कौन है तीस्ता जावेद सेतलवाड
अंग्रेजो के नौकर जस्टिस “आगा हुसैन” ने भगत सिंह के पूरे केस की सुनवाई की थी और सजा लिखी थी.
लेकिन सजा सुनाने के समय छुट्टी पर चले गए थे और सजा सुनाने का काम अंग्रेजों के एक और नौकर जस्टिस शादीलाल ने किया था. जस्टिस आगा हुसैन और जस्टिस शादीलाल दोनों कांग्रेस से जुड़े हुए थे.
इससे पहले वीर सावरकर को भी कालापानी की सजा किसी अंग्रेज ने नहीं बल्कि अंग्रेजों के एक नौकर जस्टिस नारायण गणेश चंदावरकर खरे ने सुनाई थी जो कांग्रेस का पूर्व अध्यक्ष था.
आप गूगल पर सर्च कर सकते हैं नारायण गणेश चंद्राकर की मूर्ति मुंबई यूनिवर्सिटी में लगी है
जब जलियांवाला बाग का आदेश देने वाले जनरल डायर पर पूरे विश्व की मीडिया में पूछूं हुआ तब अंग्रेजों ने जलियांवाला बाग़ की जांच के लिए एक हंटर कमेटी बनाया
लॉर्ड विलियम हंटर इस कमेटी के अध्यक्ष थे और इस कमेटी में सिर्फ दो भारतीय थे पंडित जगत नारायण मूल्ला और दूसरे थे सर चिमनलाल हीरालाल सेतलवाड
पं. जगत नारायण मुल्ला मोती लाल नेहरू के घनिष्ठ मित्र और उनके छोटे भाई नन्दलाल नेहरू के समधी थे.
अंग्रेजों ने विश्व के सामने यह दिखाने के लिए दो भारतीयों पंडित जगत नारायण मुल्ला और सर चिमनलाल हीरालाल सेतलवाड को हंटर आयोग का सदस्य बनाया था लेकिन यह दोनों अंग्रेजों के पाले हुए गुलाम थे
और जिसकी उम्मीद थी वही हुआ यानी हंटर आयोग ने सर्वसम्मति से जनरल डायर को जलियांवाला बाग के से बरी कर दिया
इसका इनाम अंग्रेजों ने चमन लाल हीरा लाल सेतलवाड को सर की उपाधि देकर नवाजा
जगत नारायण मुल्ला तो नेहरु के सगे रिश्तेदार थे और सर चिमन लाल हीरा लाल सेतलवाड नेहरू के बहुत अच्छे मित्र थे
देश आजाद होने के बाद प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने उनके पुत्र एम. सी. सीतलवाड़ को भारत का पहला अटार्नी जनरल (1950 से 1963) बनाया था.
चिमन सीतलवाड़ तीस्ता चिमन सीतलवाड़ के सगे परदादा थे.
एमसी सीतलवाड़ का बेटा था अतुल सेतलवाड जो मुंबई हाई कोर्ट का वकील था और घोर सेकुलर था
इसी अतुल की बेटी है तीस्ता जावेद सेतलवाड
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दरअसल इसके घर एक कट्टर जिहादी जावेद आनंद का आना जाना था और इस तरह से तीस्ता जावेद लव जिहाद में फंसकर इस्लाम कबूल कर ली और जावेद आनंद से निकाह कर ली।
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