Posted in गौ माता - Gau maata

गोमाता पूज्य क्यों हैं सनातन धर्म में ? कुछ रोचक तथ्य….
1. गौ माता जिस जगह खड़ी रहकर आनंदपूर्वक चैन की सांस लेती है । वहां वास्तु दोष समाप्त हो जाते हैं । 
2. गौ माता में तैंतीस कोटी देवी देवताओं का वास है ।
3. जिस जगह गौ माता खुशी से रभांने लगे उस देवी देवता पुष्प वर्षा करते हैं । 
4. गौ माता के गले में घंटी जरूर बांधे ; गाय के गले में बंधी घंटी बजने से गौ आरती होती है । 
5. जो व्यक्ति गौ माता की सेवा पूजा करता है उस पर आने वाली सभी प्रकार की विपदाओं को गौ माता हर लेती है । 
6. गौ माता के खुर्र में नागदेवता का वास होता है । जहां गौ माता विचरण करती है उस जगह सांप बिच्छू नहीं आते । 
7. गौ माता के गोबर में लक्ष्मी जी का वास होता है । 
8. गौ माता के मुत्र में गंगाजी का वास होता है । 
9. गौ माता के गोबर से बने उपलों का रोजाना घर दूकान मंदिर परिसरों पर धुप करने से वातावरण शुद्ध होता है सकारात्मक ऊर्जा मिलती है। 
10. गौ माता के एक आंख में सुर्य व दूसरी आंख में चन्द्र देव का वास होता है । 
11. गाय इस धरती पर साक्षात देवता है । 
12. गौ माता अन्नपूर्णा देवी है कामधेनु है । मनोकामना पूर्ण करने वाली है । 
13. गौ माता के दुध मे सुवर्ण तत्व पाया जाता है जो रोगों की क्षमता को कम करता है। 
14. गौ माता की पूंछ में हनुमानजी का वास होता है । किसी व्यक्ति को बुरी नजर हो जाये तो गौ माता की पूंछ से झाड़ा लगाने से नजर उतर जाती है । 
15. गौ माता की पीठ पर एक उभरा हुआ कुबड़ होता है । उस कुबड़ में सूर्य केतु नाड़ी होती है । रोजाना सुबह आधा घंटा गौ माता की कुबड़ में हाथ फेरने से रोगों का नाश होता है । 
16. गौ माता का दूध अमृत है। 
17. गौ माता धर्म की धुरी है। गौ माता के बिना धर्म कि कल्पना नहीं की जा सकती ।
18. गौ माता जगत जननी है।
 

19. गौ माता पृथ्वी का रूप है। 
20. गौ माता सर्वो देवमयी सर्वोवेदमयी है । गौ माता के बिना देवों वेदों की पूजा अधुरी है । 
21. एक गौ माता को चारा खिलाने से तैंतीस कोटी देवी देवताओं को भोग लग जाता है । 
22. गौ माता से ही मनुष्यों के गौत्र की स्थापना हुई है । 
23. गौ माता चौदह रत्नों में एक रत्न है । 
24. गौ माता साक्षात् मां भवानी का रूप है । 
25. गौ माता के पंचगव्य के बिना पूजा पाठ हवन सफल नहीं होते हैं । 
26. गौ माता के दूध घी मख्खन दही गोबर गोमुत्र से बने पंचगव्य हजारों रोगों की दवा है । इसके सेवन से असाध्य रोग मिट जाते हैं । 
27. गौ माता को घर पर रखकर सेवा करने वाला सुखी आध्यात्मिक जीवन जीता है । उनकी अकाल मृत्यु नहीं होती । 
28. तन मन धन से जो मनुष्य गौ सेवा करता है । वो वैतरणी गौ माता की पुछ पकड कर पार करता है। उन्हें गौ लोकधाम में वास मिलता है । 
28. गौ माता के गोबर से ईंधन तैयार होता है । 
29. गौ माता सभी देवी देवताओं मनुष्यों की आराध्य है; इष्ट देव है । 
30. साकेत स्वर्ग इन्द्र लोक से भी उच्चा गौ लोक धाम है।
 

31. गौ माता के बिना संसार की रचना अधुरी है ।
32. गौ माता में दिव्य शक्तियां होने से संसार का संतुलन बना रहता है । 
33. गाय माता के गौवंशो से भूमि को जोत कर की गई खेती सर्वश्रेष्ट खेती होती है । 
34. गौ माता जीवन भर दुध पिलाने वाली माता है । गौ माता को जननी से भी उच्चा दर्जा दिया गया है । 
35. जहां गौ माता निवास करती है वह स्थान तीर्थ धाम बन जाता है । 
36. गौ माता कि सेवा परिक्रमा करने से सभी तीर्थो के पुण्यों का लाभ मिलता है । 
37. जिस व्यक्ति के भाग्य की रेखा सोई हुई हो तो वो व्यक्ति अपनी हथेली में गुड़ को रखकर गौ माता को जीभ से चटाये गौ माता की जीभ हथेली पर रखे गुड़ को चाटने से व्यक्ति की सोई हुई भाग्य रेखा खुल जाती है । 
38. गौ माता के चारो चरणों के बीच से निकल कर परिक्रमा करने से इंसान भय मुक्त हो जाता है । 
39. गाय माता आनंदपूर्वक सासें लेती है; छोडती है । वहां से नकारात्मक ऊर्जा भाग जाती है और सकारात्मक ऊर्जा की प्राप्ति होती है जिससे वातावरण शुद्ध होता है । 
40. गौ माता के गर्भ से ही महान विद्वान धर्म रक्षक गौ कर्ण जी महाराज पैदा हुए थे । 
41. गौ माता की सेवा के लिए ही इस धरा पर देवी देवताओं ने अवतार लिये हैं । 
42. जब गौ माता बछड़े को जन्म देती तब पहला दूध बांझ स्त्री को पिलाने से उनका बांझपन मिट जाता है । 
43. स्वस्थ गौ माता का गौ मूत्र को रोजाना दो तोला सात पट कपड़े में छानकर सेवन करने से सारे रोग मिट जाते हैं । 
44. गौ माता वात्सल्य भरी निगाहों से जिसे भी देखती है उनके ऊपर गौकृपा हो जाती है । 
45. गाय इस संसार का प्राण है । 
46. काली गाय की पूजा करने से नौ ग्रह शांत रहते हैं । जो ध्यानपूर्वक धर्म के साथ गौ पूजन करता है उनको शत्रु दोषों से छुटकारा मिलता है । 
47. गाय धार्मिक ; आर्थिक ; सांस्कृतिक व अध्यात्मिक दृष्टि से सर्वगुण संपन्न है । 
48. गाय एक चलता फिरता मंदिर है । हमारे सनातन धर्म में तैंतीस कोटि देवी देवता है । हम रोजाना तैंतीस कोटि देवी देवताओं के मंदिर जा कर उनके दर्शन नहीं कर सकते पर गौ माता के दर्शन से सभी देवी देवताओं के दर्शन हो जाते हैं । 
49. कोई भी शुभ कार्य अटका हुआ हो बार बार प्रयत्न करने पर भी सफल नहीं हो रहा हो तो गौ माता के कान में कहिये रूका हुआ काम बन जायेगा । 
50. जो व्यक्ति मोक्ष गौ लोक धाम चाहता हो उसे गौ व्रती बनना चाहिए । 
51. गौ माता सर्व सुखों की दातार है । 
हे मां आप अनंत ! आपके गुण अनंत ! इतना मुझमें सामर्थ्य नहीं कि मैं आपके गुणों का बखान कर सकूं ।
हरे कृष्ण 👏

Posted in भारत का गुप्त इतिहास- Bharat Ka rahasyamay Itihaas

#Anil_Trivedi;
किताबों को खंगालने से हमें यह पता

चला कि ‘बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय‘

के संस्थापक पंडित मदनमोहन मालवीय

जी नें 14 फ़रवरी 1931 को लार्ड इरविन के सामने भगत सिंह,राजगुरु और सुखदेव की फांसी रोकने के लिए मर्सी पिटीसन दायर की थी ताकि उन्हें फांसी न दी जाये और कुछ सजा भी कम की जाए।
लार्ड इरविन ने तब मालवीय जी से कहा कि आप कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष है इसलिए आपको इस पिटीसन के साथ नेहरु,गाँधी और कांग्रेस के कम से कम 20 अन्य सदस्यों के पत्र भी लाने होंगे।
जब मालवीय जी ने भगत सिंह की फांसी रुकवाने के बारे में नेहरु और गाँधी से बात की तो उन्होंने इस बात पर चुप्पी साध ली और अपनी सहमति नहीं दी।
इसके अतिरिक्त गाँधी और नेहरु की असहमति के कारण ही कांग्रेस के अन्य नेताओं ने भी अपनी सहमति नहीं दी।
रिटायर होने के बाद लार्ड इरविन ने स्वयं लन्दन में कहा था कि ”यदि नेहरु और गाँधी एक बार भी भगत सिंह की फांसी रुकवाने की अपील करते तो हम निश्चित ही उनकी फांसी रद्द कर देते,लेकिन पता नहीं क्यों मुझे ऐसा महसूस हुआ कि गाँधी और नेहरु को इस बात की हमसे भी ज्यादा जल्दी थी कि भगत सिंह को फांसी दी जाए।”
प्रोफ़ेसर कपिल कुमार की किताब के अनुसार ”गाँधी और लार्ड इरविन के बीच जब समझौता हुआ उस समय इरविन इतना आश्चर्य में था कि गाँधी और नेहरु में से किसी ने भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव को छोड़ने के बारे में चर्चा तक नहीं की।”
इरविन ने अपने दोस्तों से कहा कि ‘हम यह मानकर चल रहे थे कि गाँधी और नेहरु भगत सिंह की रिहाई के लिए अड़ जायेंगे और हम उनकी यह बात मान लेंगे।
भगत सिंह,सुखदेव और राजगुरु को फांसी लगाने की इतनी जल्दी तो अंग्रेजों को भी नही थी जितनी कि गाँधी और नेहरु को थी क्योंकि भगत सिंह तेजी से भारत के लोगों के बीच लोकप्रिय हो रहे थे जो कि गाँधी और नेहरु को बिलकुल रास नहीं आ रहा था।
यही कारण था कि वो चाहते थे कि जल्द से जल्द भगत सिंह को फांसी दे दी जाये,यह बात स्वयं इरविन ने कही है।
इसके अतिरिक्त लाहौर जेल के जेलर ने स्वयं गाँधी को पत्र लिखकर पूछा था कि ‘इन लड़कों को फांसी देने से देश का माहौल तो नहीं बिगड़ेगा ?‘
तब गाँधी ने उस पत्र का लिखित जवाब दिया था कि ‘आप अपना काम करें कुछ नहीं होगा।’
इस सब के बाद भी यादि कोई कांग्रेस को देशभक्त कहे तो निश्चित ही हमें उसपर गुस्सा भी आएगा और उसकी बुद्धिमत्ता पर रहम भी।

★★★★★★★★★★★★
गांधी नेहरू भगत सिंह जी की लोकप्रियता

से जलते थे,उनकी लोकप्रियता इन दोनों

के लिए खतरा बन चुकी थी।
गांधी नेहरू की दलाली ने भगत सिंह

की बलि चढ़ा दी।
देश के हत्यारे “गांधी-नेहरू”
भगत सिंह अमर रहें,
वंदेमातरम,

हर हर महादेव,

जय भवानी,

जय श्री राम,,

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परमेश्वर के पाँच प्रसिद्ध नामों की व्याख्या


परमेश्वर के पाँच प्रसिद्ध नामों की व्याख्या :–

• हरि = दुखों को हरने वाला परमात्मा ।

अभि प्रियाणि काव्या विश्वा चक्षाणो अर्षति । हरिस्तुञ्जान आयुधा ।। ( ऋग्वेद १/५७/२ )

भावार्थ :- हे दुःखहर्ता परमात्मा ! आप अपने दिव्य शस्त्रों ( शक्तियों ) को दुष्ट ( वेद विरोधी ) शत्रुओं पर चलाते हुए सब प्रकार के विद्वानों के कार्यों को देखते हुए प्रिय पदार्थों को प्राप्त कराते हैं ।

• शिव = सर्वकल्याणकारी, मंगलकारी परमेश्वर ।

ब्रह्मणा तेजसा सह प्रति मुञ्चामि मे शिवम् ।

असपत्ना सपत्नहा सपत्नान मेऽधराँ अकः ।। ( अथर्ववेद १०/६/३० )

भावार्थ :- हे प्रभु ! वेद ज्ञान द्वारा प्रकाश के साथ आप मंगलकारी परमात्मा शिव को मैं अरने लिए स्विकार करता हूँ । शत्रु रहित, शत्रुनाशक आप परमेश्वर ! मेरे सब शत्रुओं को नष्ट कर दीजीए ।

• गणपति = सब प्रकार के स्मूहों, समुदायों व मंडलों आदि के स्वामी ।

गणानां त्वा गणपतिं हवामहे प्रियाणां त्वा प्रियपतिं हवामहे निधीनां त्वा निधिपतिं हवामहे ।। ( यजुर्वेद २३/१९ )

भावार्थ :- हे स्मूहाधिपते परमात्मन् ! आप मेरे सब स्मूहों के पति होने से मैं आपको गणपति नाम से पुकारता हूँ । आप मेरे प्रियजनों और प्रिय पदार्थों के पति हैं अतः आपको प्रियपति नाम से पुकारता हूँ तथा आप सब निधियों के पति होने से मैं आपको निश्चित रूप से निधिपति जानकर आपकी उपासना करता हूँ ।

• विष्णु = सर्वत्र व्यापनशील परमात्मा ।

तद्विष्णोः परमं पदं सदा पश्यन्ति सूरयः । दिवीव चक्षुराततम् ।। ( ऋग्वेद १/२,७/१० )

भावार्थ :- हे सर्वत्र व्यापनशील विष्णु परमात्मा ! आपका जो अत्यन्त उत्कृष्ट पद सबके जानने योग्य है जिसको प्राप्त होकर जीव लोग पूर्णानन्द में रहते हैं और फिर वहाँ शीघ्र दुःख में नहीं घिरते हैं उस पद को सूरयः ( धर्मात्मा, विद्वान, जितेन्द्रिय, योगी लोग ) प्राप्त करते हैं ( अनुभव करते हैं ) । जैसे आकाश में सूर्य का प्रकाश सर्वत्र व्याप्त है वैसे ही आप विष्णु परमेश्वर भी सर्वत्र व्याप्त हैं ।

• भगवान = परम ऐश्वर्यवान ईश्वर ।

भग एवं भगवाँ अस्तु देवास्तेन वयं भगवन्तः स्याम । ( यजुर्वेद ३४/३८ )

भावार्थ :- हे सर्वाधिपते महाराजेश्वर ! आप परम ऐश्वर्यरूप होने से भगवान हो । हम विद्वान गण भी आप महान् भगवान की कृपा व सहाय से महान बनें ।

नीरज आर्य अँधेड़ी

Posted in संस्कृत साहित्य

महाराणा प्रताप को घास की रोटी अपने बच्चों के लिए सेंकनी पड़ी – साकाहारी बने


महाराणा प्रताप को घास की रोटी

अपने बच्चों के लिए सेंकनी पड़ी …और उसे

भी एक जंगली बिलाव झपट्टा मारकर ले

भागा, उसके बाद पूरा परिवार भूखा सो

गया.. . महाराणा की आँखों में आँसू आ

गए….पर उन्होंने अकबर की अधीनता

स्वीकार नहीं की..!! . अब आप सभी

बताइए…. . क्या जंगल में महाराणा

प्रताप को चार खरगोश नहीं मिल रहे थे

पकाने को ?? या उनका भाला एक भैंसा

नहीं मार सकता था..?? . यह कथा भी

सिद्ध करती है….महापुरुष,महायोद्धा

भी मांसाहारी नहीं थे .।।” .
कंद-मूल खाने वालों से

मांसाहारी डरते थे।।
पोरस जैसे शूर-वीर को

नमन ‘सिकंदर’ करते थे॥
चौदह वर्षों तक खूंखारी

वन में जिसका धाम था।।
मन-मन्दिर में बसने वाला

शाकाहारी राम था।।
चाहते तो खा सकते थे वो

मांस पशु के ढेरो में।।
लेकिन उनको प्यार मिला

‘ शबरी’ के जूठे बेरो में॥
चक्र सुदर्शन धारी थे

गोवर्धन पर भारी थे॥
मुरली से वश करने वाले

‘गिरधर’ शाकाहारी थे॥
पर-सेवा, पर-प्रेम का परचम

चोटी पर फहराया था।।
निर्धन की कुटिया में जाकर

जिसने मान बढाया था॥
सपने जिसने देखे थे

मानवता के विस्तार के।।
नानक जैसे महा-संत थे

वाचक शाकाहार के॥
उठो जरा तुम पढ़ कर देखो

गौरवमय इतिहास को।।
आदम से गाँधी तक फैले

इस नीले आकाश को॥
दया की आँखे खोल देख लो

पशु के करुण क्रंदन को।।
इंसानों का जिस्म बना है

शाकाहारी भोजन को॥
अंग लाश के खा जाए

क्या फ़िर भी वो इंसान है?
पेट तुम्हारा मुर्दाघर है

या कोई कब्रिस्तान है?
आँखे कितना रोती हैं जब

उंगली अपनी जलती है।।
सोचो उस तड़पन की हद जब

जिस्म पे आरी चलती है॥
बेबसता तुम पशु की देखो

बचने के आसार नही।।
जीते जी तन काटा जाए,

उस पीडा का पार नही॥
खाने से पहले बिरयानी,

चीख जीव की सुन लेते।।
करुणा के वश होकर तुम भी

गिरी गिरनार को चुन लेते॥
शाकाहारी बनो…

नीरज आर्य अँधेड़ी

Posted in हिन्दू पतन

🌎जो हिन्दू इस घमंड मे जी रहे है कि अरबों सालों से सनातन धर्म है और इसे कोई नहीं मिटा सकता, मैं उनसे केवल इतना विनम्र अनुरोध करता हूँ कि नीचे लिखे तथ्यों को एक बार ध्यान से अवश्य पढ़ें:
🌎आखिर अफगानिस्तान से हिन्दू क्यों मिट गया ?
🌎”काबुल” जो भगवान राम के पुत्र कुश का बनाया शहर था, आज वहाँ एक भी मंदिर नहीं बचा। 
🌎”गांधार” जिसका विवरण महाभारत में है, जहां की रानी गांधारी थी, आज उसका नाम कंधार हो चुका है, और वहाँ आज एक भी हिन्दू  नहीं बचा l
🌎”कम्बोडिया” जहां राजा सूर्य देव बर्मन ने दुनिया का सबसे बड़ा मंदिर “अंकोरवाट” बनाया, आज वहाँ भी हिन्दू नहीं है l
🌎”बाली द्वीप” में 20 साल पहले तक 90% हिन्दू थे, आज सिर्फ 20% बचे हैं l
🌎”कश्मीर घाटी” में सिर्फ 25 साल पहले 50% हिंदू थे, आज एक भी हिन्दू नहीं बचा l
🌎”केरल” में 10 साल पहले तक 60% जनसंख्या हिन्दुओं की थी, आज सिर्फ 10% हिन्दू केरल में हैं l
🌎”नोर्थ ईस्ट” जैसे सिक्किम, नागालैंड, आसाम आदि में हिन्दू हर रोज मारे या भगाए जाते हैं, या उनका धर्म परिवर्तन हो रहा है l
🌎मित्रों, 1569 तक ईरान का नाम पारस या पर्शिया होता था और वहाँ एक भी मुस्लिम नहीं था, सिर्फ पारसी रहते थे l
🌎जब पारस पर मुस्लिमों का आक्रमण होता था, तब पारसी बूढ़े – बुजुर्ग अपने नौजवान को यही सिखाते थे कि हमें कोई मिटा नहीं सकता, लेकिन ईरान से सारे के सारे पारसी मिटा दिये गए l
धीरे – धीरे उनका कत्लेआम और धर्म – परिवर्तन होता रहा l
🌎एक नाव मे बैठकर 21 पारसी किसी तरह गुजरात के नौसारी जिले के उद्वावाडा गांव मे पहुंचे, और आज पारसी सिर्फ भारत में ही गिनती की संख्या में बचे हैं l
🌎हमेशा शांति की भीख मांगने वाले हिन्दुओं……

आज तक के इतिहास का सबसे बड़ा संकट अब हिन्दुओं पर आने वाला है l
🌎ईसाईयों के 80 देश और मुस्लिमों के 56 देश हैं l
🌎और हिन्दुओं का एक मात्र देश भारत ही अब हिन्दुओं के लिए सुरक्षित नहीं रहा l
🌎मैंने 10 लोगों को जो कि हिन्दू हैं, उनसे पूछा कि किस जाति के हो ?
🌎सभी ने अलग – अलग जवाब दिया……

किसी ने कहा राजपूत…

किसी ने कहा ब्राम्हण…

किसी ने कहा जाट…

किसी ने जैन कहा…

तो किसी ने अग्रवाल…… सब लोगों ने अलग – अलग बताया l
🌎लेकिन मैंने 10 मुसलमानोँ से पूछा कि कौन सी जाति के हो ?
सभी का एक जवाब आया…… “मुसलमान”
🌎मुझे बड़ा अजीब लगा, मैंने फिर से पूछा, फिर वही जवाब आया…… “मुसलमान”
🌎तब मुझे बहुत अफसोस हुआ, और लगा हम कितने अलग और वो कितने एक……
🌎कुछ समझ में आया हो तो आगे से कोई पूछे तो एक ही जवाब आना चाहिए……

॥ हिन्दू ॥
और अगर आप “हिन्दू” होने का गर्व करते हो तो इस मैसेज को इतना फैला दो यह मैसेज मुझे वापस किसी हिन्दू से ही मिले l
🌎पाकिस्तान सुप्रीम कोर्ट में एक मुस्लिम भाई ने जनहित याचिका डाली थी कि पड़ोसी मुल्क में हज करने के लिए सब्सिडी मिलती है तो हमें भी मिलनी चाहिए l
🌎पाकिस्तान कोर्ट ने जनहित याचिका रिजेक्ट करते हुये कहा कि “कुरान” और “हदीस” के हिसाब से हज पसीने की कमाई से करना पड़ता है, दूसरों की कमाई से नहीं l
🌎सब्सिडी इस्लाम के खिलाफ है, पाकिस्तान सुप्रीम कोर्ट के हिसाब से भारतीय मुसलमानों को मिल रही सब्सिडी हराम है l
🌎क्या नेता इस पर कुछ टिप्पणी देंगे ?
🌎अजीब कानून है भैया……

गाय का चारा खाया तो जेल भेज दिया……

और जो गाय को खा रहा है उसको हज के लिए भेजते हो l
🌎ये जो नीचे एक वाक़या (कश्मीर का) लिखा है वो कोई मज़ाक नहीं है, कल ये आपके शहर में भी हो सकता है l
🌎अगर ये अमेरिका, जापान या फिर चाइना में हुआ होता तो इन शांतिप्रिय मजहब वालों को काट कर गटर में फेंक देते l
🌎कुछ दिन पहले NDTV के रवीश कुमार ने RSS के सिन्हा सर से तल्ख़ मुद्रा में पूछा था कि अगर देश में मुस्लिम ज्यादा हो जायेंगें तो कौन सा पहाड़ टूट पड़ेगा ?
इसका एक प्रायोगिक उत्तर कल के एक वाकये ने दिया l
🌎मुस्लिम बाहुल्य “काश्मीर विश्वविद्यालय” में एक फिल्म “हैदर” की शूटिंग चल रही थी, उसके एक दृश्य के फिल्मांकन के लिए तिरंगा झंडा लगाया गया, और कलाकारों को जय हिन्द बोलना पड़ा l
🌎इतना होना था कि विश्वविद्यालय के छात्र उस यूनिट पर टूट पड़े l
🌎फिल्म का सेट तोड़ दिया गया, काफी जद्दोजहद के बाद फिल्म के कलाकारों को बाहर निकाला जा सका l
🌎तिरंगे से उनकी नफरत और जय हिन्द पर आपत्ति इस सबका कारण थी l
🌎पुलिस ने कुछ लोगों को गिरफ्तार किया लेकिन कालेज प्रशासन के कहने पर छोड़ दिया गया l
🌎ध्यान रहे वो अनपढ़ लोग नहीं, विश्वविद्यालय के छात्र थे l
🌎हाथ जोड़ के विनती है, इसे शेयर करें ये कोई छोटी खबर नहीं है l
🌎ये हमारे देश के सम्मान की बात है एक सुन्दर संवाद……

(एक बार ज़रूर पढ़ें )
🌎बी एस सी के छात्र का कॉलेज का पहला दिन……

(गले में बड़े-बड़े रुद्राक्ष की माला)

प्रोफेसर– बड़े पंडित दिखाई देते हो, लेकिन कॉलेज में पढ़ाई लिखाई पर ध्यान दो…… पूजा पाठ घर में ही ठीक है l

(क्लास के सभी बच्चे ठहाका लगाते हैं)

छात्र (विनम्रता से)– सर, आप मेरे गुरु हैं, और सम्माननीय भी इसलिए आपकी आज्ञा से ही कुछ कहना चाहूँगा l
🌎शिक्षक कहते हैं– बोलो ?

छात्र– सर, जब ऐसे छोटे कॉलेज छोड़िये आई आई टी और मेडिकल कॉलेज तक में मुस्लिम छात्र दाढ़ियाँ बढ़ाकर या टोपी चढ़ाकर जाते हैं और कितनी भी बड़ी लेक्चर हो क्लास छोड़कर नमाज़ के लिए बाहर निकल जाते हैं तो शिक्षकों को वो धर्मनिष्ठता लगती है l
🌎जब क्रिश्चियन छात्र गले में बड़े बड़े क्रॉस लटकाकर घूमते हैं तो वो धर्मनिष्ठता हैं, और ये उनके मजहब की बात हुई l
🌎और आज आपके सामने इसी क्लास में कितनी ही लड़कियों ने बुर्का पहना है, और कितने ही बच्चों ने जाली – टोपी चढ़ा रखी है तो आपने उन्हें कुछ नहीं कहा तो आखिर मेरी गलती क्या है ?

क्या बस इतना कि मैं एक हिंदू हूँ l
🌎शिक्षक क्लास छोड़कर बाहर चला गया ।
🌎1 मिनट चैटिंग छोडकर इस पोस्ट को जरूर पढेँ… वर्ना सारी जिन्दगी चैट ही करते रह जाओगे l
🌎आँखों से पर्दा हटाओ दोस्तों और मशाल जलाओ l

ज्यादा से ज्यादा ये पोस्ट पूरी वाट्सअप पर फैलानी है l

🌺🌺🙏

Posted in PM Narendra Modi

बात सितम्बर 2016 की है, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाई प्रहलाद मोदी की बेटी निकुंजबेन का को निधन हो गया था। वो 41 साल की थीं l दरअसल उ निकुंजबेन को कई सालों से हार्ट की बीमारी थी और जब मोदी जी को उनके मौत की ख़बर मिली तो उनकी आखें भर आई l लेकिन इन सब के बाद भी पीएम ने अपने काम के प्रति पूरी निष्ठा दिखाई l  

पीएम के भाई प्रहलाद मोदी के मुताबिक नरेन्द्र मोदी उस समय चीन में हो रहे जी -20 समिट में भाग लेने गये हुए थे और समिट खत्म होते ही भारत लौटने के बाद निकुंज की सेहत के बारे में पूछा था l इतना ही नही उन्होंने अंतिम संस्कार के बाद भी फोन करके जानकारी ली थी। इनके परिवार का आत्म-सम्मान ही इनका आत्म-गौरव है l निकुंजबेन की आर्थिक स्थिति सही नहीं थी, उनके पति जगदीश कुमार एक निजी कंपनी में काम करते हैं और निकुंज इनकम बढ़ाने के लिए सिलाई और बच्चों को ट्यूशन पढ़ाती थी l वो सब अपने परिवार के साथ किराए के मकान में रहते थे लेकिन ये इनका आत्म गौरव समझिए या बड़प्पन, देश के प्रधानमंत्री की भतीजी होने के बावजूद भी कभी भी किसी के सामने अपने चाचा का नाम नही लिया, और न ही कभी किसी से किसी प्रकार की सहायता मांगी । इतना सब कुछ होने के बावजूद भी इस महान शख्सियत ने कभी भी छुट्टी नही ली l नरेंद्र मोदी के सबसे बड़े भाई सोमाभाई गुजरात के स्वास्थ्य विभाग में कर्मचारी थे, और अमृत जी उनके दूसरे भाई हैं। प्रहलाद जी राशन एसोसिएशन डीलर है, और पंकज भाई मोदी सबसे छोटे हैं। मोदी के पिता दामोदर दास मोदी चाय की दुकान चलाते थे।