आज अखिलेश यादव और मायावती को बैंक में लाइन बहुत ज्यादा खल रही है।
जब 72825 के लिए 70 जिलो से 500-500 के ड्राफ्ट बनवाने के लिए जो लाइन लगवाई थी क्या उसमे गोलगप्पे बाटे जा रहे थे ?
सर्दी बरसात में लाइन लगवा कर खून पसीने की कमाई को दांव पर लगवाया था।
क्या वो जनता नहीं थी, इस जनता को तो फिरभी अपने पैसे वापस मिल जायेगे लेकिन लाखो अभ्यर्थियों के करोड़ों रुपये के हिसाब का क्या