भारत+पाकिस्तान के सभी मुसलमान हिन्दू थे।
जिन्नाह के पिता भी हिंदू ही थे ,पुंजलाल ठक्कर, और दादा का नाम प्रेमजी भाई मेघजी ठक्कर था ।
मुहम्मद अली जिन्ना के पिता पुंजलाल ठक्कर ओर दादा प्रेमलाल ठक्कर कैसे?
गुजरात के वेरावळ शहर मे रहनेवाले प्रेमजी भाई ठक्कर मच्छिमारि का व्यवसाय करते थे. काफी मेहनत ओर लगन से उन्होने अपने मच्छिमारी के व्यवसाय मे प्रगती कि थी. उनके पास मच्छिमारी के जहाज थे. वे गुजरात के कर्मठ ओर रूढीवादी ‘लोहाणा’ समाज से थे. कुछ ही दिनोमे प्रेमजीभाई ओर उनके समाज के कर्मठ लोगो मे मच्छिमारी व्यवसाय को लेकर वाद-विवाद होने लगा.
लोहाना समाज के लोगो ने जात पंचायत बुलाकर प्रेमजी भाई ठक्कर को मच्छिमारी व्यवसाय बंद करने की सलाह दी. अगर ऐसा नहीं हुआ तो जाती बहिष्कृत करने की धमकी दी. ओर आगे उन्हे जाती बहिष्कृत किया गया. उन्होने लोहाणा समाज के जाती धुरीनो को फिर से समाज मे लेणे कि विनती कि मगर जाती धुरिनो ने उसे निरस्त कर दिया.
प्रेमजी भाई के पुत्र पुंजलाल ठक्कर अपने पिता से समाज का अपमान कारक बर्ताव देखकर काफी आहत थे. उन्होने कर्मठ लोहाना समाज के लोगों को सबक सिखाने की मन मे ठान ली थी. नतीजातन पुंजलाल ठक्कर ने इस्लाम स्वीकार किया ओर अपने चारो पुत्रो के नाम मुस्लिम नामो पर रखे. लेकिन खुद का टोपणनाम (झीनो) जैसा था वैसा ही रहने दिया. ( “झीनो” का गुजराती उच्चार “जिन्नो” ऐसा किया जाता है) . यही जीनो का आगे चलकर ‘जिन्ना’ हुवा ओर ‘मुहम्मद अली जिन्ना’ ये नाम का आगे चलकर मशहूर हुवा.
जिसे हम भारत के विभाजन का गुनह्गार समझते है, उनके धर्म परिवर्तन के लिये कौन जिम्मेदार है? ये हमे ध्यान मे रखना चाहिये. .
स्वामी विवेकानंद जी ने कहा था की जब कोई हिन्दू धर्म छोड़ता है तो वो हिंदुओं का सबसे बड़ा दुश्मन बन जाता है । मुहम्मद अली जिन्ना ने ये बात सत्य साबित कर दिया ।
विपिन खुराना