Posted in कविता - Kavita - કવિતા

कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती।


लहरों से डर कर नौका पार नहीं होती,

कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती।

नन्हीं चींटी जब दाना लेकर चलती है,

चढ़ती दीवारों पर, सौ बार फिसलती है।

मन का विश्वास रगों में साहस भरता है,

चढ़कर गिरना, गिरकर चढ़ना न अखरता है।

आख़िर उसकी मेहनत बेकार नहीं होती,

कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती।

डुबकियां सिंधु में गोताखोर लगाता है,

जा जा कर खाली हाथ लौटकर आता है।

मिलते नहीं सहज ही मोती गहरे पानी में,

बढ़ता दुगना उत्साह इसी हैरानी में।

मुट्ठी उसकी खाली हर बार नहीं होती,

कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती।

असफलता एक चुनौती है, इसे स्वीकार करो,

क्या कमी रह गई, देखो और सुधार करो।

जब तक न सफल हो, नींद चैन को त्यागो तुम,

संघर्ष का मैदान छोड़ कर मत भागो तुम।

कुछ किये बिना ही जय जय कार नहीं होती,

कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती।

कई लोग इस रचना को हरिवंशराय बच्चन जी द्वारा रचित मानते हैं। लेकिन श्री अमिताभ बच्चन ने अपनी एक फ़ेसबुक पोस्ट में स्पष्ट किया है कि यह रचना सोहनलाल द्विवेदी जी की है।

Posted in कविता - Kavita - કવિતા, प्रेरणात्मक

कोशिश कर, हल निकलेगा


कोशिश कर, हल निकलेगा

आज नहीं तो, कल निकलेगा..

अर्जुन के तीर सा सध

मरूस्थल से भी जल निकलेगा..

मेहनत कर, पौधों को पानी दे

बंजर जमीन से भी फल निकलेगा..

ताकत जुटा, हिम्मत को आग दे

फ़ौलाद का भी बल निकलेगा..

जिंदा रख, दिल में उम्मीदों को

गरल के समंदर से भी गंगाजल निकलेगा..

कोशिशें जारी रख कुछ कर गुजरने की

जो है आज थमा-थमा सा, चल निकलेगा..

                    _By ANAND PARAM

Posted in छोटी कहानिया - १०,००० से ज्यादा रोचक और प्रेरणात्मक

बापू की बकरी


बापू की बकरी

एक बार बापू ने लिख दिया कि हिंदी में कोई रविंद्र नाथ टैगोर नहीं है।

निराला जी को क्रोध आया, वो उनसे मिलने पहली बार मिलने स्वराज भवन पैदल जा रहे थे।रास्ते में एक तांगे पर बकरी जाती दिखी, निराला जी ने साथ चल रही महादेवी वर्मा से कहा- हिंदी का कवि पैदल जा रहा है और बकरी तांगे पर, जरूर यह बापू की बकरी होगी।😂

था भी ऐसा ही, बापू बकरी का दूध पीते थे और वाकई में तांगे पर वह बकरी बापू के लिए ही ले जाई जा रही थी। “बापू की बकरी” के नाम से निराला जी का यह संस्मरण काफी चर्चित भी हुआ।

खैर, गांधी जी ने मशीनीकरण का बहुत विरोध किया इसलिये जीवन मे कभी कार का प्रयोग नही किया।

गांधी जी को फ़ोटो खिंचाना पसंद नही था फिर भी अपने समय मे सबसे ज्यादा फ़ोटो उनकी ही ली जाती थी।पूरे गुजरात मे पहला लैंडलाइन कनेक्शन बापू के आश्रम में ही लगा था ताकि अंग्रेज़ उनसे बात करते रहें।

” सादा जीवन, उच्च विचार” गांधी जी का संदेश था 🙏देश को उन पर गर्व है 👍