्नी का जिसमें नौकझौक रूठना मनाना सब चलता है मगर ये तो बेटी है कल चली जाएगी मगर आज इसे वो एहसास वो अपनापन महसूस हुआ जो मुझे इसके जन्म के समय हुआ था आज इसने बडे प्यार से पहली बार मेरे लिए कुछ बनाया है फिर वो जैसा भी हो मेरे लिए सबसे बेहतर और सबसे स्वादिष्ट है ये बेटियां अपने पापा की परियां , और राजकुमारी होती है जैसे तुम अपने पापा की हो … वो रोते हुए पति के सीने से लग गई और सोच रही थी *इसीलिए हर लडकी अपने पति मे अपने पापा की छवि ढूंढती है..* दोस्तों यही सच है हर बेटी अपने पिता के बडे करीब होती है या यूं कहे कलेजे का टुकड़ा इसीलिए शादी मे विदाई के समय सबसे ज्यादा पिता ही रोता है …. इसीलिए हर पिता हर समय अपनी बेटी की फिक्र करता रहता है ।

R K Nakera