महाभारत काल एवं उसके बाद के राजवंश
पौराणिक तथा ज्योतिषीय प्रमाणों के आधार पर यह महाभारत युद्ध की प्रसिद्ध परंपरागत तिथि 3070 ई.पू. मानी जाती है. उस महायुद्ध में भयानक सर्वनाश हुआ था. इस युद्ध के कुछ बर्ष बाद भगवान् श्रीकृष्ण का यदुवंश भी आपस में लड़कर समाप्त हो गया था. उसके बाद भारत में दो ही प्रशिद्ध राजवंश बचे. एक इंद्रप्रस्थ का पाण्डुवंश और दूसरा मगध का जरासंध का वंश.
महाभारत के युद्ध के बाद युधिष्ठिर राजा बने और उनके बाद अभिमन्यु के पुत्र परीक्षित और मगध में जरासंध के पुत्र बृहद्रथ. राजा परीक्षित के बाद के द्वापर युग की समाप्ति तथा कलयुग का प्रारम्भ माना जाता है. परीक्षित के लगभग 28 पीढ़ी तक पाण्डु वंश का समय लगभग 1100 साल (2000 ई. पू.) माना जाता है. इनके समय तक म्लेच्छों के आक्रमण शुरू हो गए थे.
पाण्डु वंश के अन्तिम सम्राट क्षेमक हुए, जो मलेच्छों के साथ युद्ध करते हुए मारे गये थे. क्षेमक के वेदवान् तथा वेदवान् के सुनन्द नामक पुत्र हुआ. सुनन्द पुत्रहीन ही रहा,.इस प्रकार सुनन्द के अंत के साथ ही पाण्डव वंश का अंत हो गया. उधर मगध में जरासंध की 22 पीढ़ियों तक लगभग 1000 साल ( 2200 ई.पू.) तक चला. इस वंश का अन्तिम राजा रिपुञ्जय था.
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