Posted in छोटी कहानिया - १०,००० से ज्यादा रोचक और प्रेरणात्मक

बापू की बकरी


बापू की बकरी

एक बार बापू ने लिख दिया कि हिंदी में कोई रविंद्र नाथ टैगोर नहीं है।

निराला जी को क्रोध आया, वो उनसे मिलने पहली बार मिलने स्वराज भवन पैदल जा रहे थे।रास्ते में एक तांगे पर बकरी जाती दिखी, निराला जी ने साथ चल रही महादेवी वर्मा से कहा- हिंदी का कवि पैदल जा रहा है और बकरी तांगे पर, जरूर यह बापू की बकरी होगी।😂

था भी ऐसा ही, बापू बकरी का दूध पीते थे और वाकई में तांगे पर वह बकरी बापू के लिए ही ले जाई जा रही थी। “बापू की बकरी” के नाम से निराला जी का यह संस्मरण काफी चर्चित भी हुआ।

खैर, गांधी जी ने मशीनीकरण का बहुत विरोध किया इसलिये जीवन मे कभी कार का प्रयोग नही किया।

गांधी जी को फ़ोटो खिंचाना पसंद नही था फिर भी अपने समय मे सबसे ज्यादा फ़ोटो उनकी ही ली जाती थी।पूरे गुजरात मे पहला लैंडलाइन कनेक्शन बापू के आश्रम में ही लगा था ताकि अंग्रेज़ उनसे बात करते रहें।

” सादा जीवन, उच्च विचार” गांधी जी का संदेश था 🙏देश को उन पर गर्व है 👍

Author:

Buy, sell, exchange old books

Leave a Reply

Fill in your details below or click an icon to log in:

WordPress.com Logo

You are commenting using your WordPress.com account. Log Out /  Change )

Twitter picture

You are commenting using your Twitter account. Log Out /  Change )

Facebook photo

You are commenting using your Facebook account. Log Out /  Change )

Connecting to %s