… देश के ग़द्दारों की दास्ताँ…! . जी न्यूज़ पर ओबैसी का इंटरव्यू देखा … बड़ी-बड़ी बातें कर रहा था .. बोला कि कोई मुस्लिम कभी गैर मुस्लिम के आगे सर नहीं झुका सकता ..! . काश इसने बेनजीर भुट्टो की आत्मकथा डॉटर ऑफ़ ईस्ट [पूरब की बेटी] पढ़ी होती …! . अपनी आत्मकथा में बेजनीर ने बड़ी तफसील से अपने पिता के द्वारा इंदिरा गाँधी के सामने किये गये समर्पण को बिना किसी लाग लपेट के लिखा है …! . जुल्फिकार अली भुट्टो भाषण कला में बहुत ही माहिर था .. उसे पूरा कुरआन याद था और वो अपने भाषणों में खूब भड़काऊ बातें कहता था और भारत के खिलाफ चीखता चिल्लता था तथा बीच-बीच में कुरआन की आयतें भी बोलता था .. वो बार-बार कहता था कि हम घास की रोटी खायेंगे लेकिन कश्मीर के लिए ताउम्र लड़ेंगे .. . फिर जब लड़ाई में पोर्किसों की करारी हार हुई और भारतीय सेनाएं लाहौर में घुस गयीं और लाहौर को अपने कब्जे में ले लिया ..तब अमेरिका के दबाव में शिमला समझौता हुआ .. बेनजीर अपने पिता के साथ शिमला आई थी … बेनजीर ने लिखा है कि पिताजी बड़े चिंतित थे कि अब हमारे हाथ से पूरा कश्मीर भी जायेगा और साथ में लाहौर भी निकल जाएगा ..वो अपने दूतों के द्वारा मैमूना बेगम तक बार-बार संदेश भिजवाते थे कि समझौता कुछ इस तरह से कीजिये ताकि मैं अपने देश वापस लौटकर शर्मिंदा न हो जाऊं.. . लेकिन जब समझौता हुआ तब ज़ुल्फ़िकार ने होटल वापस आकर बेनजीर से कहा कि भारत तो बड़ा ही उदार निकला ..लाहौर तो छोड़ो पाक कब्जे वाली कश्मीर से भी मैमूना जी अपनी सेनाएं हटाने को तैयार है .. . शायद भारत ही इस धरती का एकमात्र ऐसा देश है जो युद्ध में जीती गयी जमीन को भी वापस कर चुका है .. लेकिन कभी युद्ध में छिनी गयी अपनी जमीन चीन से वापस नहीं ले सका .. . पाकिस्तान वापस जाने पर जुल्फिकार भुट्टो से पाक सेना बहुत नाराज थी .. सेना प्रमुख जनरल जिया उल हक ने तख्ता पलट करते हुए जुल्फिकार अली भुट्टो को पुरे खानदान सहित गिरफ्तार कर लिया .. बाद में बच्चों और पत्नी को छोड़ दिया और जुल्फिकार अली भुट्टो को फांसी दे दी. . पूरे विश्व की सेना में सबसे ज्यादा प्रोमोशन का रिकार्ड पोर्क सेना के जनरल ज़िया उल हक़ का है जो मात्र एक मामूली बटलर [खाना पकाने और सैनिकों का ख्याल रखने वाले] से शुरू करके सेना प्रमुख तक पहुँच गया था. . मज़े की बात ये है जी कि ज़ुल्फिकार अली भुट्टो, जिनकी मेहरबानी ने उसे बिना किसी ट्रेनिंग, योग्यता आदि के जनरल बनाया …सत्ता में आते ही सबसे पहले उसने अपने ही आका ज़ुल्फिकार अली भुट्टो को ही फांसी पर चढ़ा दिया ..! ज़ुल्फिकार अली भुट्टो, ज़िया उल हक़ की इनकी स्वामिभक्ति से इतने खुश था कि वो इसको हर महीने एक रैंक प्रोमोशन देता चला गया …! . जेल से जुल्फिकार अली ने ने कई बार भारतीय दूतावास तक संदेश भिजवाया था कि मैमूना जी, मुझे कैद से आजाद करवाइए … लेकिन मैमूना ने उन्हें संदेश दिया था कि भारत किसी भी आज़ाद देश के अंदरूनी मामलों में कोई दखल नहीं देता..! . असल में मैमूना भी जानती थी कि पाकिस्तान को कश्मीर ने नाम पर भुट्टो खानदान ने ही भड़काया है … पाक राजनीति में कश्मीर और भारत से दुश्मनी को मुद्दा बनाकर जुल्फिकार अली भुट्टो सबसे पहले सत्ता तक पहुंचा था ..! . कमीना सुवर,,,,लटक गया न फांसी के फंदे पर,,,,,, और कल्ले कश्मीर आधारित और भारत विरोधी राजनीति…. सुवर की औलाद,,,! :p . इसी बात पर सेकुलर सुवरों धीरे से बोलो सुभानल्लाह…😜😜😜 .
विपिन खुराना
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