प्रवीणचन्द्र कवा to इतिहास बचाएँ, देश बचाएँ ! (Itihaas Bachaen, Desh Bachaen !)
🕉🔴🕉🔶🔶 ——॥ चाणक्य अर्थशास्त्र संक्षेप सार ॥ ——-
********** विश्व के अनेक राष्ट्रो ने चाणक्य के अर्थशास्त्र का अभ्यास किया उस आधारित अपनी राज्य व्यवस्था की , जर्मन मे चाणक्य का अर्थशास्त्र एवं नीति पढ़ाई जाती है । दुख तो इस बात का है की जवाहर ने चाणक्य की अवहेलना की थी ।
क्या है अर्थशास्त्र मे ?——राज्य मे वन , उपवन , अभयारण्य बनाना अनिवार्य था , पशुवध मनमानित रीत से नहीं होता था , गौहत्या तथा हाथी हत्या पर मृत्युदंड मिलता था , व्यापार सुविधा के लिए चांदी के सिक्के थे , कालाबाझरी एवं संग्रह पर प्रतिबंध था , अति उत्पादन के कारण मूल्य गिरता तो राज्य हस्तक्षेप करके मूल्य निर्धारित करते थे , व्यापारी को तुला ( तराजू ) का निरीक्षण प्रति चार मास मे करवाना पड़ता था , विदेशी वस्तु आयात –निर्यात पर ध्यान रखा जाता था ,
स्वदेशी वस्तु पर 5% एवं विदेशी वस्तु पर 10% कर रखा था , अतः स्वदेशी को प्रोत्साहन मिले ,( 8 वे दशक मे बाजपाई ने यह सुचन किया था , किन्तु कार्यान्वित न हुआ । )
🔴—[][] वित्तीय सहाय ——-धन की लेनदेन पर व्याज की प्रथा थी , ऋण देते समय प्रतिभू की अवश्यकता रहती थी ,
वस्तु एवं खाद्यान्न की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान रहता था ,
विवाह विच्छेद मे पुरुष को पालनपोषण करना पड़ता था , पत्नी का ऋण पति को , पिता का ऋण पुत्र को चुकाने का प्रावधान उस समय था । विदेश जाते समय ऋणमुक्ति का प्रमाणपत्र प्राप्त करना पड़ता था ,
🔴भवन निर्माण —- राज्य को मानचित्र दिखाकर ऐसा भवन बनाना की पड़ोसियों परोक्ष रीत से कोई हानी न हो ,
पिता की संपति पर पुत्री का समान अधिकार था ,
राज्य के अल्पाहार एवं भोजनालय का निरीक्षण सप्ताह मे एक बार होता था ।
[][][][] 🔴क्या आज भी चाणक्य का अर्थशास्त्र प्रस्तुत नहीं है ?
Even the History knows well that the Nehru was a agent of the british Goverment and uncapable politician on the indian history,sardar vallabhbhai patel was thousand times better than Nehru and also kashmir problem was the brainchild of this so called “Chacha or Pandit Nehru”.
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