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आरएसएस


1958 में पाकिस्तान के राष्ट्रीय अख़बार ने
लिखा था…अगर आरएसएस की स्थापना 10 साल देर से
होतीतो पाकिस्तान की सीमा आगरा तक होती…आरएसएस
एक ऐसा महासागर है जिसके अन्दर
दोगलेलोगो की गन्दी मानसिकता को अपने अन्दर
समानेकी शक्ति है।अगर आज आरएसएस न होता तो देश में
इतने अलगाववादीसंगठन होते ,की उनको संभालना मुश्किल
होता !
ये वो ही आरएसएस है जिसने 84 में
हजारों सिक्खों को कांग्रेस के गुंडों से बचाया था !ये
वो ही आरएसएस हैं जिसने भागलपुर के हिन्दू –
मुस्लिमदंगो में -इंसानों की सेवा की थी !
आरएसएस वो संगठन है जिसके अन्दर भारत
की आत्मा बसी है। देश प्रेम और सेवा इसका मुख्या आधार
है …ये कांग्रेस के दुष्प्रचार से कभी भी आहत नहीं हुआ है !
आरएसएस तो जहर को अपने अन्दर आत्मसात करके –
लोगो को अमृत देता है।जिस संघठन के लिए
माँ भारती ही सर्वोच्च हो वो संघठन गलत कैसे
हो सकता है …
आज भी देश के किसी भी हिस्से में कोई आपदा आती है –
तो सबसे पहले आरएसएस लोगो की सहायता के
लिएपहुचता है और बिना किसी भेदभाव के
इंसानों की सेवा करता है
आरएसएस दुनिया का सबसे बडा स्वयंसेवी संगठन है —
-जय माँ भारती
-जय हिन्द