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सरदार कृपाल सिंह राय बहादुर और सरदार सुजान सिंह राय बहादुर कितने बदनसीब थे सोचिए

उन्होंने 1945 में डेढ़ लाख रुपए की लागत से लाहौर के लक्ष्मी चौक पर एक बेहद शानदार सिनेमा हॉल बनवना शुरू किया जिसका नाम उन्होंने ओडेओन सिनेमा लाहौर रखा

जून 1947 में अंग्रेज वास्तुकार ने यह बिल्डिंग बनाकर तैयार किया उसी समय भारत में दंगे भड़क गए जिन्ना ने डायरेक्ट एक्शन डे का ऐलान कर दिया और इतनी हसरतों से बनाए गए अपने सिनेमा हॉल में सरदार सुजान सिंह और सरदार कृपाल सिंह ने एक फिल्म भी नहीं देख सके दोनों सरदार जी भागकर भारत आ गए

पाकिस्तान सरकार ने इस सिनेमा हॉल को शत्रु संपत्ति घोषित करके एक नवाब को सिनेमा हॉल नीलामी में एलॉट कर दिया

फिर 1949 में इस सिनेमा हॉल में पहली फिल्म लगी और जब यह खबर अखबारों में छपी कि लाहौर के प्रसिद्ध ऑडेऑन सिनेमा में पहली फिल्म रिलीज हुई है यह खबर सुनकर सरदार कृपाल सिंह का हार्ड अटैक से देहांत हो गया

JP Singh