बहुत ध्यान से पढ़ना, समझना और अब कुछ दिन गम्भीरता से इस पर काम भी करना
कोई मुग़ालते में मत रहिये… मोदी ने शायद बीजेपी के कुछ नेताओं और पत्रकारो से भी पंगा ले लिया है जो काले धन में गढे है । शीर्ष पर ये आदमी बहुत अकेला है। उनके गोआ वाले भाषण में ये बात बहुत उभर कर सामने आई हैं। ये शख़्स बहुत ज़िद्दी भी है। भले ये बर्बाद हो जायेगा लेकिन अब यहॉं से ये लौटेगा नहीं। अब मोदी आरपार की लड़ाई में है। अब इनको सिर्फ़ देशवासियों का ही सहारा है।
ज़मीनी नेता होने की वजह से इनमें एक ख़ास क़िस्म का साहस भी है जो कभी-कभी दुस्साहस की सीमा को भी छू आता है।
अगर मोदी इन ५० दिनों में फ़ेल होते हैं तो ये ख़ुद तो ख़त्म हो ही जायेंगे लेकिन देश भी मुसीबत में फँस जायेगा। निजी स्वार्थ में ही सही लेकिन अगले ५० दिन हमें इस आदमी का साथ देना ही पड़ेगा। अब देश दॉंव पर है!!
आप भी साथ दे
एक विनम्र निवदेन ……..
आप सभी से निवेदन है की मोदी जी के मीडिया आपको ही बनना पड़ेगा ।
लोगों को असुविधा हो रही हो तो साधारण लोगों को मोदी के खिलाफ करने की कोशिश सिरे चढ़ते देर नही लगती ।
ऐसा होने से आप बचाएंगे ।
मैं किसी भी पार्टी का भक्त नही हूँ।
पर मोदी तो आज भारत की सबसे बड़ी धरोहर है इसको संजोये रखना हमारी सबसे बड़ी जिम्मेदारी है आज।
इसलिए आप सबसे हाथ जोड़कर अपील करता हूँ कि इस युगांतरकारी कार्य में देश आपके धैर्य सहयोग और समर्पण की आवश्यकता महसूस कर रहा है । अगर आपने कभी माँ भारती की जय बोली है ।
भगतसिंह राजगुरु सुखदेव को श्रद्धा सुमन अर्पित किये है। जय हिन्द के नारे लगाये हैं । नेताजी सुभाष चन्द को आपना आदर्श पुरुष माना है । तो आज आपकी आवश्यकता ये देश महसूस कर रहा है। आज वक्त आ गया है की जिस व्यक्ति ने आपनी मातृभूमि के लिए अपना घर परिवार भाई बान्धव और यहाँ तक की जीवन संगनी को छोड़ कर सब कुछ हमारे उत्थान को ही जीवन का लक्ष्य बनाया हो ।उसे आज हम भी अहसास करा दें की उनका निर्णय किसी भी तरह गलत नही था ।
आज कविवर नीरज की पंक्तिया जीवंत हो रही है।
मेरे हिमालय के पासबानो। गुलिस्तां के बागबानों।
उठो सदियों की नींद तजके तुम्हे वतन फिर पुकारता है।
लिखो बहारों के नाम ख़त ऐसा की फूल बन जाये ये खार सारे।
लगा दो रौशनी की कलमें कि जमीं पर उगने लगें सितारे।।
पलट दो पिछले हिसाब ऐसे ,उल्ट दो गम के नकाब ऐसे,जैसे सोई हुई कली का घूंघट भंवरा उघाड़ता है।
उठो सदियों की नींद ताज के की तुम्हे वतन फिर पुकारता है।।
मित्रो यदि आपकी आत्मा मेरे विचार का साथ देती है तो आपसे अनुरोध है की इस पोस्ट को अधिक से अधिक शेयर करें
🙏
[19/11, 6:56 p.m.] Ketanbh Dhakan: મૂર્ખ સમજ ધરાવતા કહે છે.
મગર પકડવા આખુ તળાવ ખાલી કરાવ્યું જેમાં નિર્દોષ માછલીઓ મરી ગઈ.
પણ…
મગરને પકડવા તળાવ ખાલી નથી કરાવ્યુ પણ બીજુ ખાલી તળાવ ખોદી મોટી જાળી મુકી પાણી નવા તળાવમાં ફેરવ્યુ જેમા માછલીઓ તો નીકળી શકે પણ મગર ચોક્કસ ફસાઈ જાય..!
સમજાય તેને સલામ…🙏