Posted in छोटी कहानिया - १०,००० से ज्यादा रोचक और प्रेरणात्मक

दर्द को समझना सीखे हिंदी प्रेरक कहानी !

मानवता की झलक शिक्षाप्रद कहानी –✍️

हमारे जीवन में कई बार ऐसे मौके आते है जब हमें मानवता की झलक हमारे सामने ही दिख जाती है. मानवता सिर्फ यह नहीं होती की हम सब मनुष्य है तो मनुष्य का ही उपकार करे. बल्कि मानवता तो वह है जब हम किसी भी प्राणी या जानवर के मुसीबत में होने पर उसकी सहायता कर सके और उसकी सेवा कर सके.

ईश्वर ने मानवता का गुण डालकर मनुष्य को बहुत श्रेष्ठ बनाया है. आइये इस कहानी के माध्यम से इस बात को अच्छी तरह से समझते है.

पढ़िए….. _👌❤️

एक किसान के पास बहुत कुत्ते के बच्चें थे तो वह कुछ बच्चों को बेचना चाहता था. उसने घर के बाहर बिक्री का बोर्ड लगा दिया. एक दिन दस साल का बच्चा किसान के दरवाजे पर आया और बोला, ” मैं एक कुत्ते के बच्चें खरीदना चाहता हूँ. आप एक कुत्ते के बच्चें कितने रूपये में देंगे ?

किसान ने कहा, ” एक कुत्ते के बच्चें दौ सौ रूपये का है.

यह सुनकर वह लड़का बोला, ” मेरे पास अभी तो केवल सौ रूपये है. बाकी कीमत मैं आपको हर महीने 25 रूपये देकर चुकाऊंगा. क्या आप मुझे कुत्ते के बच्चें देंगे ?

किसान ने सौ रूपये लिए और कुत्ते के बच्चों को बुलाने के लिए सीटी बजायी. चार छोटे-छोटे कुत्ते के बच्चें बाहर आ गये. बच्चे ने एक कुत्ते के बच्चें को सहलाया. अचानक उसकी नजर पांचवे कुत्ते के बच्चें पर पड़ी. वह लंगडाकर चल रहा था.

मुझे वह कुत्ते के बच्चें चाहिए, ” बच्चे ने कहा. लेकिन वह तो तुम्हारे साथ खेल भी नहीं पायेगा. इसका तो एक पैर ख़राब है. कोई बात नहीं. मुझे वही कुत्ते के बच्चें पसंद है. मुझे इसी की जरुरत है,” बच्चा बोला.

तब तुम इसे ले जाओ. इसके दाम देने की आवश्यकता नहीं है – किसान बोला

नहीं यह कुत्ते के बच्चें भी उतना ही महत्वपूर्ण है और मैं आपको इसकी पूरी कीमत दूंगा,” बच्चा बोला.

लेकिन तुम्हे यह कुत्ते के बच्चें क्यों चाहिए ? जबकि इतने सारे और कुत्ते के बच्चें भी है- किसान बोला

ताकि उसका दर्द समझने और बांटने वाला भी कोई हो. ताकि वो दुनिया में खुद को अकेला न समझे. कहकर बच्चे ने कुत्ते के बच्चें उठाया और वापस चल दिया.

जब वह लड़का जाने लगा तब किसान ने देखा, वह बच्चा भी एक पैर में विशेष जूता पहने था. किसान सोचने लगा की एक ‘ घायल की गति घायल ही जान सकता है’.

दोस्तों ! इस कहानी में लड़के ने उस लंगड़े कुत्ते के बच्चें को इसलिए ख़रीदा क्योंकि वह उस पिल्ले के दुःख को जानता था. वह लड़का स्वयं भी एक पैर से लंगड़ा था. इसलिए उसने स्वस्थ और खुबसूरत पिल्ले लेने के बजाय लंगड़े हुए पिल्ले को चुना. दुःख तो हमारे जीवन का सबसे बड़ा रस है.

❤️__

जिसे जीवन में दुःख नहीं मिला उसे सुख की अनुभूति भला क्या होगी. जो स्वयं दुःख का अनुभव करता है वही दूसरे के दुःख को पहचान पाता है. यही मानवता का सबसे बड़ा गुण है. हमें जब कभी भी किसी दुखी और असहाय प्राणी या जीव – जंतु की सेवा का अवसर मिले तो उसे सच्चे मन से निभाना चाहिए. तभी हम मानव कहलाने के असली हकदार होंगे.

Author:

Buy, sell, exchange old books

Leave a Reply

Fill in your details below or click an icon to log in:

WordPress.com Logo

You are commenting using your WordPress.com account. Log Out /  Change )

Twitter picture

You are commenting using your Twitter account. Log Out /  Change )

Facebook photo

You are commenting using your Facebook account. Log Out /  Change )

Connecting to %s