Posted in भारत का गुप्त इतिहास- Bharat Ka rahasyamay Itihaas

अंडमान निकोबार द्वीप समूह में भारत के नौसेना का बड़ा अड्डा है ये तो सभी को ज्ञात है पर क्या आप ये जानते है के हमारे इस नौसैनिक अड्डे से सिर्फ 20 किलोमीटर दूर चीन का भी एक नौसैनिक अड्डा है…..!

जी हां भारत से सिर्फ 20 KM दूर… जहां से चीनी हमारी हर हरकत पर नज़र रखते है….!

इस चीनी नौसैनिक अड्डे का नाम है #Coco_Islands (तस्वीर देखें)…..साल 1950 तक ये भारत का ही हिस्सा हुआ करता था……पर आज भारत के लिए सबसे बड़े खतरों में से एक है….अंडमान निकोबार सहित पूरा दक्षिण भारत, कोलकाता, चेन्नई जैसे बड़े शहर आज इस चीनी अड्डे की मिसाइलों की जद में है….ये भारत की वो कमजोर नस है जो चीन की उंगलियों के बीच दबी है….!

सबसे मजेदार चीज़ ये अड्डा चीन ने हमसे बिना लड़े बिना एक गोली खर्च किये बिना एक बूंद खून बहाए लिया है…..क्या कुछ अजीब लग रहा है……..!

इस ऐतिहासिक मूर्खता को समझने को आपको कुछ साल पीछे लौटना होगा…..

सबसे पहले इस महा मूर्खता का खुलासा भारत के पूर्व रक्षा मंत्री श्री #जॉर्ज_फर्नांडीस ने 2003 में किया था…उन्हों ने संसद और देश को बताया था के कैसे जो कोको आइलैंड देश के लिए सबसे बड़ा खतरा है उसे जवाहरलाल नेहरू नाम के एक अय्यास ने बाप का माल समझ दान में दे दिया था…..!

साल 1937 तक बर्मा(#म्यांमार) भारत का ही हिस्सा हुआ करता था फिर अंग्रेज़ों ने बर्मा को अलग कॉलोनी बनाया….तब के किसी भी भारतीय राजनीतिक नेता ने इसका कोई विरोध नहीं किया उल्टा कांग्रेस ने इस निर्णय को पूरा समर्थन दिया…..इस बटवारे में अंग्रेज़ों ने सामरिक फायदे को देख #कोको_आइलैंड को बर्मा के साथ जोड़ कर वहां काला पानी जैसी ही जेल बनाई जबकि ये बर्मा से 250 KM दूर था और भारत से सिर्फ 20KM…..!

1942 में इस द्वीप समूह पर अंडमान निकोबार के साथ ही जापान ने जीत हासिल की और बाद में इसे आज़ाद हिंद का इलाका माना….!

1947 में भारत को आज़ादी मिलने के बाद अंडमान एक स्वतंत्र देश की तरह बन गया जो बाद में 1950 में भारतीय गणराज्य में शामिल हुआ …..तब तक 1948 मैं बर्मा भी आज़ाद हो चुका था…..!

भारत का तब का प्रधानमंत्री खुद के विश्व नेता होने की गलत फहमी से नथुनों तक भरा था और इसी वाहियात सनक में उसने अंडमान निकोबार के पांच द्वीपों का समूह कोको आइलैंड बर्मा को दे दिया….!

नेहरू की इस #भयानक_अदूरदर्शिता का खामियाजा भारत ने भुगता 1994 में जब बर्मा की सरकार ने ये द्वीप सैनिक अड्डा बनाने को चीन के हवाले कर दिए…..वर्ष 2013 तक चीन ने यहां राडार, हवाई पट्टी, मिसाइलें सब खड़ा कर लिया न भारत की बार बाला सरकार ने न कोई विरोध किया न इस मुद्दे को बर्मा या चीन के साथ द्विपक्षीय वार्ता में कभी उठाया…!

नेहरू कितना बड़ा विश्व नेता बन सका ये तो सभी को ज्ञात है पर भारत के सीने में कोको आइलैंड के रूप में ठोंकी उसकी कील आने वाले समय में कितना दर्द देगी इसका किसी को क्या कोई अनुमान है……!

सिर्फ सोच के देखिए सिहर उठेंगे आप!

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