Posted in छोटी कहानिया - १०,००० से ज्यादा रोचक और प्रेरणात्मक

मन की बात
🌹🌹🌹🌹🌹🌹

एक सब्जी की दुकान पर जहाँ से मैं अक्सर सब्जियाँ लेता हूँ जब मैं पहुँचा तो सब्जी वाली फोन पर बात कर रही थी अत: कुछ क्षण रुकना 😢ठीक समझा और उसने रुकने का संकेत भी किया तो रुक गया और उसकी बात मेरे कान में भी पड़ रही थी।

वह अपनी उस बेटी से बात कर रही थी जिसकी शादी तीन चार दिन पहले हुई थी।

वह कह रही थी “देखो बेटी घर की याद आती है ठीक है लेकिन वह घर अब तुम्हारा है।तुम्हें अब अपना सारा ध्यान अपने घर के लिया लगाना है और बार बार फोन मत किया करो और छिपकर तो बिलकुल भी नहीं।

जब भी यहाँ फोन करना तो सास या पति के सामने करना।

तुम अपने फोन पर मेरे फोन का इंतजार कभी मत करना। मुझे जब बात करना होगा तो मैं तुम्हारी सास के नंबर पर लगाऊँगी।तब तुम भी बात करना और बेटी अब ससुराल में हो जरा जरा सी बात पर तुनकना छोड़ दो सहनशक्ति रखो।

अपना घर कैसे चलाना है ये सब अपनी सास से सीखो।

एक बात ध्यान रखो इज्जत दोगी इज्जत पाओगी।ठीक है । सुखी रहो

मैंने प्रशंसा के भाव में कहा “बहुत सुंदर समझाया आपने

उसने कहा बहन माँ को बेटी के परिवार में अनावश्यक दखल नहीं देनी चाहिये। उन्हें अपने घर की बातों को भी बिना मतलब इधर उधर नहीं करना चाहिये। वहाँ हो तो समस्या का हल खुद ढूँढ़ो

मैं उस देवी का मुँह देखती रह गया। सभी माँ को इसी तरह से सोचना चाहिए ताकि बेटी अपने घर को खुद का घर समझे।

हँस जैन रामनगर खण्डवा

💐💐💐💐💐💐

Author:

Buy, sell, exchange old books

Leave a Reply

Fill in your details below or click an icon to log in:

WordPress.com Logo

You are commenting using your WordPress.com account. Log Out /  Change )

Twitter picture

You are commenting using your Twitter account. Log Out /  Change )

Facebook photo

You are commenting using your Facebook account. Log Out /  Change )

Connecting to %s