इंदिरा का कमीनापन:
1981 में यूपी के पडरौना में इंदिरा गांधी की रैली थी
हेलीपेड से रैली स्थल तक ambassador कार में इंदिरा गांधी रवाना हुई लेकिन एंबेस्डर कार से उतरते समय उसके स्टील के मजबूत हैंडल में उनका शॉल फंस गया और उनका शॉल फट गया।
उनके पीए आर के धवन ने तुरंत ही दूसरा शॉल मैडम को दिया लेकिन इंदिरा गांधी ने आर के धवन से शॉल लेने से इंकार कर दिया और कहा कि मैं इस फटी हुई शॉल में ही रैली को संबोधित करूंगी ।
फिर वो मंच पर पहुंची भाषण दिया और जान-बूझकर अपना फटा हुआ शॉल पब्लिक के सामने की ओर रखा फिर भाषण के बीच में उन्होंने बोला यह जेपी, राजनारायण , चौधरी चरण सिंह, मुरारजी देसाई जैसे लोग कलफ लगा हुआ कुर्ता पहनते हैं और मुझे देखिए यह फटी हुई शॉल ही है मेरे पास और आपका प्यार और स्नेह ।
पब्लिक जैसे पागल हो गई तालियों की तड़तड़ाहट से पूरा मैदान गूंज उठा .. फिर इंदिरा गांधी अंबेस्डर कार में बैठकर हेलीपैड पर गई फिर हेलीकॉप्टर से गोरखपुर गई फिर गोरखपुर से प्लेन से दिल्ली रवाना हो गई।
कसम से यह पूरा खानदान नौटंकीबाजो का है और पीढ़ी-दर-पीढ़ी इनकी नौटंकी चलती रहती है न जाने कब हम भारतीय इस नीच खानदान की सच्चाई समझेंगे और इन्हें भारत से मार भगाएंगे।
🇮🇳🇮🇳🇮🇳सुभाष चंद्र गोहल