आज ओवैसी ने कहा टीपू सुल्तान हिंदुओं से नफरत नहीं करता था वह राम लिखा हुआ अंगूठी पहनता था
अब सच्चाई जानिए
पेशेवर वामपंथी इतिहासकारो ने टीपू सुल्तान को ये कहकर सेकुलर साबित करने की नाकाम कोशिस की , क्योकि वो राम लिखा अंगूठी पहनता था .जबकि ये झूठ है ।।
हैदर अली ने मैसूर के हिन्दू राजा की हत्या करके उनकी 41 ग्राम सोने की “राम” लिखी अंगूठी उनकी ऊँगली काटकर निकाल
ली थी ..
कहते हैं कि मैसूर के हिंदू राजा ने उसी वक्त हैदर अली को श्राप दिया था कि यही हश्र तुम्हारे साथ होगा
मैसूर के राजा की बात हैदर अली ने सुना था और हैदर अली इस बात में मानता था कि मरते समय दिया गया श्राप जरूर लगता है इसलिए हैदर अली ने अपने पूरे जीवन में इस अंगूठी को नहीं पहना
बाद में उसने ये अंगूठी अपने पुत्र टीपू सुल्तान को दी .. टीपू भी इसे पहनता नही था … क्योंकि उसे भी हैदर अली ने यह बात बताई थी
लेकिन श्रीरंगपट्टम के युद्ध में जाते समय उसने ये अंगूठी पहनी थी .. दरअसल टीपू सुल्तान के एक मंत्री ने उसे यह कह कर राजी कर लिया कि जिसके पास यह अंगूठी होगी वह इस युद्ध में विजई होगा
फिर श्रीरंगपट्टम्म के युद्ध में टीपू के साथ ठीक वही हुआ जो उसके पिता हैदर अली ने मैसूर के राजा के साथ किया था ..
अंग्रेजो ने उसे मार दिया और उसकी ऊँगली काटकर ये अंगूठी निकाल ली ..
बाद में नीलामी हाउस क्रिस्टीज ने इसे नीलाम किया जिसे मैसूर में राजा के वंशजो ने खरीद लिया ..इस तरह ये अंगूठी अपने मूल मालिक के पास करीब पांच सौ साल के बाद वापस पहुंच गयी ..
