Posted in कविता - Kavita - કવિતા, प्रेरणात्मक

कोशिश कर, हल निकलेगा


कोशिश कर, हल निकलेगा

आज नहीं तो, कल निकलेगा..

अर्जुन के तीर सा सध

मरूस्थल से भी जल निकलेगा..

मेहनत कर, पौधों को पानी दे

बंजर जमीन से भी फल निकलेगा..

ताकत जुटा, हिम्मत को आग दे

फ़ौलाद का भी बल निकलेगा..

जिंदा रख, दिल में उम्मीदों को

गरल के समंदर से भी गंगाजल निकलेगा..

कोशिशें जारी रख कुछ कर गुजरने की

जो है आज थमा-थमा सा, चल निकलेगा..

                    _By ANAND PARAM