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वाल्मीकि रामायण में भगवान राम के जन्म का क्या वर्णन है कि


वाल्मीकि रामायण में भगवान राम के जन्म का क्या वर्णन है कि — ततो य्रूो समाप्ते तु ऋतुना षट् समत्युय: । ततश्च द्वादशे मासे चैत्रे नावमिके तिथौ॥ नक्षत्रेsदितिदैवत्ये स्वोच्चसंस्थेषु पंचसु । ग्रहेषु कर्कटे लग्ने वाक्पताविन्दुना सह॥ प्रोद्यमाने जनन्नाथं सर्वलोकनमस्कृतम् । कौसल्याजयद् रामं दिव्यलक्षसंयुतम् ॥ भावार्थ- चैत्र मास के शुक्लपक्ष की नवमी तिथी को पुनर्वसु नक्षत्र और कर्क लग्न में कौशल्यादेवी ने दिव्य लक्षणों से युक्त सर्वलोकवन्दित श्री राम को जन्म दिया। यानी जिस दिन भगवान राम का जन्म हुआ उस दिन अयोध्या के ऊपर तारों की सारी स्थिति का साफ-साफ जिक्र है… अब अगर रामायण में जिक्र नक्षत्रों की इस स्थिति को नासा द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले सॉफ्टवेयर प्लैनेटेरियम गोल्ड में उस वक्त की सितारों की स्थिती से मिलान और तुलना करें तो आईए जानते हैं कि क्या नतीजा मिलता है? सूर्य मेष राशि (उच्च स्थान) में। शुक्र मीन राशि (उच्च स्थान) में। मंगल मकर राशि (उच्च स्थान) में। शनि तुला राशि (उच्च स्थान) में। बृहस्पति कर्क राशि (उच्च स्थान) में। लगन कर्क के रूप में। पुनर्वसु के पास चन्द्रमा मिथुन से कर्क राशि की ओर बढता हुआ। शोध संस्था आई सर्व के मुताबिक वाल्मीकि रामायण में जिक्र श्री राम के जन्म के वक्त ग्रह-नक्षत्रों की स्थिति का सॉफ्टवेयर से मिलान करने पर जो दिन मिला, वो दिन है 10 जनवरी 5114 ईसा पूर्व। उस दिन दोपहर 12 बजे अयोध्या के आकाश पर सितारों की स्थिति वाल्मीकि रामायण और सॉफ्टवेयर दोनों में एक जैसी है। लिहाजा, रिसर्चर इस नतीजे पर पहुंचे कि रामलाला का जन्म 10 जनवरी 5114 ईसा पूर्व को हुआ। आई सर्व के रिसर्चरों ने जब धार्मिक तिथियों के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले चंद्र कैलेंडर की इस तिथि कोआधुनिक कैलेंडर की तारीख में बदला तो वो ये जान कर हैरान रह गए कि सदियों से भारतवर्ष में रामलला का बर्थ डे बिल्कुल सही तिथि पर मनाया जाता आया है।

 

राम सिर्फ एक नाम नहीं हैं। राम हिन्दुस्तान की सांस्कृतिक विरासत हैं राम हिन्दुओं की एकता और अखंडता का प्रतीक हैं। राम सनातन धर्म की पहचान है। लेकिन आज हिन्दु धर्म के ही कुछ लोगों ने राम को राजनीति का साधन बना दिया है। अपनी ही सांस्कृतिक विरासत पर सवाल उठाते हैं। राम के अस्तित्व का […]

via रामनवमी विशेष… राम नाम का रहस्य! — कीबोर्ड के पत्रकार

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2 thoughts on “वाल्मीकि रामायण में भगवान राम के जन्म का क्या वर्णन है कि

  1. Shri Ram’s birth is on Ninth day of Chaitra (Chaitra Shukla Paksha Navami). However, Chaitra newer falls in January. Usually chaitra Ram navami falls in April. Why so much difference. Shri Ram ka astitva nakara nahi ja sakta. kya software main kuch truti hai?
    Warm Regards

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