एक छोटे से गाॅव में कल्लू नाम का एक बच्चा रहता था…
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उसके स्कूल के बच्चे उसको हमेशा “उल्लू”बोलकर
चिढ़ाते थे…
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और उसकी टीचर उस की बेवकूफियों से हमेशा
बहुत
परेशान रहती थी..।
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एक दिन उसके पिता उसका
रिजल्ट जानने उसके स्कूल गये और टीचर से कल्लू
के बारे में पूछा..।
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टीचर ने कहा कि “अपने जीवन के पच्चीस साल
के कार्यकाल में उसने पहली बार ऐसा बेवकूफ
लड़का देखा है। ये जीवन में कुछ नहीं कर पायेगा।”
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यह सुनकर कल्लू के पिता बहुत
आहत हो गये और शर्म के मारे वो गाँव
छोड़कर एक अंजान शहर में चले
गये..।
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बीस साल बाद जब उस टीचर
को दिल की बीमारी हुई तो सबने उसे शहर के
एक डॉक्टर का नाम सुझाया जो ओपन हार्ट
सर्जरी करने में माहिर था..
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टीचर ने जा कर सर्जरी करवाई और ऑपरेशन
कामयाब रहा..
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जब वो बेहोशी से वापस आई और आँख खोली
तो टीचर ने एक सुन्दर और सुडौल नौजवान
डॉक्टर को अपने बेड के बगल में खड़े हो कर
मुस्कुराते हुए देखा..
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वो
टीचर डॉक्टर को शुक्रिया बोलने ही वाली
थी कि अचानक उसका चेहरा नीला पड़ गया और
जब तक डॉक्टर कुछ समझें.. वो टीचर मर गयी..
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डॉक्टर अचम्भे से देख रहे थे और समझने की
कोशिश
कर रहे थे कि आखिर हुआ क्या है..?
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तभी वो पीछे मुड़े और देखा कि कल्लू, जो कि
उसी अस्पताल में एक सफाई कर्मचारी था..
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उसने वेंटीलेटर का
प्लग हटा के अपना मोबाइल का चार्जर लगा
दिया था..
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अब अगर आप लोग ये सोच रहे थे कि कल्लू बड़ा हो कर डॉक्टर
बन गया था..
तो इसका
मतलब ये है कि आप या तो हिंदी/ तमिल/तेलुगु फिल्में
बहुत ज्यादा देखते हैं, या फिर बहुत ज्यादा
प्रेरणादायक कहानियां पढ़ते हैं….
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कल्लू, उल्लू था और उल्लू ही रहेगा….
(स्त्रोत: वाट्सएप)