आज का प्रसंग:-एक सभा में गुरु जी ने प्रवचन के दौरान एक 30 वर्षीय युवक को खड़ा कर पूछा-
कि आप मुम्बई मेँ जुहू चौपाटी पर चल रहे हैं।और सामने से एक सुन्दर लड़की आ रही है , तो आप क्या करोगे ?
युवक ने कहा – उस पर नजर जायेगी, उसे देखने लगेंगे।
गुरु जी ने पूछा – वह लड़की आगे बढ़ गयी , तो क्या पीछे मुड़कर भी देखोगे ?
लड़के ने कहा – हाँ, अगर धर्मपत्नी साथ नहीं है, तो। (सभा में सभी हँस पड़े।)
गुरु जी ने फिर पूछा – जरा यह बताओ वह सुन्दर चेहरा आपको कब तक याद रहेगा ?
युवक ने कहा 5 – 10 मिनट तक, जब तक कोई दूसरा सुन्दर चेहरा सामने न आ जाए।
गुरुजी ने उस युवक से कहा – अब जरा कल्पना कीजिये.. आप जयपुर से मुम्बई जा रहे हैं,और मैंने आपको एक पुस्तकों का पैकेट देते हुए कहा कि मुम्बई में अमुक महानुभाव के यहाँ यह पैकेट पहुँचा देना…
आप पैकेट देने मुम्बई में उनके घर गए। उनका घर देखा, तो आपको पता चला कि ये तो बड़े अरबपति हैं। घर के बाहर 10 गाड़ियाँ और 5 चौकीदार खड़े हैं।
उन्हें आपने पैकेट की सूचना अन्दर भिजवाई , तो वे महानुभाव खुद बाहर आए। आप से पैकेट लिया। आप जाने लगे तो आपको आग्रह करके घर में ले गए। पास में बैठाकर गरम खाना खिलाया।
चलते समय आप से पूछा – किसमें आए हो ?
आपने कहा- लोकल ट्रेन में।
उन्होंने ड्राइवर को बोलकर आपको गंतव्य तक पहुँचाने के लिए कहा और आप जैसे ही अपने स्थान पर पहुँचने वाले थे कि उस अरबपति महानुभाव का फोन आया – भैया, आप आराम से पहुँच गए..
अब आप बताइए कि आपको वे महानुभाव कब तक याद रहेंगे ?
युवक ने कहा – गुरु जी ! जिंदगी में मरते दम तक उस व्यक्ति को हम भूल नहीं सकते।
गुरु जी ने युवक के माध्यम से सभा को संबोधित करते हुए कहा — “यह है जीवन की हकीकत।”
“सुन्दर चेहरा थोड़े समय ही याद रहता है, पर सुन्दर व्यवहार जीवन भर याद रहता है।”
बस यही है जीवन का गुरु मंत्र… अपने चेहरे और शरीर की सुंदरता से ज़्यादा अपने व्यवहार की सुंदरता पर ध्यान दें.. जीवन अपने लिए आनंददायक और दूसरों के लिए अविस्मरणीय प्रेरणादायक बन जाएगा..
जीवन का सबसे अच्छा योग
सहयोग हैै,
और
सबसे बुरा आसन
आश्वासन।
प्रशांत मणि त्रिपाठी