जीना इसी का नाम है
एक समारोह में 20वीं सदी के महान हास्य अभिनेता ‘चार्ली चैपलिन’ ने ऐसा उम्दा joke सुनाया कि देर तक श्रोताओं की हसीं थमने का नाम नहीं ले रही थी. जब हसीं थमी तो देर तक तालियों का दौर चला. शांति होने पर चैपलिन ने दोबारा वही joke दोहरा दिया. इस बार केवल गिने चुने लोग ही हँसे और ताली तो किसी ने नहीं बजाई. तीसरी बार श्रोताओं के अनुरोध पर जब उन्होंने फिर वहीँ joke सुनाया तो अधिकांश के मुंह पर खीज स्पष्ट रूप से देखने को मिली. यह देखकर जिन शब्दों में चैपलिन ने अपने भाव व्यक्त किये वे कुछ इस प्रकार हैं- यदि आप एक ही joke पर बार बार हंस नहीं सकते, तो किसी एक दुःख को पकड़ कर सदा क्यों रोते रहते हैं? अच्छा तो यह है आप अपने जीवन के हर एक पल का आनंद लें, क्योंकि जिंदगी बहुत खूबसूरत है. स्थाई इस जीवन में कुछ भी नहीं है, न सुख न दुःख. मुसीबतें जैसे आई है वैसे ही चली भी जाएँगी.