Posted in हिन्दू पतन

नोवाखाली दंगा


#काला_पन्ना
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वैसे तो भारत ने एक से एक नाम और तारीखे अपने अंदर समेट रखी है लेकिन एक तारीख और नाम है, जिसको किसी भी भारतीय को न भूलना है और न ही भूलने देना चाहिए।

10 अक्टूबर 1946 में हुए #नोवाखाली_दंगा वो घटना है जिसने भविष्य में पाकिस्तान और बांग्लादेश में होने वाली घटनाओ को बता दिया था और यह भी समझा दिया था की गांधी जी का गांधीवाद एक ऐसी नपुंसक सोंच है जो भारत और हिंदुओं को गर्त में ले जायगी।

मैं ज्यादा नोवाखाली पर नही लिखूंगा क्योंकि मेरी लेखनी रक्तमय हो जायेगी। आप गूगल करले और विस्तार से पढ़ लीजिये।

10 अक्टूबर 46 को नोवाखाली में मुस्लिमो के हजूम द्वारा हफ़्तों तक हिंदुओं को काटा और लूटा गया था। हिन्दू स्त्रियों का बलात्कार किया गया और जबरन धर्मान्तरण कराया गया था। हिंदुओं पर जजिया टैक्स लगाया गया था और मुस्लिम लीग को रुपये देने पड़े थे।

इस दंगे में कितने हिन्दू मारे गए उसकी असली संख्या तो कभी भी सामने नही आयी लेकिन विभिन्न श्रोतो से मिली सूचना के आधार पर यह संख्या 10000 तक बताई जाती है।

इस एकतरफा हिंदुओ के संहार से ब्रिटिश सरकार हिल गयी थी और उसने उस वक्त के बंगाल के मुख्यमंत्री सुहरावर्दी की मदद से इस दंगे की रिपोर्ट दबा दी थी। हिंदुओं की कतार सुनकर, गांधी जी भी अपनी गांधी वादिता को अजमाने वहां गये थे और लगभग 4 महीने वो नोवाखाली में रहे थे।

इन 4 महीने में गांधी जी जैसे गये थे वैसे ही लौट आये थे। इन पुरे 4 महीनो में एक भी हिन्दू परिवार को वापस नोवाखाली में पुनर्स्थापित नही कर पाये थे। जबरन बनाये गए मुस्लिमो में से एक को भी शरण नही दे पाये और न ही फिर से हिन्दू बनवा पाये थे। परिस्थिति से समझौता कर लेने की बस गाँधीवादी ज्ञान दे आये थे।

नोवाखाली का सच अंग्रेजो ने छुपाया था और मुस्लिम लीग ने छुपाया था। स्वतंत्रता के बाद कांग्रेस ने और वामपंथियो ने और सेकुलरो ने छुपाया। चन्द पन्नों में यह बात दबा दी गयी कि जब दंगे नोवाखाली में शांत हुए तो 100% हिन्दू मुस्लिम बना दिया गया था।

यह बड़ा हास्यपद है कि लोग अभी भी पूछते है की पाकिस्तान और बांग्लादेश के हिन्दू कहा गये?

जिन्नहा के भरोसे पर रुक गये हिन्दुओ का वहीं होना था जो नोवाखाली में हुआ था। गांधीवाद के समझौते वाली सीख ने उन्हें नपुंसक बना दिया था।

हर घटना जो बुरी होती है उससे भागना नही चाहिये। वो हमे भविष्य के लिये सीख देती है और वास्तिविकता से हमारा मुँह चुराना बन्द करती है।

#नोवाखाली_दंगा हमारी गांधीवाद की लाश है।

गांधी मेरे लिये सड़ी लाश है।

अंतिम सत्य यही है की कृष्ण का निर्मोही होना ही हमे शांति देगा। #cp पुस्कर जी

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