ॐ..🙏: ब्रह्ममुहूर्त’ में जागने से फायदे….
हिन्दु धर्मानुसार जीवन में सुखद और बेहतर नतीजों की प्राप्ति के लिए प्रतिदिन एक खास वक्त में जागना बहुत ही शुभ माना गया है। यह विशेष समय ब्रह्ममुहूर्त कहलाता है ।

दरअसल, ब्रह्ममुहूर्त का धार्मिक , अध्यात्मिक , मानसिक वा शारीरिक सभी नजरिए से बहुत महत्व माना गया है। हिन्दु ऋषि मुनियों, योग गुरुओं के अनुसार अगर कोई भी इंसान जीवन के हर क्षेत्र में मनवाँछित परिणाम चाहता है तो वह नित्य ब्रह्म मुहूर्त में जागना शुरू करें उसे निश्चित ही बेहतर नतीजे प्राप्त होंगे ।
आम भाषा में ब्रह्म मुहूर्त का समय सुबह सूर्योदय से पहले चार– पांच बजे के बीच का माना जाता है। किंतु हमारे धर्म शास्त्रों में के अनुसार रात के आखिरी प्रहर का तीसरा हिस्सा या चार घड़ी तड़के तक ही ब्रह्ममुहूर्त होता है।
मान्यता है कि ब्रह्म मुहूर्त में जागकर अपने इष्ट देव की ध्यान , पूजा, अध्ययन और किसी भी शुभ कर्मों को करना बहुत ही शुभ होता है। कहते है की इस समय ईश्वर ज्ञान, विवेक, सुख, शांति , सद्बुद्धि, निरोग और सुंदर शरीर, प्रदान करते हैं। इस समय भगवान की पूजा अर्चना के बाद दही, घी, आईना, अपने माता पिता, पत्नी, बच्चो और फूलमाला के दर्शन भी बहुत पुण्य प्रदान करते हैं।
ब्रह्म मुहूर्त में वेद मन्त्रों के उच्चारण से वातावरण बहुत शुद्ध हो जाता है और मन को असीम शांति एवं पुण्य की प्राप्ति होती है । वाल्मीकि रामायण के अनुसार भगवान श्री हनुमान माता सीता को ढूंढते हुए ब्रह्ममुहूर्त में ही अशोक वाटिका पहुंचे थे, जहां पर उन्होंने वेदों के मंत्र उच्चारण की आवाज सुनी थी और उनका मन प्रफुल्लित हो गया था ।

अच्छी सेहत, मानसिक एवं शारीरिक दृढ़ता पाने के लिए भी ब्रह्ममुहूर्त सबसे उपर्युक्त समय है, क्योंकि इस समय वातावरण में प्राणवायु , आक्सीजन की मात्रा अधिक होती है।
: सुबह जल्दी उठने से प्राप्त होते हैं ये पांच लाभ…ये भी है
वर्णं कीर्तिं मतिं लक्ष्मीं स्वास्थ्यमायुश्च विदन्ति।
ब्राह्मे मुहूर्ते संजाग्रच्छि वा पंकज यथा॥
अर्थात– ब्रह्म मुहूर्त में उठने से व्यक्ति को 1. सुंदरता, 2. लक्ष्मी, 3. बुद्धि, 4. स्वास्थ्य, 5. आयु आदि की प्राप्ति होती है। ऐसा करने से शरीर कमल की तरह सुंदर हो जाता है।
क्या लिखा है शास्त्रों में?
वेदों में भी ब्रह्म मुहूर्त में उठने का महत्व और उससे होने वाले लाभ का उल्लेख किया गया है।
प्रातारत्नं प्रातरिष्वा दधाति तं चिकित्वा प्रतिगृह्यनिधत्तो।
तेन प्रजां वर्धयुमान आय रायस्पोषेण सचेत सुवीर:॥
– ऋग्वेद-1/125/1
अर्थात- सुबह सूर्य उदय होने से पहले उठने वाले व्यक्ति का स्वास्थ्य अच्छा रहता है। इसीलिए बुद्धिमान लोग इस समय को व्यर्थ नहीं गंवाते। सुबह जल्दी उठने वाला व्यक्ति स्वस्थ, सुखी, ताकतवाला और दीर्घायु होता है।
यद्य सूर उदितोऽनागा मित्रोऽर्यमा। सुवाति सविता भग:॥
– सामवेद-35
अर्थात- व्यक्ति को सुबह सूर्योदय से पहले शौच व स्नान कर लेना चाहिए। इसके बाद भगवान की पूजा-अर्चना करना चाहिए। इस समय की शुद्ध व निर्मल हवा से स्वास्थ्य और संपत्ति की वृद्धि होती है।
उद्यन्त्सूर्यं इव सुप्तानां द्विषतां वर्च आददे।
अथर्ववेद- 7/16/२
अर्थात- सूरज उगने के बाद भी जो नहीं उठते या जागते उनका तेज खत्म हो जाता है।
अच्छे स्वास्थ्य का रहस्य
हमारे धर्मग्रंथों में ब्रह्म मुहूर्त में उठने का सबसे बड़ा लाभ अच्छा स्वास्थ्य बताया गया है। क्या है इसका रहस्य? दरअसल सुबह चार बजे से साढ़े पांच बजे तक वायुमंडल में यानी हमारे चारों ओर ऑक्सीजन अधिक होती है। वैज्ञानिक खोजों में भी पता चला है कि इस समय ऑक्सीजन गैस की मात्रा अधिक होती है। सूर्योदय के बाद वायुमंडल में ऑक्सीजन कम होने लगती है और कार्बन डाईआक्साइड बढऩे लगती है। ऑक्सीजन हमारे सम्पूर्ण कोशिकाओं को नई स्फूर्ति और ताज़गी प्रदान करती है ।..आध्यात्मिक ,मानसिक ,बौद्धिक व सर्वांगीण विकास का आधार है ..ब्रह्म मुहूर्त में उठना।