नेहरू भले ही मर गया, पर कश्मीर में समस्या हमेशा हमेशा के लिए बना गया
ये जो जम्मू कश्मीर का आप नक्शा देख रहे है, ये जम्मू कश्मीर का पूरा नक्शा था, 1947 से पहले
भारत जब आज़ाद हुआ और मुसलमानो और गाँधी-नेहरू ने देश के टुकड़े किये, तो जो इस नक़्शे पर 7 नंबर वाला इलाका है, वो मुस्लिम बहुल था, वहां हिन्दुओ को बड़े पैमाने पर मारा गया, और पाकिस्तान ने वहां कब्ज़ा कर लिया
तबतक जम्मू कश्मीर भारत में शामिल नहीं हुआ था, राजा थे हरी सिंह
जब उन्होंने देखा की 7 नंबर वाले इलाके पर जिहादियों ने कब्ज़ा कर लिया है, और पाकिस्तान उनके साथ है, वो श्रीनगर तक आ रहे है
तब जाकर हरी सिंह ने भारत में मिलने का मन बनाया और भारत में मिल गए
अब जानिये भारत में मिलने के बाद क्या क्या हुआ
नक्शे में दिखाया 7 नम्बर POK है जो कश्मीर का मात्र 1.7% है।
भारत में मिलने से पहले बस पाकिस्तान के कब्जे में यही इलाका था, जबकि नक्शे में दिखाया गया 5 नम्बर भी कश्मीर का हिस्सा है और इसे भी कश्मीर के राजा हरिसिंह भारत गणराज्य में विलय कर गए थे जिस पर पाकिस्तान ने तब कब्जा कर लिया था जब नेहरु ने अपनी फौजें वहां नहीं भेजी थीं। नेहरु ने गिलगिट-बाल्टिस्तान के लोगों के साथ धोखा किया था।
तो 5 नंबर वाला इलाका भी नेहरू द्वारा भारतीय फ़ौज न भेजे जाने के कारण पाकिस्तान ने कब्जा लिया, जो आज गिलगिट-बाल्टिस्तान है
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उससे भी ज्यादा बड़ा गलत काम नेहरू ने इलाके नंबर 6 में किया। ये कश्मीर का 1.6 % भाग है जिसे “घाटी” कहते हैं। सिर्फ इस भाग को पुरे राज्य की दो तिहाई विधानसभा सीटें दी गईं हैं।
सिर्फ यही भाग जम्मू -कश्मीर में सरकार चुनता है, मतलब इस छोटी सी घाटी की सरकार बनाने में सबसे बड़ी भूमिका होती है, जबकि आपको बता दें की ये इलाका जम्मू से जनसख्याँ और छेत्रफल दोनों में छोटा था पर फिर भी नेहरू ने इस इलाके में यानि घाटी में सबसे ज्यादा विधानसभा सीट बनवा दी
इसका प्रमुख कारण ये था की, उस ज़माने में भी ये इलाका मुस्लिम बहुल था, जबकि जम्मू हिन्दू बहुल
और नेहरू चाहता था की इतिहास में कभी जम्मू कश्मीर में हिन्दू मुख्यमंत्री बने ही नहीं, सिर्फ मुस्लिम ही पुरे जम्मू कश्मीर पर राज करे
और हुआ भी ऐसा, आजतक कोई भी हिन्दू जम्मू कश्मीर का मुख्यमंत्री नहीं बना है, चूँकि अधिकतर सीट कश्मीर में है, वैसे हिन्दू को कश्मीर से भगाये जाने के बाद, कश्मीर में 99% मुसलमान ही है
इस घाटी को मुफ्तियों और अब्दुल्लाओं ने कब्जा में ले रखा है। यही भाग पाकिस्तानी आतंकवाद को पनाह देता है और आतंकवाद से लड़ने के नाम पर हर साल सिर्फ यही क्षेत्र केंद्र से लाखों करोड़ का पॅकेज लेकर गुलछर्रे उड़ा रहा है।
मुफ्तीज और अब्दुल्लाज की चमड़ी मोटी होती जा रही है और ये खुद आतंकवाद फैलवाकर सत्ता के साथ हर साल लाखों करोड़ों के विशेष पैकेज का खेल 70 साल से खेल रहे हैं। ये कहते हैं के ये बोर्डर का इलाका है जो बिलकुल झूँठ है। सिर्फ इस 1.6% भाग ने पूरे कश्मीर को अस्थिर कर रखा है।
ये हाल किया था नेहरू ने जम्मू कश्मीर का, नेहरू भले ही मर गया पर उसके कारनामो के कारण आज भी
भारत में अशांति मची हुई है