उत्तराखंड का वो गांव जहां है कर्ण का मंदिर, लोग खुद को बताते हैं पांडवों और कौरवों का वशंज
आज हम आपको एक ऐसी खूबसूरत जगह के बारे में बताने जा रहे हैं, जहां सुंदर-सुंदर पहाड़ हैं, हरियाली है। भारत का यह गांव उत्तराखंड के गढ़वाल में स्थित है। उत्तराखंड, उत्तर भारत में स्थित एक राज्य है, जिसे देवों की भूमि के नाम से भी जाना जाता है। इस राज्य की सीमाएं उत्तर में तिब्बत, पूर्व में नेपाल, पश्चिम में हिमाचल प्रदेश और दक्षिण में उत्तर प्रदेश से मिलती हैं। उत्तराखंड तीर्थ स्थलों के लिए भी मशहूर है। भारत की सबसे बड़ी नदियों गंगा और यमुना का उद्गम स्थल भी उत्तराखंड ही है। देहरादून इस राज्य की राजधानी होने के साथ-साथ यहां का सबसे बड़ा नगर भी है। आइए, आज जानते हैं, यहां के खूबसूरत गांव कलाप के बारे में।
उत्तराखंड के गढ़वाल क्षेत्र में स्थित कलाप गांव रूपिन नदी के किनारे 7800 फीट की ऊचाई पर स्थित है। इस गांव में देवदार के लंबे और घने पेड़ देखने को मिलते हैं, जो इस जगह को और भी खूबसूरत बनाते हैं।
टोन्स घाटी को महाभारत की जन्मभूमि कहा जाता है और उत्तराखंड का कलाप गांव भी इसी घाटी में है। यही कारण है कि यहां के लोग खुद को कौरवों और पांडवों का वंशज बताते हैं।
कलाप में मुख्य मंदिर पांडव भाइयों में से एक कर्ण को समर्पित है। कर्ण महाराजा उत्सव नाम का एक त्योहार भी इस क्षेत्र में मनाया जाता है। जनवरी में, आमतौर पर कलाप में पांडव नृत्य उत्सव होता है। यह उत्सव 10 साल के अंतराल पर मनाया जाता है।
कलाप के लोगों का खान-पान बहुत ही साधारण है। यहां के लोग लिंगुड़ा, लेकप पपरा, बिच्छू घास और जंगली मशरूम का सेवन अधिक करते हैं। यहां एक खसखस, गुड़ और गेंहू के आटे से एक खास डिस भी बनाई जाती है।