Posted in छोटी कहानिया - १०,००० से ज्यादा रोचक और प्रेरणात्मक

🙏🌹ॐ 🌹🙏

गिलास को नीचे रख दीजिये!!

एक प्रोफ़ेसर ने अपने हाथ में पानी से भरा एक गिलास पकड़ते हुए कक्षा शुरू की . उन्होंने उसे ऊपर उठा कर सभी छात्रों को दिखाया और पूछा – आपके हिसाब से गिलाद का वज़न कितना होगा?

’50 ग्राम….100 ग्राम…125 ग्राम’…छात्रों ने उत्तर दिया.

” जब तक मैं इसका वज़न ना कर लूँ मुझे इसका सही वज़न नहीं बता सकता”. प्रोफ़ेसर ने कहा.पर मेरा सवाल है !!

यदि मैं इस गिलास को थोड़ी देर तक इसी तरह उठा कर पकडे रहूँ तो क्या होगा ?”

‘कुछ नहीं’ …छात्रों ने कहा.

‘अच्छा !! अगर मैं इसे मैं इसी तरह एक घंटे तक उठाये रहूँ तो क्या होगा ? प्रोफ़ेसर ने पूछा.

‘आपका हाथ दर्द होने लगेगा’, एक छात्र ने कहा.

” तुम सही हो,अच्छा अगर मैं इसे इसी तरह पूरे दिन उठाये रहूँ तो का होगा?”

” आपका हाथ सुन्न हो सकता है, आपके मांसपेशियों में भारी तनाव आ सकता है , लकवा मार सकता है और पक्का आपको अस्पताल जाना पड़ सकता है”….किसी छात्र ने कहा और बाकी सभी हंस पड़े…

“बहुत अच्छा !! पर क्या इस दौरान गिलास का वज़न बदला? प्रोफ़ेसर ने पूछा.

उत्तर आया ..”नहीं”

” तब भला हाथ में दर्द और मांशपेशियों में तनाव क्यों आया?”

छात्र अचरज में पड़ गए.

फिर प्रोफ़ेसर ने पूछा ” अब दर्द से निजात पाने के लिए मैं क्या करूँ?”

” गिलास को नीचे रख दीजिये! एक छात्र ने कहा.

” बिलकुल सही!” प्रोफ़ेसर ने कहा.

जिन्दगी की समस्याएं भी कुछ इसी तरह होती हैं. इन्हें कुछ देर तक अपने दिमाग में रखिये और लगेगा की सब कुछ ठीक है.उनके बारे में ज्यदा देर सोचिये और आपको पीड़ा होने लगेगी.और इन्हें और भी देर तक अपने दिमाग में रखिये और ये आपको पैरालाइज करने लगेंगी. और आप कुछ नहीं कर पायेंगे.

अपने जीवन में आने वाली चुनौतियों और समस्याओं के बारे में सोचना ज़रूरी है,पर उससे भी ज्यादा ज़रूरी है दिन के अंत में सोने जाने से पहले उन्हें नीचे रखना.इस तरह से, आप तनाव में नहीं रहेंगे, आप हर रोज़ मजबूती और ताजगी के साथ उठेंगे और सामने आने वाली किसी भी चुनौती का सामना कर सकेंगे।

🌸हम बदलेंगे,युग बदलेगा।🌸

आपका दिन शुभ एवं मंगलमय हो।

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एक गरीब आदमी था।”

वो हर रोज नजदीक के मंदिर में जाकर वहां साफ-सफाई करता और फिर अपने काम पर चला जाता था।
अक्सर वो अपने प्रभू से कहता कि मुझे आशीर्वाद दीजिए तो मेरे पास ढेर सारा धन-दौलत आ जाए।
एक दिन ठाकुर जी ने बाल रूप में प्रगट हो उस आदमी से पूछ ही लिया कि क्या तुम मन्दिर में केवल इसीलिए, काम करने आते हो।
उस आदमी ने पूरी ईमानदारी से कहा कि हां, मेरा उद्देश्य तो यही है कि मेरे पास ढेर सारा धन आ जाए, इसीलिए तो आपके दर्शन करने आता हूं।
पटरी पर सामान लगाकर बेचता हूं। पता नहीं, मेरे सुख के दिन कब आएंगे।

बाल रूप ठाकुर जी ने कहा कि — तुम चिंता मत करो। जब तुम्हारे सामने अवसर आएगा तब ऊपर वाला तुम्हें आवाज थोड़ी लगाएगा। बस, चुपचाप तुम्हारे सामने अवसर खोलता जाएगा।
युवक चला गया।
समय ने पलटा खाया, वो अधिक धन कमाने लगा। इतना व्यस्त हो गया कि मन्दिर में जाना ही छूट गया।
कई वर्षों बाद वह एक दिन सुबह ही मन्दिर पहुंचा और साफ-सफाई करने लगा।
ठाकुर जी फिर प्रगट हुए और उस व्यक्ति से बड़े ही आश्चर्य से पूछा–क्या बात है, इतने बरसों बाद आए हो, सुना है बहुत बड़े सेठ बन गए हो। वो व्यक्ति बोला–बहुत धन कमाया। अच्छे घरों में बच्चों की शादियां की, पैसे की कोई कमी नहीं है पर दिल में चैन नहीं है। ऐसा लगता था रोज सेवा करने आता रहूं पर आ ना सका।
व्यक्ति बोला,हे प्रभू, आपने मुझे सब कुछ दिया पर जिंदगी का चैन नहीं दिया ?
प्रभू जी ने कहा कि तुमने वह मांगा ही कब था?
जो तुमने मांगा वो तो तुम्हें मिल गया ना।
फिर आज यहां क्या करने आए हो?
उसकी आंखों में आंसू भर आए, ठाकुर जी के चरणों में गिर पड़ा और बोला –अब कुछ मांगने के लिए सेवा नहीं करूंगा। बस दिल को शान्ति मिल जाए। ठाकुर जी ने कहा–पहले तय कर लो कि अब कुछ मागने के लिए मन्दिर की सेवा नहीं करोगे, बस मन की शांति के लिए ही आओगे। ठाकुर जी ने समझाया कि चाहे मांगने से कुछ भी मिल जाए पर दिल का चैन कभी नहीं मिलता इसलिए सेवा के बदले कुछ मांगना नहीं है। वो व्यक्ति बड़ा ही उदास होकर ठाकुर जी को देखता रहा और बोला–मुझे कुछ नहीं चाहिए। आप बस, मुझे सेवा करने दीजिए। सच में, मन की शांति सबसे अनमोल है।।और श्री हरि की किरपा जब बरसती है तो वो बरसती ही जाती है।
जब भी मैं बुरे हालातों से घबराता हूँ..!
तब मेरे प्रभु जी कि आवाज़ आती है “रुक ……………… मैं आता हूँ”..!!🌹🙏🏻
ᖱ៩៩ᖰ♬ƙ ɉ♬ɨនɨ⩎❡Ϧ 🙏🏽
जय श्री राधे कृष्णा ❣️❣️