एक शिकारी जंगल मे शिकार करने गया। शेर ने एक थप्पड़ मारा और कहा देखते नहीं हो कि बोर्ड पर लिखा है,
“यहाँ शिकार करना मना है।”
शिकारी ने कहा सॉरी और बंदूक वापिस रख ली।
बंदूक रखते ही शेर ने शिकारी पर झपट्टा मारा। शिकारी बोला कि बोर्ड पर लिखा नही पढा?
शेर बोला कि मैं तो अनपढ़ हूँ और शिकारी को मार कर खा गया।
यही स्थिति दंगा करने वालों की है। जब खुद करते हैं तो ठीक जब दंगाइयों पर कानूनी एक्शन या दंगा पीड़ितों की प्रतिक्रिया होती है,,,,
तब कानून और मानवाधिकार याद आता है।
महाभारत युद्ध में कर्ण भी अर्जुन के सामने धर्म और कर्तत्व की बात करता है।
परन्तु भगवान श्रीकृष्ण जी कहते हैं कि आज तुम संकट में हो तो तुम्हे धर्म याद आ रहा है।
ध्यान रखें।
कानून और मानवाधिकार का आतंकी और दंगाई से कोई सम्बन्ध नहीं है।
इसलिए जो भी आतंकी और दंगाई के मानवाधिकार की बात करे वह मानवता का सबसे बड़ा शत्रु है। याद रहें, हर वक्त,,,,