कूद पड़ा है, “अभिमन्यु” रणक्षेत्र मे,
क्या वो चक्रव्यूह तोड़ पायेगा..??
कौरव हो रहे है एक,
क्या अभिमन्यु अकेला रह जायेगा…?
हे समय के ‘अर्जुनो’, हो जाओ एक,
काल के कपाल पर वरना,
एक अमिट निशां रह जायेगा..!!
मत मरने देना इस अभिमन्यु को,दुष्ट कौरवों के हाथों
वरना तुम्हारी हर संतान,बच्चा-बच्चा पछतायेगा..!!!
कूद पड़ा है, “अभिमन्यु” रणक्षेत्र मे,
क्या वो चक्रव्यूह तोड़ पायेगा..??
(मैं मोदी के साथ हूँ)