हमे पढ़ाया अकबर महान, तो फिर ‘#महाराणा’ कौन थे ?
क्या वो नहीं महान जो बड़ी-बड़ी सेनाओं पर चढ़ जाता था !
या फिर वो महान था जो सपने में प्रताप को देख डर जाता था !!
रणभूमि में जिनके हौसले दुश्मनों पर भारी पड़ते थे !
ये वो भूमि है जहॉ पर नरमुण्ड घण्टो तक लड़ते थे !!
रानियों का सौन्दर्य सुनकर वो वहसी कई बार यहाँ आए !
धन्य थी वो स्त्रियाँ,जिनकी अस्थियाँ तक छू नहीं पाए !!
अपने सिंहो को वो सिंहनिया फौलाद बना देती थी !
जरुरत जब पड़ती,काटकर शीश थाल सजा देती थी !!
पराजय जिनको कभी सपने में भी स्वीकार नही थी !
अपने प्राणों को मोह करे,वो पीढी इतनी गद्धार नहीं थी !!
वो दुश्मनों को पकड़कर निचोड़ दिया करते थे !
पर उनकी बेगमों को भी माँ कहकर छोड़ देते थे !!
तो सुनो यारों एेसे वहशी दरिन्दो का जाप मत करो !
वीर सपूतों को बदनाम करने का पाप अब मत करो !!