Posted in भारत का गुप्त इतिहास- Bharat Ka rahasyamay Itihaas

देश के लोग ये तो जानते है कि चीन ने हमें 1962 में हराया पर ये नहीं जानते कि 1967 में हमने भी चीन को हराया था।  

चीन ने “सिक्किम” पर कब्ज़ा करने की कोशिश की थी. नाथू ला और चो ला फ्रंट पर ये युद्ध लड़ा गया था. चीन को एसा करारा जवाब मिला था कि चीनी भाग खड़े हुये थे.  इस युद्ध में, 88 भारतीय सैनिक बलिदान हुये थे और 400 चीनी सैनिक मारे गए थे. इस युद्ध के बाद ही सिक्किम, “भारत का हिस्सा” बना था !

इस युद्ध में “पूर्वी कमान” को वही सैम मानेक शॉ संभाल रहे थे जिन्होंने बांग्लादेश बनवाया था।

इस युद्ध के हीरो थे राजपुताना रेजिमेंट के मेजर जोशी, कर्नल राय सिंह , मेजर हरभजन सिंह.

गोरखा रेजिमेंट के कृष्ण बहादुर , देवीप्रसाद ने कमाल कर दिया था !! जब गोलिया ख़तम हो गयी थी तो इन गोरखों ने कई चीनियों को अपनी “खुखरी” से ही काट डाला था ! कई गोलियाँ शरीर में लिए हुए मेजर जोशी ने चार चीनी ऑफिसर को मारा ! वैसे तो कई और हीरो भी है पर ये कुछ वो नाम है जिन्हें वीर चक्र मिला और इनकी वीरगाथा इतिहास बनी !!

मैं किसी पोस्ट को शेयर करने के लिये नहीं कहता पर इसे शेयर करो ताकि अधिक से अधिक लोग जाने,दुःख की बात है कि बहुत कम भारतीयों को इसके बारे में पता है !!

सुनील गुप्ता

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