Posted in भारत का गुप्त इतिहास- Bharat Ka rahasyamay Itihaas

Tipu


कल्पना सक्सेना's photo.
कल्पना सक्सेना

जिस प्रकार हिंदू बीरोधी इतिहासकरो ने इसका चेहरा बदल दिया,

उसी प्रकार इसके काले इतिहास को स्वर्णिम काल बना दिया,

ये नीच जितना भयानक और बिभत्स दिखता है,

इसका शासन काल भी इतना ही भयानक और बिभत्स था,

इसके नाम ७८०० मंदिरो को तोड़ने का कीर्तिमान दर्ज है,

इस्लाम स्वीकार ना करने वाले गाव के गाव इस कुरूप जानवर ने फुकवा दिए,

वहाँ के रहने वाला कोई भी हिंदू जिंदा ना बच जाए,

इसके लिए गाव के चारो और अपने सैनिको की तैनाती करता था,

ऐसे नीच की जयंती,

इस देश मे मलेच्छ डी एन ए वाली खांग्रेस्स ही मना सकती है.

Posted in श्री कृष्णा

श्रीकृष्‍ण यूनान से आए या वहां गए



…. श्रीकृष्‍ण यूनान से आए या वहां गए…

भारत में धर्म और आस्‍था के मूलाधार श्रीकृष्‍ण को माना गया है। उनके गीता में कहे गए वचनों पर कौन विश्‍वास नहीं करता। भारत में छपने ज्‍यादा छपने और बिकने वाला ग्रंथ ही श्रीमद़भगवदगीता है। किंतु, यूनान की माइथोलॉजी बताती है कि श्रीकृष्‍ण का यूनान के साथ गहरा संबंध रहा है। सबसे पहले प्रो. भांडारकर और जेकोबी ने इस संबंध में अपने मत दिए थे। हाल ही मेरे परम सहयोगी इंडोलॉजी के विद्वान प्रो. भंवर शर्मा, उदयपुर ने यूनानी माइथोलॉजी का अनुवाद किया तो पाया कि भारतीय कृष्‍णकथा का अद़भुत संबंध यूनान से रहा है। एक-एक कथा प्रसंग में यूनान पैठा हुआ है। फिर, श्रीकृष्‍ण के साथ
जिस मुद्रा का संबंध हरिवंश में बताया गया है, वह ‘दीनार’ है। यह कहां की मुद्रा है, हरिवंश में आया है –
माथुराणां च सर्वेषां भागा दीनारका दश।।
सूतमागध बंदीनामेकैकस्‍य सहस्रकम़। (हरिवंश, विष्‍णुपर्व 55, 51-52)
पढने वालों को गुस्‍सा भी हो सकता है, फिर यह भी कहा जा सकता है कि भारत से ही यह कथा यूनान गई….

उनके अनुवाद-अध्‍ययन के कुछ प्रसंग :
क्रीट के राजा देवक्‍लीयन का सबसे बडा पुत्र हेलेन सभी ग्रीकों का पिता कहा गया है। इससे इओनियन, एकियन, एओलियन और डोरियन– चार वंश चले। हेलेन, हेली, हेलीली आदि श्रीकृष्‍ण के ही नाम हैं – गोपालसहस्रनाम स्‍तोत्र में आया है – कोलाहलो हली हाली हेली हल धरो प्रियो। (श्‍लोक 20)

क‍था आई है कि स्‍वर्ग के राजा यूरेनस ( तुलनीय -उग्रसेन) को क्रोनस (कंस) राज्‍य छीनकर अपनी बहन ह्रिया को (पत्‍नी बनाकर, महाभारत काल में ऐसी परंपरा के प्रसंग महाकाव्‍य में आए हैं) अपने अधिकार में कर लेता है। दिवंगत होते हुए उसकी माता पृथवी और पिता यह भविष्‍य करते हैं- क्रोनस को उसके बहन के पुत्रों में से एक राजसिंहासन से हटाएगा। वह पांच बच्‍चों को जिंदा खा गया। बहन ह्रिया घबरा गई। उसने अगले पुत्र जयस (श्रीकृष्‍ण का पर्याय जय : पांचजन्‍यकरो रामी त्रिरामी वनजो जय, गोपालसहस्रनाम 47) को जब पैदा किया तो नील नदी ( तु. यमुना) में स्‍नान कराकर भूमि को सौंप दिया जो कि पर्वतीय प्रदेश में ( तु. गोवर्धन पार के गांव में) छिपा आई। वनदेवी इयो (गायों) और अजदेवी (वृष्णि, बकरी) ने उसका लालन पालन किया। कोनस जब ये जान गया तो ह्रिया ने उसे कपडे में पत्‍थर बांधकर दे दिया। वह उसे भी खा गया। जब उसे धोखे का पता चला तो जेयस नाग (कालिय) बन गया।

यह जेयस इडा के पहाडों में बसे ग्‍वालों के बीच बडा हुआ और तरकीब से क्रोनस का पानेरी बना। एक बार उसने क्रोनस को कुछ ऐसा पिला दिया कि उसके पेट से जयस के पूर्व भाई-बहन बाहर आ गए जिन्‍होंने जयस को अपना मुखिया चुना। जेयस ने क्रोनस को अपने वज्र से मार गिराया।
यूनानी माइथोलॉजी के मुताबिक जेयस की पहली विजय, पहली सदी ई. पूर्व के लेखक थालस के अनुसार टाय के घेरे में 322 साल पहले हुई, अर्थात् 1505 ईसा पूर्व। अधिकांश विद्वानों ने कृष्‍ण व कंस का इतिहास में यही काल तय किया है।

इस कथा में एराधिन के साथ जयस के संबंध राधा-कृष्‍ण के प्रसंगों के परिचायक है। जेयस ने बैल का रूप धरकर लीबिया की राजकन्‍या यूरोपी (तु. रुकमिणी) का हरण किया। उससे तीन पुत्र हुए मीनो, राधामंथिस और सर्पदन। मीनों क्रीट के शासक हुए और राधामंथिस स्‍मृतिकार। मीनों की पत्‍नी पेसिफी हुई जो सबके लिए चमक लिए थी, अर्थात् कीर्ति। पुराणों में वृषभानु की पत्‍नी का नाम भी कीर्ति ही आया है।

अगली एक कथा में एद्रोस्‍टस ( तु. द्रुपद) की पुत्री देयदामिथा (द्रोपदी) चचेरे भाइयों के रूप में शतम् (कोरव) और नेस्‍टर (घोंसले वाला, शकुनी) आदि के आख्‍यान है…। है न भारतीय पुराणों की कथा की साम्‍यता रखने वाला प्रसंग…। यवनों ने विदिशा में हेरक्‍लीज का स्‍तंभ बनाया। यह हेरक्‍लीज ही हरिकृष्‍ण है जो ग्रीक साहित्‍य में बहुत महत्‍व रखता है। (न्‍याय, अजमेर के दीपावली अंक, 1962 में प्रकाशित प्रो. शर्मा का लेख और साक्षात्‍कार पर आधारित)

 

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टीपू सुल्तान


मित्रो इस पोस्ट को शेयर कर आप उस हर सेक्युलर के मुँह पर तमाचा मार सकते हो-जो हत्यारे, बलात्कारी मुस्लिम टीपू सुल्तान को हीरो बना रहे है
ये तलवार है उसी टीपू सुल्तान की और उसने अपने तलवार पर क्या लिखवाया है ,वो दुनिया चश्मा लगा कर पढ़ सकता है,कांग्रेस इसी जिहादी को हीरो बना कर जबरजस्ती जयंती मना रही है
जबकि कर्णाटक में इस दिन को हर साल काले दिन के रूप में मनाया जाता है
टीपू सुल्तान ने हज़ारो मंदिर तोड़े और 5 लाख हिन्दुओ को जबरजस्ती मुस्लिम बनाया था
25 हज़ार हिन्दुओ ने तुंगभद्रा नदी में कूदकर जान दे दी

टीपू सुल्तान ने अपने सैनिको को आदेश दिया था ” 20 से कम उम्र के हिन्दू को गुलाम बनाओ, 20 से ज्यादा वाले को
क़त्ल कर दो, हिन्दू महिलाओं को आपस में बाँट लो”
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जिन जिहादियों ने हिन्दुओ का क़त्ल किया जैसे औरंगजेब, टीपू सुल्तान इत्यादि कांग्रेस उनको हीरो बनाती रहती है, लाखो हिन्दुओ के कातिल, और कृष्ण मंदिर तथा काशी मंदिर तोड़ने वाले औरंगजेब के नाम का कांग्रेस ने सड़क भी दिल्ली में बनवाया हुआ था
अब ये कांग्रेस, टीपू सुल्तान को हीरो बना रही है, हे देशभक्तो इस पोस्ट को
शेयर करो, और देशद्रोही कांग्रेस की सच्चाई देश के सामने ले आओ

Loksabha Varanasi-लोकसभा वाराणसी's photo.
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सरदारों पे जोक सुनते हो अब ये पढ़ो.


सरदारों पे जोक सुनते हो अब ये पढ़ो…
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1-एक सरदार हुआ हुआ है इस दुनिया मे उसका नाम है सरदार हरी सिंह नालवा इसकी मूर्ति बराक ओबामा अपनी सिट के पीछे लगाना चाहता है पूछो क्यूँ
क्योंकि वो कहता है यही मर्द सुरमा माँ ने पैदा किया है जिसने आज तक अफ़ग़ानिस्तान में राज किया है
2-चल एक और
दो सरदार ट्रेन के निचे आ गये इसलिये नही की शताब्दी प्लेटफार्म पे आ रही थी
बल्की इसलिये की ट्रेन रोकनी जरुरी थी
क्योंकि अंग्रेज स्वतंत्रता सैनानी को बंदी बना के ले जा रहे थे
3-चल एक और
पाकिस्तान आर्मी के भूतपूर्व जनरल का बयान 65 और 71 की जंग हम सरदारों की वजह से हारे
4-चल एक और
पाकिस्तान के जनरल का कहना है अगर पाकिस्तान और हिंदुस्तान की बोर्डर के बिच अगर पंजाब न होता….
तो हिंदुस्तान को पाकिस्तान बनाने में दो घण्टे लगेंगे क्यूँकि आज भी पाकिस्तान सरदारों से डरता है
5-चल एक और
दुनिया में गिनती सिर्फ 2% है और सभी जगह मिलते है सरदार,भारत के 50% से ज्यादा गरीबों का पेट गुरुद्वारे के लंगर(खाना) से भरता है…
Proud to be a sikh…
शेयर करो अगर सहमत हो तो.
सर :सारे जोक्स सरदारों पर क्यूँ बनते है..??
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एक सिख विद्यार्थी :”जब देश कमजोर था तो उससे अपनी बहु-बेटियों को मुगलों से बचाने के लिये सिखों की जरुरत थी.
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सिखों ने रक्षा की (इज़्ज़त बचाई)
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फिर आजादी में सिखों की जरुरत थी,
सिखों ने अपने योग मे 86% शहादत दी और फिर आजादी मिली
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फिर देश को भूख लगी,सिखों ने गेहूँ उगाया और 90%अनाज दिया (भूख मिटी)
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अब देश हँसना चाहता है तो जोक्स भी सरदारों पर.
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यानी सरदार है तो इज़्ज़त है,
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सरदार है तो सुरक्षा है,
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सरदार है तो खाना है,
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और
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सरदार है तो हँसी है,और
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ये सरदार है तो तुम्हारे घरों में पूजा होती है.
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ये सरदार है तभी हमारे बोर्डर पर सुरक्षा होती है
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ये सरदार है तो ज़िन्दगी आसान है.
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ये सरदार देश की शान है.

लो आज सुनो कौन होते है सरदार?
जिसने ऊँच-नीच का फर्क मिटाया
गुरू नानक देव जी सरदार थे;
जिसने हिन्द के लिये सर कटवाया
श्री गुरु तेग बहादुर जी सरदार थे,
जिसने धर्म के लिये परिवार गवाया-
श्री गुरु गोबिंद सिंह जी सरदार थे;
गर्म तवे में बैठ के अपने प्राणों को दिया वार-
श्री गुरु अर्जन देव जी सरदार थे,
देश के लिये फाँसी को गले लगाया-
भगत सिंह सरदार थे,
जालियावाला बाग़ गोलीकांड के हत्यारे को जिसने लंदन जा कर दिया मार-
ऊधम सिंह सरदार थे,
इनके सर सेहरा शहीदी का और गले क़ुरबानी का हार;
ये होता है “सरदार”. ❤ Mission Chardikla ❤ morning

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टीपू सुल्तान के आतंक में था कूर्ग जिला


टीपू सुल्तान के आतंक में था कूर्ग जिला, ‘हिंदुओं का कराया था धर्मपरिवर्तन, हाथियों से कुचलवाया’ !

http://www.hindujagruti.org/hindi/news/59836.html

नई दिल्ली – कर्नाटक सरकार द्वारा आज १० नवंबर को टीपू सुल्तान की जयंती के रूप में मनाने की घोषणा के बाद विरोध और तेज हो गया है। मैंगलोर के कूर्ग जिले के लोगों ने कर्नाटक सरकार के इस निर्णय पर क्रोध व्यक्त करने हुए कहा है कि, वे १० नवंबर को ‘काला दिवस’ के रूप में मनाएंगे। इससे पहले भी कर्इ हिन्दुत्वनिष्ठ दल व संगठनोंने टीपू सुल्तान की जयंती मनाने का विरोध किया हैं।

वहीं, कनार्टक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने टीपू सुल्तान की जयंती के विरोध को बेबुनियाद बताते हुए वह मनाने का समर्थन किया है । वास्तविकता यह है कि, टीपू सुल्तान की जयंती मनाने के कर्नाटक सरकार के निर्णय से कूर्ग के लोगों को आघात पहुंचा है।

‘टीपू सुल्तान एक विश्वासघाती तानाशाह था’

ऐतिहासिक पुस्तकों के कूर्ग लेखक सीपी बेलिअप्पा कहते हैं कि टीपू सुल्तान एक विश्वासघाती तानाशाह था। सीपी बेलिअप्पा महारानी विक्टोरिया द्वारा अपनाई गई कूर्ग राजकुमारी की कहानी पर आधारित ‘विक्टोरिया गौरम्मा’ जैसी लोकप्रिय पुस्तक लिख चुके हैं। बेलिअप्पा ने कहा कि, कूर्ग जिला टीपू सुल्तान के अत्याचारों से प्रताडित था। हैलरी राजवंश के शासनकाल में टीपू सुल्तान ने कई मंदिरों का विनाश किया। काफिरों की हत्या कराई। बडी मात्रा में लोगों का धर्म परिवर्तन भी कराया गया था।

शांति वार्ता के लिए बुलाकर दिया धोखा

बेलिअप्पा के अनुसार, भारी तबाही के बाद जब कूर्ग में युद्ध की स्थिति उत्पन्न हुई तो टीपू सुल्तान ने कूर्ग के लोगों को शांति पर चर्चा के लिए कावेरी नदी के समीप बागामंडला नामक जगह पर बुलाया। कूर्ग के लोगों को फंसाने के लिए यह टीपू सुल्तान की तरफ से बिछाया गया एक जाल था। जब कूर्ग के लोग वहां पहुंचे तो घात लगाकर पहले से बैठे सुल्तान के लोगों ने कूर्गवासियों पर हमला बोल दिया। उन्हें बंधक बनाकर श्रीरंगपट्टनम लाया गया। वहां, बंधकों को खतना कराने और मांस खाने के लिए मजबूर किया गया।

टीपू के न्यायालय में ही मौजूद हैं उनके अत्याचार के साक्ष्य

कूर्ग में टीपू के कामों का सबूत उनकी अपनी ही न्यायालय में मौजूद है। टीपू के जीवनी लेखक और दरबारी मीर हुसैन किरमानी ने इतिहास में कूर्ग में टीपू के कारनामों के बारे में लिखा था। मीर के अनुसार, टीपू सुल्तान ने मूर्तिपूजकों को शिक्षा देने और कूर्ग के शहरों को नष्ट कर वहां अपना अधिपत्य कायम करने के लिए सैनिकों की बड़ी खेप भेजी थी। तब सेना ने हमला कर कूर्ग के कई शहरों को नष्ट कर दिया था। आठ हजार पुरुषों, महिलाओं और बच्चों को कैदी बनाया गया था। कैदियों को भेड के झुंड की तरह एक विशाल समूह के रूप में रखा गया था।

४०,००० कूर्ग को जबरन स्वीकार करवाया था इस्लाम

कुरनूल के नवाब को लिखे पत्र में टीपू सुल्तान ने दावा किया था कि उन्होंने कूर्ग के ४०,००० लोगों को कैदी बनाकर उन्हें इस्लाम स्वीकार करवा कर अहमदी कोर में शामिल किया। टीपू सुल्तान द्वारा इस्लाम में परिवर्तित किए गए कुछ कूर्ग परिवार के वंशज आज भी अपने मूल कूर्ग परिवार के नाम को बनाए रखे हैं। टीपू ने जब कूर्ग में मंदिरों को नष्ट करना शुरू किया था, तब मरकारा स्थित ओमकारेश्वर मंदिर की रक्षा करने के लिए उस शहर के निवासियों ने मंदिर के शिखरों को गुंबदों में बदल दिया था। आज भी वहां गुंबद वाले मंदिर सदियों से बरकरार हैं। मैसूर गजट के अनुसार, तब राज्य में केवल दो मंदिरों में दैनिक पूजा होती थी। गजट में लिखा है कि टीपू ने दक्षिण भारत में लगभग आठ हजार मंदिरों को नष्ट कर दिया था।

बिंदुओं में जानें टीपू सुल्तान पर लगे ये बड़े आरोप

  • माताओं को फांसी दी गई और उनके बच्चों को मां की गर्दन से बांध दिया।
  • नग्न ईसाइयों और हिंदुओं को जंगली हाथियों के पैरों से बांधकर उन्हें दर्दनाक मौत दी।
  • कालीकट में लगभग सभी हिंदुओं को इस्लाम में परिवर्तित किया।
  • कोचीन राज्य में बचे हुए हिन्दुओं को इस्लाम कुबूल कराने के लिए जिहाद किया था एेलान।
  • आधिकारिक भाषा बदल कर कन्नड़ से कर दी फारसी।
  • हिन्दू शहरों और कस्बों का नाम में किया परिवर्तित।
  • वजन और दूरी को मापने की व्यवस्था बदलकर अरबी में की।

सियासी लाभ भुनाने के लिए मनाई जा रही टीपू सुल्तान की जयंती

भाजप के राज्य मीडिया प्रभारी प्रकाश सेशरागावचर ने कहा कि मौजूदा राज्य सरकार सियासी लाभ पाने के लिए टीपू सुल्तान की जयंती मना रही है। उन्होंने कहा कि १७९९ में हुई टीपू सुल्तान की मृत्यू के बाद टीपू सुल्तान के हाथों लिखें करीब २००० पत्र सामने आए थे। भारत में इस्लाम स्थापित करने के लिए टीपू सुल्तान ने ईसाइयों को भी धर्म परिवर्तन के लिए मजबूर किया था। ऐसे में मुख्यमंत्री सिद्धारमैया टीपू सुल्तान को एक धर्मनिरपेक्ष शासक और आदर्श राजा का दर्जा देकर उनकी जयंती मनाना चाहते हैं तो यह सरासर गलत है। मुख्यमंत्री को टीपू सुल्तान से जुड़े ऐतिहासिक साक्ष्य की विशाल सारणी पर नजर डालनी चाहिए।