आज वो चिदंबरम जेल में है और उसे गिरफ्तार करते हुए हम सबने टीवी पर लाइव देखा.
चिदंबरम ने कुछ गलत किया है ये तो सब जानते हैं लेकिन… वो किस मामले में जेल में है… और, असल में उसने किया क्या है … ये बहुत ही कम लोगों को मालूम होगा.
असल में ये सारा खेल 2006 में शुरू हुआ था…. जब, पीटर मुखर्जी और इंद्राणी मुखर्जी ने मिलकर INX MEDIA नामक एक कंपनी शुरू की जिसके लिए उन दोनों विदेशी निवेश की आवश्यकता थी.
अब नियम यह है कि…. अगर, आप को अपना बिजनेस चलाने के लिये विदेशी फंड की आवश्यकता है तो आप Direct route से पैसे ले सकते हैं.
लेकिन…. अगर आपको देश की सुरक्षा या सम्प्रभुता से जुड़े किसी बिजनेस जैसे कि…. रक्षा, बैंकिग या फिर मीडिया जैसे कार्यों के लिये विदेशी निवेश चाहिये तो उसके लिये आपको सरकार के FIPB (Foreign Investment Promotion Board) से मंजूरी लेनी पड़ती है.
सरकारी भाषा में इसे Approved Route कहते हैं.
तो, नियम के तहत…. पीटर मुखर्जी और इंद्राणी मुखर्जी FIPB के पास गए और और दो चीजों की परमिशन माँगी….!
जिसमें से पहला…. विदेशी निवेश की.
और, दूसरा…. उस निवेश का 26% पैसा अपने ही किसी और बिजनेस ( INX News ) में लगाने की.
लेकिन…. FIPB ने मुखर्जी को सिर्फ 4.62 करोड़ रूपये की ही विदेशी निवेश की परमिशन दी तथा 26% पैसा INX news में लगाने की मंजूरी नहीं दी और उसके लिए मना कर दिया.
लेकिन…. मुखर्जीयों ने 4.62 करोड़ की मंजूरी को नजरअंदाज कर 305 करोड़ का विदेशी निवेश ले आये… जिससे, यह कानून का उल्लंघन हुआ … और, यह अवैध मनी लॉन्ड्रिंग का मामला बन गया.
इसके साथ ही मुखर्जीयों ने FIPB के मंजूरी के खिलाफ जाकर विदेशी निवेश का 26% पैसा INX news में लगा दिया.
लेकिन… आयकर विभाग को गड़बड़ की भनक लगी और इसकी जाँच शुरू हुई.
आयकर के जाँच में जब…. मुखर्जी फंसने लगे तो, उन्होंने सोचा किसी बड़े आदमी को अगर अपने बिजनेस से जोड़ लें तो हम बच सकते हैं.
और, इस काम के लिए उन्होंने पकड़ा तत्कालीन वित्तमंत्री पी चिदंबरम के बेटे कार्ति चिदंबरम को और कार्ति चिदंबरम के बेटे की कंपनी Chess Management Services limited को अपनी कंपनी का Consultant बना दिया.
पी. चिदंबरम के बेटे कार्ति चिदंबरम के INX Media से जुड़ते ही मुखर्जी के खिलाफ चल रही Revenue Department की सारी जाँच बंद हो गयी क्योंकि कार्ति की पिता पी चिदंबरम देश के वित्त मंत्री थे और देश के सारे REVENUE DEPARTMENT उनके ही अधीन थे.
सिर्फ इतना ही नहीं…. कार्ति चिदंबरम के जुड़ने के बाद …. अब FIPB ने भी INX Media को नया प्रपोजल भेजने कहा और उनकी विदेशी निवेश की लिमिट बढा दी.
यह सब कुछ इसलिये हो रहा था क्योंकि…. पी चिदंबरम भारत के वित्त मंत्री थे.
अब…. कार्ति की कंपनी CMSL को कंसल्टंट होने की वजह से 3.5 करोड़ दिये जाने थे… लेकिन, कार्ति चिदंबरम सयाना था और उसे लगा कि पैसा अगर डायरेक्ट अपनी कंपनी लिया तो आगे चलकर फँस सकता हूँ…. इसलिये, उसने एक बेनामी कंपनी Advanced Consulting Limited and Services के द्वारा पैसा लिया।
बस… यहीं से सारा घोटाला फंस गया.
2014 में सरकार बदली.
और… 2017 में ED ने कार्ति चिंदबरम, INX Media उसके Directors पर केस दर्ज किया.
और, उसकी CBI जाँच हुई तथा कार्ति एक महीना जेल में भी रहा.
जाँच चलती रही…. और, जांच में देश विदेश में इसके पास 54 करोड़ की आय से ज्यादा संपत्ति का भी पता लगा.
अब तक तो केवल कार्ति ही लपेटे में था…. लेकिन, पी चिदंबरम तब फँस गया जब इंद्राणी मुखर्जी ने सरकारी गवाह बन यह कह दिया कि मैंने पी चिंदबरम को रिश्वत दी थी.
चिदंबरम ने केस दर्ज होने से ही पहले Anticipatory bail ले लिया और हर बार बचता रहता तथा, जाँच में सहयोग नहीं किया.
लेकिन इस बार दिल्ली HC के जज ने बेल से मना कर दिया और अरेस्ट वारंट जारी हो गया और इस तरह अब पी चिदंबरम फिलहाल जेल में है.
वैसे मेरा निजी तौर पर मानना है कि…. राजदंड सबपर समान रूप से लागू होना बिल्कुल न्यायसंगत है क्योंकि हमारा संविधान ही कहता है कि…. राजा हो या रंक… कानून की नजर में सब बराबर है.
जय महाकाल…!!!
नोट : जानकार बताते हैं कि चिदंबरम साहब बहुत गुणवान है और उनकी उपलब्धियां बहुत बड़ी बड़ी है….
और, ये inx media केस तो बहुत ही छोटी है उन कारनामों के सामने.