यहां है उल्टे हनुमान की विश्व की इकलौती प्रतिमा
इंदौर।आमतौर पर किसी भी मंदिर में देवी-देवताओं की प्रतिमा खड़े या बैठे स्वरूप में होती है, लेकिन इंदौर से 25 किलोमीटर दूर उज्जैन रोड स्थित सांवेर में एक ऐसा मंदिर है जहां बजरंगबली की उल्टी खड़ी प्रतिमा है। यह विश्व का एकमात्र मंदिर है, जिसमें रामभक्त हनुमान की प्रतिमा उल्टे स्वरूप में है। और इसी उल्टे स्वरूप में उनकी पूजा होती है। उल्टे हनुमान की यह प्रतिमा पाताल विजय हनुमान के नाम से विख्यात है।
सदियों पुराना है मंदिर
– मंदिर के पुजारी नागेश द्विवेदी बताते हैं कि यह मंदिर सैकड़ों साल पुराना है। उनका कहना है कि वर्तमान में उनके परिवार की 12वीं पीढ़ी इस मंदिर में पूजा अर्चना कर रही है।
– मंदिर में ही उनके पूर्वजों की चरण पादुकाएं भी बनी हुई हैं। भगवान की प्रतिमा के साथ लोग इन चरण पादुकाओं की भी अर्चना करते हैं।
राम-रावण युद्ध के दौरान पाताल गए थे हनुमान
– इस उल्टे हनुमान मंदिर के साथ त्रेतायुग की एक कहानी जुड़ी हुई है। रामचरित मानस में इस बात का उल्लेख है कि भगवान राम और रावण के युद्ध के दौरान अहिरावण वानर का रूप धरकर रामजी की सेना में शामिल हो गया था।
– रात्रि में वह अपनी जादुई शक्ति से सबको मूर्छित कर श्री राम एवं लक्ष्मण का अपहरण कर उन्हें पाताल लोक ले गया था।
– तब विभीषण के कहने पर हनुमान जी भगवान राम व लक्ष्मण की खोज में पाताल लोक गए थे और अहिरावण का वध कर राम और लक्ष्मण को पाताल लोक से लेकर आए थे।
– मंदिर के पुजारी नागेश द्विवेदी बताते हैं कि ऐसी मान्यता है कि इसी जगह से हनुमान जी पाताललोक गए थे।
– इसी कारण यहां हनुमान जी का सिर धरती की ओर है, जिस कारण यहां उनके उल्टे रूप की पूजा की जाती है।