मनमोहन सिंह सत्ता में थे… प्रतिभा पाटिल देश की राष्ट्रपति थी तभी अचानक एक खबर ने सबको चौंका दिया कि एक बेहद कट्टरपंथी मुस्लिम गुलाम वाहनवटी भारत का अटार्नी जनरल नियुक्त हुआ
गुलाम वाहनवती अपने हिंदू विरोधी होने के लिए मशहूर था
उसने सुप्रीम कोर्ट ने में भारत सरकार की तरफ से वह केस लड़ा था जिसमें रामसेतु तोड़ने की बात थी और इसी गुलाम वाहनवती के सलाह पर भारत सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में एफिडेविट दिया था की रामायण काल्पनिक है राम रावण युद्ध कभी हुआ ही नहीं था रामसेतु तो एक प्राकृतिक संरचना है
मुसलमानों को ओबीसी कोटे में शामिल करने का केस हो
इतना ही नहीं उस वक्त भारतीय सेना के प्रमुख थे जनरल वीके सिंह यह गुलाम वाहनवती उनकी फर्जी सर्टिफिकेट बना कर सुप्रीम कोर्ट में उन्हें जबरदस्ती रिटायर करने की अपील किया था हालांकि सुप्रीम कोर्ट में इसे लात खानी पड़ी थी क्योंकि जांच में वह सर्टिफिकेट फर्जी निकला था
इतना कट्टर मुसलमान भारत का अटार्नी जनरल बनकर भारत की लॉ इन्फोर्समेंट एजेंसीज को अपने इस्लामी एजेंडे से चला रहा था
फिर अप्रैल 2014 में एडीशनल सॉलीसीटर जनरल हरिन पी रावल ने यह सनसनीखेज आरोप लगा दिया की गुलाम वाहनवती अपना कट्टर इस्लामिक एजेंडा चला रहे हैं इस आरोप के बाद इसे अपना पद छोड़ना पड़ा था
और इस कट्टरपंथी मुस्लिम को भारत का अटॉर्नी जनरल नियुक्त करने के पीछे अहमद पटेल था जिसने अब तक की सबसे भ्रष्ट राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल के द्वारा उनका नियुक्ति करवाया था