😀😀😀
*गांव के पान की दुकान पर खड़े एक 35 वर्षीय निठल्ले बेरोजगार युवक से मेंने पूछा=कुछ कमाते धमाते क्यों नहीं…? दिन भर शराब पिए रहते हो,और राजश्री खाकर थूकते रहते हो?*
वह बोला :– *मेरी मर्जी* 😳
मैं बोला :– *शादी हो गई* …?
वह बोला :– *हो गई* ..😊
मैं बोला :– *कैसे किये…??*
वह बोला :- *श्रम कार्ड से मुख्यमंत्री आदर्श विवाह योजना से 30,000 और अंतर्जातीय कन्यादान योजना से…250,000 मिलता है।,,,😆*
मैं बोला :– *फिर बाल बच्चे भी होंगे उसके लिये कमाओ…?*
वह बोला :– *जननी सुरक्षा से डिलेवरी फ्री और साथ मे 1500 रू का चेक.और*
*श्रम कार्ड में भगिनी प्रसूति योजना से 20,000 मिलता है*
😀😂😂
मैंने बोला :– *तो बच्चों की पढ़ाई लिखाई के लिये कमाओ..?*
वह फिर :– *गुटका पिचक कर कहा*
*उनके लिये तो पढ़ाई, यूनिफार्म,किताबें और भोजन सब सरकार की तरफ़ से फ्री…!*
और
*श्रम कार्ड से मुख्यमंत्री नौनिहाल और मेधावी छात्रवृत्ति योजना में हर साल पैसे मिलगे।*
*और जब लड़का कॉलेज करेगा तो*,
*BPLसूची मे होने की वजह से उसे फ्री एडमिशन और स्कोलरशिप भी मिलेंगे तो क्या टेशन ?*
😄😄😂😂
मैंने बोला :– *यार घर कैसे चलाते हो ?*
वह बोला :– *छोटी लड़की को अभी सरकार से साइकिल मिली है।*
*लड़के को लॅपटाप मिला है।*
*मॉ-बाप को वृद्धावस्था पेन्शन मिलती है और 1 रूपये किलो मे पूरे महिने भर का चावल मिलता है।*
😀😀😂😂
*मैं झुझलाँ कर बोला यार माॅ-बाप को तीर्थयात्रा के लिये तो कमाओ …??*
उसने कहा ……..*मुख्यमंत्री तीर्थयात्रा योजना से भेज दिया हूं*😀😄
मैं बोला ……..*कम से कम इलाज के लिए कमाओ*
उसने कहा ……. *आयुष्मान कार्ड है न फ्री में पांच लाख तक का इलाज होता है*😃😂😂
मुझे गुस्सा आया और मैंने बोला :–
*माॅ बाप के मरने के बाद जलाने के लिये तो कमा..?*
वह बोला :– *1 रू में विद्युत शवदाह गृह है..!*😊
मैंने कहा :– *अरे बाप अपने बच्चों की शादी के लिये तो कमाओ..?*
वह मुस्कुराया 😊😊और बोला :–
*फिर वहीं प्रश्न आ गये…*
*वैसे ही होगी जैसे मेरी हुई*..!!
😄😄😄😂😂😂
यार एक बात बता *ये इतने अच्छे कपड़े तू कैसे पहनता है?*
वह बोला :– *राज की बात हैं..फिर भी मैं बता देता हूँ*…😊
*सरकारी जमीन पर कब्जा कर आवास बनाओ , लोन लो और फिर मकान बेच कर फिर जमीन कब्जा कर पट्टा ले लो…!!*”😜
*तुम जैसे लाखों लोग काम करके हमारे लिए टैक्स भर ही रहे हैं।*
*और किसान खेती मे मेहनत करके अनाज पैदा करता है, और सरकार उसे खरीद कर हमे मुफ़्त में देती है तो फिर हम काम क्यों करें।*
😂😂😂😃😃😂😂
*कृपया यह मैसेज सभी समूहों में भेजिए सरकार को पता चले आखिर छोटा सा जापान देश ,,,,,,, हमारे देश से आगे क्यों है ?*
*🇮🇳 वंदे मातरम 🇮🇳*
Day: December 23, 2022
क्या आप इसे पहचानते हैं, या यह जगह कहाँ है इसका नाम क्या है, जानते हैं ? नही पता, न ?
इसलिए नही पता क्योंकि इसका इतिहास बताया ही नही गया। यह है गोवा के हाथ कातरो खाम्ब। इसी खम्बे से बांध कर ईसाई धर्म न अपनाने वाले हिन्दुओ के हाथ कंधे से काट कर मरने के लिए छोड़ दिया जाता था।
किसने किया ?
सेंट जेवियर ने जिनकी “ममी” आज भी एक चर्च में सुरक्षित रखी है. !!
(भरोसा न हो तो गूगल करने के लिए आप स्वतंत्र है ही.)
तो आइए, चलें गोवा, अंग्रेजी नव वर्ष की खुशियां मनाने.!!🧐😎
कापी पेस्ट

સરમણ મુંજા જાડેજા
બરડાનાં એક ગામમાં એમ્બ્રેસેડર ગાડી ને પ્રવેશ થયો. ત્યાતો ગામનાં ટાબરીયાવ વાહે દોટ મુકી. ગામનાં પાદરમાં એબ્રેસેડર ગાડીએ બ્રેક મારી. એક કાઠાળો અને સિંહ જેવી આઈખુ ધોરા કપડા પેરેલ જુવાન બાર નીકળા ત્યાતો એક ટાબરીયુ બોઈલુ એ આતો આપડા “હરમણ આતા ” સે..
ને એય ને ધીરે ધીરે ગામમાં ખબર પડવા મંડી કે હરમણ આતા આયવા. હે.. એટલે નાની મોટી તકલીફ ને પ્રશ્નો લઈને 18 વરણ ઘેરો વરીને ઉભી જાતા…
ત્યારે સરમણ મુંજા જાડેજા એટલુ કેતા ” હાલો સાંતી રાખો હવનું હાંમભરી હુ.”
આ હતી એ મરદ માણહ ની નામના અને સાખા.. ને હાજર જવાબી અન્યાય કોઈને થવા ન દે અને અન્યાય કોઈ પર કરે નહી. એ ટેક હાઈરે જીવતા…
દુખીયાનાં બેલી અને હાચાનાં સારથી..
આ એક એવા સિંહ પરિવાર છે કે જેની એક હાકલ થી સોરઠ ની અંદર દેશદ્રોહી ઓને પ્રવેશ બંધી છે..( સૌરાષ્ટ્ર પંથકમાં આજ દીન સુધી કોમી રમખાણનાં બનાવો નથી બન્યા એનુ કારણ આવા સરમણ આતા ,જુનાગઢના સાધુઓ, જામનગર પંથકમાં પબુભા, આહીર સમાજ અને રાજકોટ બાજુ રાજપુતોઓની મુખ્ય ભુમીકા રહી ).
હરમણ આતા હાલમાં આપડી વચ્ચે નથી પણ એમનુ વંસવેલો હરમણ આતા નાં નીયમોનું અને જે ૧૮ વરણનો વીસ્વાસ હતો એ અવીરત અનંત રાખ્યો. એનુ ઉદાહરણ કાંધલભાઈ છે.
જેમ હરમણ આતા માટે બરડો આખો એનો પરિવાર હતો એમજ કાંધલભાઈ અને ચારેય ભાઈઓ માટે બરડો એનો પરિવાર માની ને લોક કલ્યાણ ની રાહે ચાલી રહ્યા છે.
હરમણ આતા આપડી વચ્ચે તો નથી પણ હમેશા બરડો હરમણ આતાનો રૂણી રેશે કે તમારા જેવા હાવજો આપી ગયા અને તમારી લોક લાગણી ની ભાવનાઓ નુ સીંચન એ ચાર સિંહોમાં પુરતા ગયા.
સત સત નમન સરમણ મુંજા જાડેજા….
માઁ ભગવતી અને માઁ કાંધલી આપને પરમ શાંતિ આપે અને જ્યા પણ હોવ આપ ત્યાથી આપ જાડેજા પરિવાર,મહેર સમાજ અને બરડામાં રહેતા ૧૮ વરણ પર આશિર્વાદ રૂપી અમી દ્રસ્ટી રાખશો.
લેખન :- એચ રાવત (કલમી)
આ આલેખન ટુકમાં હતુ વીસ્તારથી અનુકુળ સમયે લખીશ. ભુલચુક હોઈ તો ધ્યાન દોરશો અને સજેશન આવકાર્ય)

🌹सुंदर कहानी ️❤️
मेरी पत्नी मेरे बगल में सो रही थी… और अचानक मुझे एक सूचना मिली, एक महिला ने मुझे उसे जोड़ने के लिए कहा। तो मैंने उसे जोड़ा। मैंने मित्र अनुरोध स्वीकार कर लिया और एक संदेश भेजकर पूछा, “क्या हम एक दूसरे को जानते हैं?”
उसने जवाब दिया: “मैंने सुना है कि तुम्हारी शादी हो गई है लेकिन मैं अब भी तुमसे प्यार करती हूँ।”
वह अतीत से एक दोस्त थी। तस्वीर में वह बेहद खूबसूरत लग रही थीं। मैंने चैट बंद की और अपनी पत्नी की ओर देखा, वह दिन भर की थकान के बाद गहरी नींद सो रही थी।
उसे देखकर मैं सोच रहा था कि वह इतनी सुरक्षित कैसे महसूस करती है कि वह मेरे साथ बिल्कुल नए घर में इतनी आराम से सो सकती है।
वह अपने माता-पिता के घर से बहुत दूर है, जहां उसने 24 घंटे अपने परिवार से घिरे रहे। जब वह परेशान या उदास होती थी तो उसकी मां वहां होती थी ताकि वह अपनी गोद में रो सके। उसकी बहन या भाई चुटकुले सुनाते थे और उसे हंसाते थे। उसके पिता घर आते थे और उसे वह सब कुछ देते थे जो उसे पसंद था और फिर भी, उसने मुझ पर इतना भरोसा किया।
ये सारे विचार मेरे मन में आए तो मैंने फोन उठाया और “ब्लॉक” दबा दिया।
मैं उसकी ओर मुड़ा और उसके बगल में सो गया।
मैं एक आदमी हूँ, बच्चा नहीं। मैंने उसके प्रति वफादार रहने की शपथ ली है और ऐसा ही होगा। मैं हमेशा के लिए एक आदमी बनने के लिए लड़ूंगा जो अपनी पत्नी को धोखा नहीं देता और एक परिवार को नहीं तोड़ता ….,
एह सादि सुदा मनुष्य के लिए हैं 🍁🙏🙏♥️♥️
विश्वकीसबसेज्यादासमृद्धभाषाकौनसीहै ?
अंग्रेजी में ‘THE QUICK BROWN FOX JUMPS OVER A LAZY DOG’ एक प्रसिद्ध वाक्य है। जिसमें अंग्रेजी वर्णमाला के सभी अक्षर समाहित कर लिए गए हैं। मज़ेदार बात यह है की अंग्रेज़ी वर्णमाला में कुल 26 अक्षर ही उप्लब्ध हैं जबकि इस वाक्य में 33 अक्षरों का प्रयोग किया गया है। जिसमें चार बार O और A, E, U तथा R अक्षर का प्रयोग क्रमशः 2 बार किया गया है। इसके अलावा इस वाक्य में अक्षरों का क्रम भी सही नहीं है। जहां वाक्य T से शुरु होता है वहीं G से खत्म हो रहा है।
अब ज़रा संस्कृत के इस श्लोक को पढिये।-
क:खगीघाङ्चिच्छौजाझाञ्ज्ञोSटौठीडढण:।
तथोदधीन पफर्बाभीर्मयोSरिल्वाशिषां सह।।
अर्थात: पक्षियों का प्रेम, शुद्ध बुद्धि का, दूसरे का बल अपहरण करने में पारंगत, शत्रु-संहारकों में अग्रणी, मन से निश्चल तथा निडर और महासागर का सर्जन करनार कौन ?? राजा मय ! जिसको शत्रुओं के भी आशीर्वाद मिले हैं।
श्लोक को ध्यान से पढ़ने पर आप पाते हैं की संस्कृत वर्णमाला के सभी 33 व्यंजन इस श्लोक में दिखाई दे रहे हैं वो भी क्रमानुसार। यह खूबसूरती केवल और केवल संस्कृत जैसी समृद्ध भाषा में ही देखने को मिल सकती है!
पूरे विश्व में केवल एक संस्कृत ही ऐसी भाषा है जिसमें केवल एक अक्षर से ही पूरा वाक्य लिखा जा सकता है। किरातार्जुनीयम् काव्य संग्रह में केवल “न” व्यंजन से अद्भुत श्लोक बनाया है और गजब का कौशल्य प्रयोग करके भारवि नामक महाकवि ने थोडे में बहुत कहा है-
न नोननुन्नो नुन्नोनो नाना नानानना ननु।
नुन्नोऽनुन्नो ननुन्नेनो नानेना नुन्ननुन्ननुत्॥
अर्थात: जो मनुष्य युद्ध में अपने से दुर्बल मनुष्य के हाथों घायल हुआ है वह सच्चा मनुष्य नहीं है। ऐसे ही अपने से दुर्बल को घायल करता है वो भी मनुष्य नहीं है। घायल मनुष्य का स्वामी यदि घायल न हुआ हो तो ऐसे मनुष्य को घायल नहीं कहते और घायल मनुष्य को घायल करें वो भी मनुष्य नहीं है। वंदेसंस्कृतम्!
एक और उदहारण है।
दाददो दुद्द्दुद्दादि दादादो दुददीददोः।
दुद्दादं दददे दुद्दे ददादददोऽददः।।
अर्थात: दान देने वाले, खलों को उपताप देने वाले, शुद्धि देने वाले, दुष्ट्मर्दक भुजाओं वाले, दानी तथा अदानी दोनों को दान देने वाले, राक्षसों का खंडन करने वाले ने, शत्रु के विरुद्ध शस्त्र को उठाया।
है ना खूबसूरत !! इतना ही नहीं, क्या किसी भाषा में केवल 2 अक्षर से पूरा वाक्य लिखा जा सकता है ?? संस्कृत भाषा के अलावा किसी और भाषा में ये करना असंभव है। माघ कवि ने शिशुपालवधम् महाकाव्य में केवल “भ” और “र ” दो ही अक्षरों से एक श्लोक बनाया है। देखिये –
भूरिभिर्भारिभिर्भीराभूभारैरभिरेभिरे
भेरीरे। भिभिरभ्राभैरभीरुभिरिभैरिभा:।।
अर्थात- निर्भय हाथी जो की भूमि पर भार स्वरूप लगता है, अपने वजन के चलते, जिसकी आवाज नगाड़े की तरह है और जो काले बादलों सा है, वह दूसरे दुश्मन हाथी पर आक्रमण कर रहा है।
एक और उदाहरण –
क्रोरारिकारी कोरेककारक कारिकाकर।
कोरकाकारकरक: करीर कर्करोऽकर्रुक॥
अर्थात – क्रूर शत्रुओं को नष्ट करने वाला, भूमि का एक कर्ता, दुष्टों को यातना देने वाला, कमलमुकुलवत, रमणीय हाथ वाला, हाथियों को फेंकने वाला, रण में कर्कश, सूर्य के समान तेजस्वी [था]।
पुनः क्या किसी भाषा मे केवल तीन अक्षर से ही पूरा वाक्य लिखा जा सकता है ?? यह भी संस्कृत भाषा के अलावा किसी और भाषा में असंभव है!
उदहारण –
देवानां नन्दनो देवो नोदनो वेदनिंदिनां।
दिवं दुदाव नादेन दाने दानवनंदिनः।।
अर्थात – वह परमात्मा [विष्णु] जो दूसरे देवों को सुख प्रदान करता है और जो वेदों को नहीं मानते उनको कष्ट प्रदान करता है। वह स्वर्ग को उस ध्वनि नाद से भर देता है, जिस तरह के नाद से उसने दानव [हिरण्यकशिपु] को मारा था।
जब हम कहते हैं की संस्कृत इस पूरी दुनिया की सभी प्राचीन भाषाओं की जननी है तो उसके पीछे इसी तरह के खूबसूरत तर्क होते हैं। यह विश्व की अकेली ऐसी भाषा है, जिसमें “अभिधान-सार्थकता” मिलती है। अर्थात् अमुक वस्तु की अमुक संज्ञा या नाम क्यों है, यह प्रायः सभी शब्दों में मिलता है। जैसे इस विश्व का नाम संसार है तो इसलिये है क्यूँकि वह चलता रहता है, परिवर्तित होता रहता है-
संसरतीति संसारः गच्छतीति जगत् आकर्षयतीति कृष्णः रमन्ते योगिनो यस्मिन् स रामः इत्यादि।
विश्व की अन्य भाषाओं में ऐसी अभिधानसार्थकता नहीं है। Good का अर्थ अच्छा, भला, सुंदर, उत्तम, प्रियदर्शन, स्वस्थ आदि है। किसी अंग्रेजी विद्वान् से पूछो कि ऐसा क्यों है तो वह कहेगा है बस पहले से ही इसके ये अर्थ हैं। क्यों हैं वो ये नहीं बता पायेगा।
ऐसी सरल, तर्कसंगत और समृद्ध भाषा आज अपने ही देश में अपने ही लोगों में अपने अस्तित्व की लड़ाई लड रही है बेहद चिंताजनक है।
संस्कृत का अध्ययन और अध्यापन इस देश की गौरवमयी संस्कृति के ज्ञान के लिए अत्यंत आवश्यक है ।
जय संस्कृत, जय संस्कृति !
जय श्रीराम 🚩🚩🚩