एक आदमी था
संजय गुप्ता
बाह रोज सुबह घूमने जाता था
कोई उसे अच्छी नज़र से नहीं देखता था क्योकि वह गरीब था
उसकी फसल अच्छी हो गयी उसने बाजार में बेचा उसे अन्य लोगो से ज्यादा पैसे मिले देखते ही देखते वह उस गांव का सबसे आमिर सेठ बन गया
वह पहले की तरह सुबह घूमने निकला एक आदमी ने उससे कहा
जय जिनेंद्र सेठ जी
सेठ जी ने कहा कह दूंगा
।
।
फिर दूसरे दिन भी किसी ने कहा
जय जिनेंद्र सेठ जी
उन्होंने फिर कहा कह दूंगा
।
।
।
ऐसा लगातार सेठ जी कहते थे एक दिन किसी ने उनसे पूछ ही लिया की आपसे हर कोई जय जिनेंद्र बोलता है आप कहते है कह दूंगा आखिर मुझे भी बताइये आप किस्से कह देंगे
सेठ जी ने बड़ा ही सुन्दर उत्तर दिया
की जब में गरीब था तो कोई मुझसे बात भी नहीं करना चाहता था
आज मेरे पास पैसा है तो हर कोई मुझसे जय जिनेंद्र बोल रहा है
इसलिए ही में कहता हु की में घर पर जाकर पैसे से कह दूंगा उन्होंने तुमसे जय जिनेंद्र कहा