महाभारतमें एक समय जब महाराज धृतराष्ट्र बहुत व्याकुल थे और उन्हें नींद नहीं आ रही थी, तब उन्होंने महामन्त्री विदुरको बुलवाया । कुछ समय पश्चात महात्मा विदुर प्रासादमें (महलमें) महाराजके सामने पहुंच गए ।
महाराज धृतराष्ट्रने महात्मा विदुरसे कहा, “जबसे संजय पाण्डवोंके यहांसे लौटकर आया है, तबसे मेरा मन बहुत अशान्त है । संजय कल सभामें सभीके सामने क्या कहेगा ? यह सोच-सोचकर मन व्यथित हो रहा है । नींद नहीं आ रही है ।”
यह सुनकर महात्मा विदुरने महाराजसे महत्त्वपूर्ण नीतिकी बात कही । महात्मा विदुरने कहा, “जब किसी व्यक्ति, चाहे वह स्त्री हो या पुरुष, दोनोंके जीवनमें ये चार बातें होती हैं, तब उसकी नींद उड जाती है और मन अशान्त हो जाता है ।”
ये चार बातें कौन-कौन सी हैं, आइए जानते हैं :-
पहली बात : महात्मा विदुरने महाराज धृतराष्ट्रसे कहा कि यदि किसी व्यक्तिके मनमें काम-वासना जाग गई हो तो उसे नींद नहीं आती है । जबतक कामी व्यक्तिकी वासना तृप्त नहीं हो जाती है, तबतक वह सो नहीं सकता है । कामकी वासना व्यक्तिके मनको अशान्त कर देती है और कामी किसी भी कार्यको ठीकसे नहीं कर पाता है । यह भावना स्त्री और पुरुष दोनोंकी नींद उडा देती है ।
दूसरी बात : जब किसी स्त्री या पुरुषकी शत्रुता बहुत बलवान व्यक्तिसे हो जाती है तो उसकी नींद उड जाती है । निर्बल और साधनहीन व्यक्ति प्रत्येक क्षण बलवान शत्रुसे बचनेके उपाय सोचता रहता है । उसे सदैव यह भय सताता है कि कहीं बलवान शत्रुके कारण कोई अनहोनी न हो जाए ।
तीसरी बात : यदि किसी व्यक्तिका सब कुछ हडप लिया गया हो तो उसकी रातोंकी नींद उड जाती है । ऐसा व्यक्ति न तो शान्तिसे जी पाता है और न ही सो पाता है । इस परिस्थितिमें व्यक्ति प्रत्येक क्षण छिनी हुई वस्तुओंको पुन: पानेकी योजनाएं बनाते रहता है । जबतक वह अपनी वस्तुएं पुन: पा नहीं लेता है, तबतक उसे नींद नहीं आती है ।
चौथी बात : यदि किसी व्यक्तिकी प्रवृत्ति चोरीकी है, अर्थात जो चोरी करके ही अपने उदर भरण करता है, या जिसे चोरी करनेकी वृति है, या जो दूसरोंका धन चुरानेकी योजनाएं बनाते रहता है, उसे नींद नहीं आती है । चोर सदैव रातमें चोरी करता है और दिनमें इस बातसे डरता है कि कहीं उसकी चोरी पकडी न जाए । इस कारणसे उसकी नींद भी उडी रहती है ।
रवि कांत