Posted in छोटी कहानिया - १०,००० से ज्यादा रोचक और प्रेरणात्मक

एक सूफी फकीर फरीद से किसीने कहा कि मैं कैसे अपनी बुरी आदतों को छोड़ू ? उन्होंने मुझे बिल्कुल जकड़ लिया है ।

फरीद ने उसकी बात सुनी, उसको उत्तर नहीं दिया, उठकर खड़ा हुआ, पास में एक खभा था, खंभे को पकडकर जोर जोर से चिल्लाने लगा कि बचाओ, बचाओ, छुड़ाओ, छुड़ाओ !

वह आदमी एकदम हैरान हो गया । बेचारा जिज्ञासु, आध्यात्मिक प्रश्न पूछने आया था और यह कोई पागल मालूम होता है ! उसने कहा कि मैं तो सोचता था कि आप ज्ञानी हैं, आप तो विक्षिप्त मालूम होते हैं ।
फरीद ने कहा, ये बात पीछे होंगी, पहले मुझे बचाओ ! पहले मुझे छुड़ाओ ! उस आदमी ने कहा छुड़ाने की कोई जरुरत ही नहीं है, खभा तुम पकड़े हो, खम्भा तुम्हें नहीं पकड़े है ।

फरिदने कहा, फिर तो तू होशियार है । फिर तु मुझ से क्या पूछने आया है ? आदतें तुझे नहीं पकड़े है, तूने आदतों को पकड़ा है । रास्ते पर लग ! अगर तुझे इतनी अक्ल है कि मुझे बता सकता है कि खम्भा मुझे नहीं पकड़े है, तो कौन तुझे पकड़े है ? तुम्हारी आदत में कुछ स्वाथॅ होगा, उसे देख लो ।

छोड़ो यह आदतें । पूरानी है, छूटते छूटते ही छूटेगी, मगर होश रखा तो निश्चित छूट जायेगी । कोई आदतें हमें नहीं पकड़ती । मगर हम अजीब हैं, हम कहते हैं, कैसे छोड़े, आदत ने पकड़ लिया है । आदत क्या तुम्हें खाक पकड़ेगी ।

ओशो – रामदुवारे जो मरे

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