प.अभिषेक जोशी
“एक कहानी”
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” राम राम कैसी सडी गर्मी पड रही है? ”
स्टेशन पर खड़ी नवयौवना ने अपने पति से कहा था। पति ने उसकी ओर घूमकर देखा था, अब तक जो लंबा सा घूंघट उसने डाल रखा था ,
वह घूंघट उलट दिया था।
एक छोटे से रेल्वे स्टेशन पर बहुत कम गाडि़यां रुकती थीं। दिन की दोपहरी में अपने दूरस्थ बीहड़ गांव से निकलकर फिर सात कोस पैदल चलकर रेल पकडने आना असंभव नहीं तो कठिन अवश्य था।
इसीलिये रात वाली रेलगाड़ी का ही सहारा था। अपनी
बीमार मां को देखने ना जाना होता तो वह इतनी गर्मी में
अपने घर से ना निकलती। पति पास के कस्बे में सौदा सुलफ लाने गया था, वहाँ ही किसीने उसे पत्नी की माँ की बीमारी का
समाचार दिया था। उसके बाद तो उसने रट ही लगा दी कि मुझे
मेरी मां के पास जाना है।
सास ने कुछ कहना चाहा था लेकिन
उसके पहले ही वह सिंहनी सी गरज उठी थी,
“माँ को देखने वास्ते मुझे जाना है तो बस जाना है। मुझसे जितनी चाकरी करवानी हो बाद में करवा लीजियो, अभी तो मन्ने कोई ना रोके।”
आनन फानन में वह पति के साथ दिन ढलते ही निकल पड़ी थी। गांव से स्टेशन की दूरी ज्यादा नहीं थी लेकिन पदयात्री के
लिये कष्टकारी तो थी ही। वैसे गांव में रहने वालों के लिए यह
कोई नयी बात नहीं थी लेकिन उनके लिए आधी रात को स्टेशन पर जाकर रेल में बैठना किसी जोखिम से कम नहीं होता था।
रात घिरने के पहले ही दोनों स्टेशन पर पहुंच गए थे। स्टेशन भी एकदम बियावान था। वहां अंधेरे ने अपना साम्राज्य फैला रखा था।
सबसे पहले दोनों ने अपना पसीना सुखाया। हाथ का पंखा
हिलाया डुलाया, फिर साथ में लाया कलेवा निकाला लेकिन पानी? वह तो बीच डगर में ही खत्म हो चला था, बस दो घूंट पानी मुसीबत से बचने के लिए रखा था। दूर गुमटी में एक
चायवाले की दुकान दिख रही थी। वहां पानी की पूछताछ करी तो पता चला कि यहां से लगभग दो किलोमीटर की दूरी पर हैंडपंप है। सभी लोग वहीं से पानी लाते हैं। पति निरुपाय होकर लौट पडा़।
आकर पत्नी से कहा
” क्यों री, तू यहां पर अकेली बैठ सकेगी क्या? मै पीने का पानी लेकर आता हूँ। ”
“ना जी ना, इतनी अंधेरे में मैं ना बैठ रही अकेले। मुझे डर लगता है।
मुझे भी साथ ले चलो, फिर उधर ही रोटी पानी खा लेंगे। अभी
तो गाड़ी आने में देर है। ”
पत्नी का सुझाव पसंद आया लेकिन वह उस कोमलांगी को शायद कष्ट नहीं देना चाहता था, इसलिए अकेले ही जाना चाहता था। कुछ सोचा फिर दोनों ने अपना गट्ठर उठाया और थोड़ी देर बाद दोनों हैंडपंप के पास थे। वहां एक बड़ा सा कुंआ भी था और हैंडपंप तो था ही। साफ सुथरी जगह ढूंढकर खाना खाया। जी भरकर पानी पिया और साथ में लायी बोतल में पानी भरा और स्टेशन पर फिर आ पहुंचे।
धीरे धीरे रात बढती जा रही थी और खाना खाने के बाद आंखें
भी नींद से बोझिल होने लगी थीं लेकिन अभी तो रेलगाड़ी के आने तक जागना ही जागना था। गाड़ी रात में एक बजे तक
आयेगी , यह सूचना एक रेलवे बाबू ने पूछताछ के दौरान बता दी थी। इसी बीच कुछ और सवारियां भी आ गयीं थी, जिससे
थोड़ी सी रौनक भी बढ गयी थी।
अंत में वो घड़ी आयी और टिकट बाबू से पूछकर रेलगाड़ी में जाकर दोनों बैठे। टीटी ने हिदायत दी कि बस दो घंटे बाद तुम्हारा स्टेशन आयेगा, सोते मत रह जाना।
गाड़ी के अंदर सारे यात्री लगभग अर्ध निद्रा में लीन थे। एक जगह खाली पाकर दोनों सहमे सहमे से बैठ गये। पति को पत्नी पर तरस आ रहा था। वह चाहता था कि बैठे बैठे ही वह नींद पूरी कर ले लेकिन पत्नी भारतीय ग्रामीण परिवेश और परंपरा की मारी थी, इसलिये वह चाहती थी कि पति निश्चिंत होकर एक नींद ले ले। परिणाम यही निकला कि आंख मिचौली करते हुए दोनों सफर तय करने लगे। जैसे ही गाड़ी कहीं रुकती पति नीचे जाकर पता कर आता कि उसका गंतव्य कितनी देर बाद आयेगा।
अब अगला स्टेशन उनका ही था। गाड़ी धीरे धीरे चलती हुई स्टेशन पर आकर रुकी। पति ने साथ लाया गट्ठर उतारा फिर पत्नी ने भी उतरने के लिए छलांग सी मार दी। अरे अरे, ऐसे भला कोई उतरता है। बावली है क्या?
पत्नी खिलखिला कर हँस पड़ी। अचानक उसे कुछ याद हो आया और वह कुछ ही सेकंड में गाड़ी के अंदर थी। इधर गाड़ी ने सीटी मार दी। पति ने जब पीछे मुडकर देखा तो संगिनी नदारद। जब तक वह कुछ समझ पाये तब तक गाड़ी रेंगने लगी थी और दरवाजे पर पत्नी की लहराती चूनर दिख गयी।
सहसा उसने गाड़ी से उतरने के लिए फिर वही छलांग लगाई लेकिन इस बार गिरने से पहले ही पति की बलिष्ठ बाहों ने थाम लिया था, साथ ही वह डांटता भी जा रहा था,
तू पूरी बावली है, तू गाड़ी में फिर से क्यों चढी? तुझे कुछ हो
जाता तो?इससे ज्यादा कुछ और कहता कि पत्नी की आंखों से आंसू बह निकले और रुंधे गले से जो उत्तर दिया उसे सुनकर वह भी रो पड़ा
वह बोली रूमाल रह गया था और उसमे बँधी मतदान की पर्ची भी मेरा वोट अभी इसी गाँव के पोलिंग बूथ में हैअभी ट्रांसफर नही हुआ। अगर आज बहाने से यहाँ न आती तो मोदी जी का एक वोट कम हो जाता और इसी बहाने आपका कांग्रेस का एक वोट भी कम कराने मै सफल रही। अब आप उस मुए पप्पू को वोट नही डाल पाओगे ।⚽✍