स्वभाव न छोड़ें
एक बार गधा और एक आदमी रास्ते से जा रहे थे। रास्ते में गधा किसी गहरे
गड्ढे में गिर जाता है। आदमी अपने पसंदीदा गधे को गड्डे से निकालने का हर
भरसक प्रयास करता है, लेकिन काफी प्रयत्न करने के बाद वो भी असफल
हो जाता है। वह बहुत दुखी होता है, लेकिन उसको ऐसी दशा में छोड़कर जाना
| भी नही चाहता। तभी उसके मन में एक विचार कौंधता है और वह उसे उसी
गड्ढे में जिंदा गाड़ने का निश्चय करता है, जिससे वह आसानी से मर सके।
| इसलिए वह उस पर मिट्टी डालना कर देता है। जैसे ही गधे पर मिट्टी
गिरती है, वो उसे वजन के हिलाकर हटा देता है और उसी मिट्टी पर
चढ़ । प्रत्येक
गिरती है। अंत में बार यही कार्य करता है, जब जब मिट्टी उसके ऊपर |
से गड्ढा भर जाता है और वह सुरक्षित बाहर आ जाता
है। कथा का आशय यह है कि हमारी आंतरिक वृत्ति हमें ताकत देती है। संकट
में उसे नहीं भूलना चाहिए।