जनरल सैम मानेकशॉ और जनरल याहिया खान दोनों अविभाजित भारत की ब्रिटिश आर्मी में ब्रिगेडियर थे
47 में जब देश का बंटवारा हुआ और जब याहिया खान पाकिस्तान जा रहे थे तब उन्होंने सैम मानेक्शा से उनकी उस जमाने की शानदार लाल रंग की जेम्स मोटरसाइकिल मांगी और दोनों में उस जमाने में ₹1000 में सौदा तय हुआ और जनरल याहिया खान ने कहा कि मैं पाकिस्तान जाते ही तुम्हें पैसे दे दूंगा लेकिन जनरल याहिया खान तो ठहरा ईमान वाला शांतिदूत उसने पैसे नहीं दिए
अब पढ़िए जनरल सैम मानेक्शा ने अपनी मोटरसाइकिल के पैसे जनरल याहिया से कैसे वसूले थे
इस घटना के 24 साल बाद सन 1971 में भारत-पाकिस्तान युद्ध होना निश्चित हो गया. उस समय सैम मानेकशॉ भारत के और याह्या खान पाकिस्तान के आर्मी चीफ थे और युद्ध में अपने अपने देश का नेतृत्व कर रहे थे.
1971 का घमासान युद्ध हुआ. युद्ध में भारत ने जीत हासिल की और पाकिस्तान को भारी हार और हानि का सामना करना पड़ा. इस युद्ध में ही पूर्वी पाकिस्तान का विघटन हुआ.
सैम मानेकशॉ ने इस युद्ध के बात जो यादगार बात बोली, वो ये है – याह्या ने मेरे Bike के 1000 रुपये मुझे कभी नहीं दिए, लेकिन अब उसने अपना आधा देश देकर हिसाब पूरा किया.
Sam Manekshaw भारतीय सेना और जनता के हमेशा अविस्मरणीय हीरो रहेंगे. हम सभी भारतीय उनकी देशभक्ति और बहादुरी को प्रणाम करते हैं.