एक College मे Happy Married Life के उपर एक Workshop चल रहा थाl जिसमें कुछ बिवाहीत जोडीया हिस्सा ले रही थी जिस वक्त प्रोफेसर साहब मंच पे आये उन्होंने देखा की सभी जोड़ीया एक दूसरे मे हंसी मजाक करते हुए खुब हंस रहे थे।
तब प्रोफेसर ने कहा की आप लोगों को एक दूसरे मे खुश देखकर बड़ा आनन्द मिला। चलो इसी खुशी मे एक खेल खेलते हैं फिर हम आज की मुख्य विषय पर वार्तालाप करेंगे। ये सुन कर सारे खुश हो गयेI
फिर प्रोफेसर ने उस भीड़ मे से एक बिवाहीत लड़की को बुलाकर कहा की आप जिन जिनसे आप बेहद प्यार करते हो उनके नाम बैल्कबोर्ड मे लिखोI फिर वह बिवाहीत लड़की ने बड़ी खुशी के साथ मुस्कुराते हुये अपने दोस्तों और अपनों के सारे नाम बैल्क-बोर्ड मे लिख दिए। कोई 20-25 नाम थे।
तब प्रोफेसर ने कहा की आप इन नामों मे से कोई 5 नाम मिटाओI लड़की ने आसानी से अपने 5 पडोशी के नाम मिटा दिये। प्रोफेसर ने कहा की अब आप और 10 नाम मिटाओI लड़की ने सभी की ओर मुस्कारा कर देखा और फिर अपने रिश्तेदारों के नाम मिटायेI प्रोफेसर ने फिर कहा की इनमें से आप अब और 5 नाम मिटाओI लड़की थोड़ी गम्भीर हुईंI फिर सोचा की ये तो खेल है, सोच कर अपने दोस्तों के नाम मिटा दियेI
अब बैल्कबोर्ड पे सिर्फ चार नाम रह गयेI
माँ, पापा, पति और बेटे काI
भले ये एक खेल था फिर भी पूरा कमरा शांत हो गया था क्योंकि लड़की के साथ साथ पूरे कमरे के लोग दिमाग से इस खेल को खेल रहे थे। तब प्रोफेसर ने कहा की इनमें से दो नाम मिटाओI लड़की प्रोफेसर को ताकती रहीI प्रोफेसर ने कहा की ये तो बस एक खेल हैI तुम जल्दी से दो नाम मिटाओI
लड़की अचानक बेहद उदास हो गई और कांपते हाथों से उसने अपनी माँ पापा का नाम मिटा दिया। पूरा कमरा अवाक रह गयाI लड़की की आखो मे आंशू थेI कीसी को उम्मीद भी नहीं थी की वह ऐसा करेगीI
अब सिर्फ दो नाम रह गया….पति और बेटे काI
प्रोफेसर ने कहा, अब आप इनमें से कोई एक नाम मिटाओI
इतना सुनते ही लड़की फफक फफक कर रो पड़ीI
प्रोफेसर ने कहा की चलो, जल्दी करोI
लड़की ने रोते हुए सर झूका कर बेटे का नाम मिटा दिया और वहीं जमीन पे रोते रोते बैठ गईI सारा माहौल गमगीन हो गयाI सब लड़की के रवैये से स्तंभ रह गयेI तब प्रोफेसर ने लड़की से कहा पूछा की तुमने अपने माँ पापा और बेटे से ज्यादा अपने पति को महत्व दिया, ऐसा क्यों??
तब लड़की ने रोते रोते कहा की जिंदगी मे ये चार रिश्ते बेहद मुल्यवान होते हैंI फैसला लेने के लिए हमें मौत के दरवाजे तक जाना पड़ता है। मेरे माँ पापा बुजुर्ग हो चुके हैI कभी न कभी वह हमें छोड़ के चले जायेगेI बेटा भी जब बड़ा होगा तो वह अपनी पत्नी के साथ खुश रहेगा पर मेरा पति मेरे साथ तब तक है जब तक मेरी धड़कन मे हलचल है जब तक मैं जिन्दा हूँI वह मेरे आधा हिस्सा हैं येदी मैं उन्हें ही मिटा दूंगी तो फिर मुझमें और क्या बाकी रह जायेगा क्योंकि मेरी पहचान और मेरी जिंदगी ही मेरा पति हैI
सब लोग खड़े होकर आखो मे आंशू लिए ताली बजाने लगे क्योंकि एक औरत के लिए जिन्दगी की असली सच्चाई ही ये ही होती हैI जिन्दगी भले मजाक मस्ती से भरी हो लेकिन सच तो ये है की पति-पत्नी का रिश्ता बेहद ही अनमोल और अद्भुत होता है क्योंकि एक सम्पूर्ण स्त्री तब आधी मर जाती है जब उसका साया (पति) साथ छोड़ जाता हैI
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