♦️♦️♦️ रात्रि कहांनी ♦️♦️♦️
👉 ईश्वर☝🏻
एक राजा था,वह जब भी मंदिर जाता,तो वहां पर 2 भिखारी दाएं और बाएं बैठा करते,
दाई तरफ़ वाला कहता-हे ईश्वर, तूने राजा को बहुत कुछ दिया है, मुझे भी दे दे!
बायी तरफ़ वाला कहता-ऐ राजा!ईश्वर ने तुझे बहुत कुछ दिया है,मुझे भी कुछ दे दे।
दाईं तरफ़ वाला भिखारी बायी तरफ़ वाले से कहता-ईश्वर से माँग वह सबकी सुनने वाला है।
बायी तरफ़ वाला जवाब देता -चुपकर मूर्ख
एक बार राजा ने अपने मंत्री को बुलाया और कहा कि मंदिर में दाईं तरफ जो भिखारी बैठता है वह हमेशा ईश्वर से मांगता है तो अवश्य ईश्वर उसकी ज़रूर सुनेगा
लेकिन जो बायी तरफ बैठता है वह हमेशा मुझसे निवेदन करता रहता है,तो तुम ऐसा करो कि एक बड़े से बर्तन में खीर भरके उसमें स्वर्ण मुद्रा डाल दो और वह उसको दे आओ।
मंत्री ने ऐसा ही किया -अब वह भिखारी मज़े से खीर खाते-खाते दूसरे भिखारी को चिड़ाता हुआ बोला~हुह बड़ा आया ईश्वर देगा,यह देख राजा से माँगा,मिल गया ना।खाते खाते जब इसका पेट भर गया तो इसने बची हुई खीर का बर्तन उस दूसरे भिखारी को दे दिया और कहा-ले पकड़ तू भी खाले।
अगले दिन जब राजा आया तो देखा कि बायी तरफ वाला भिखारी तो आज भी वैसे ही बैठा है लेकिन दाईं तरफ वाला ग़ायब है,राजा नें चौंककर उससे पूछा-“क्या तुझे खीर से भरा बर्तन नहीं मिला?
भिखारी-जी मिला था राजाजी, क्या स्वादिष्ट खीर थी,मैंने ख़ूब पेट भरकर खायी।
राजा-फिर?
भिखारी-फ़िर जब मेरा पेट भर गया तो वह जो दूसरा भिखारी यहाँ बैठता है मैंने उसको दे दी, मूर्ख हमेशा कहता रहता है ईश्वर देगा,ईश्वर देगा!
राजा मुस्कुराकर बोला अवश्य ही,ईश्वर ने उसे दे ही दिया।
ईश्वर पर भरोसा रखें |
नित याद करो मन से शिव परमात्मा को☝🏻
सदैव प्रसन्न रहिये।
जो प्राप्त है, पर्याप्त है।।
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